– पूरा मामला नेताओं और नौकरशाहों की मिलीभगत का उदाहरण – एससी
पहाड़ का सच/एजेंसी
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई की मंजूरी देने के मामले में उत्तराखंड के पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत और पूर्व आईएफएस अधिकारी किशन चंद को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने सीबीआई से कहा है कि वह तीन महीने के भीतर इस मामले में अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट में जमा करवाए।
अपनी टिप्पणी में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किशन चंद पर संगीन आरोप होते हुए भी वन मंत्री हरक सिंह रावत ने उन्हें डीएफओ नियुक्त करवाया था। यह पूरा मामला नेताओं और नौकरशाहों की मिलीभगत का उदाहरण है। सुप्रीम कोर्ट ने जिम कॉर्बेट नैशनल पार्क के बफर जोन में टाइगर सफारी बनाने की भी मंजूरी दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक विशेष समिति का गठन भी किया है, जो इस बात पर विचार करेगी कि क्या देश में राष्ट्रीय उद्यानों के बफर जोन या इससे बिल्कुल सटे हुए इलाक़ों में टाईगर सफारी बनाने की अनुमति दी जा सकती है या नहीं। जिम कॉर्बेट पार्क में सफारी बनाए जाने की प्रस्तावित योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह समिति बनाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने बाघ संरक्षण के लिए भी कई निर्देश जारी किए। कोर्ट ने कहा कि बाघ जंगलों की रक्षा करते हैं, उनके बिना जंगल नष्ट हो जाते हैं।