पहाड़ का सच देहरादून।
रेस्टोरेन्ट की आड़ में नकली नोटों का कारोबार करने वाले नकली नोटों के सौदागर को एसटीएफ ने पटेलनगर क्षेत्र से गिरफ्तार किया है । उससे नकली नोट बनाने की सामग्री के साथ ही 80 हजार रूपए के पांच पांच सौ के नकली नोट, बिना कटिंग के अर्द्ध निर्मित 14 हजार रूपये मूल्य के पांच पांच सौ रूपये के नोट व अन्य सामग्री बरामद हुई है।
मामले की जानकारी देते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि उत्तराखण्ड एसटीएफ को विभिन्न सूत्रो से सूचना मिल रही थी कि कुछ संदिग्ध देहरादून में नकली नोटों का कारोबार कर रहे है। जो त्यौहार होने के कारण अत्यधिक मात्रा में बाजार में खपत किए जा सकते हैं।
सूचना पर एसटीएफ की एक टीम को सक्रिय कर सूचना जुटाई गई तो जानकारी मिली कि परमीत नाम का एक शख्स यह काम कर रहा है। जो आईएसबीटी के पास मूलचन्द एनक्लेव में रहता है। परमीत नकली नोट अपने घर में ही छापकर बाजार में असली के रूप में चला रहा है। एसटीएफ ने उसकी आवाजाही का पता लगाया और लगातार उस पर नजर रखी। पता चला कि वह कैनाल रोड पर अपना रेस्टोरेन्ट भी चलाता है, जिसकी आड़ में वह बाजार में नकली नोटों की खपत कर रहा है।
इस पर एसटीएफ की टीम ने नजर रखते हुए देर रात एक कार को चैक किया। जिसमें सवार परमीत कुमार निवासी ग्राम कुडी खरखोदा थाना खरखोदा मेरठ उत्तर प्रदेश (हाल निवासी मूलचन्द एनक्लेव थाना पटेल नगर) को गिरफ्तार किया। तलाशी लेने पर उसके कब्जे से पांच पांच सौ रुपए की दो गड्डी, करीब 80 हजार बरामद हुए। इसके साथ ही उससे नकली नोट बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाला लैपटॉप, प्रिन्टर, बिना कटिंग के अर्द्धनिर्मित 14 हजार रूपए मूल्य के पांच पांच सौ रूपये के नोट व अन्य सामग्री बरामद हुई है।
पूछताछ में परमीत ने बताया कि उसका कैनाल रोड पर अन्नपूर्णा नाम का रेस्टोरेन्ट है। जहां से वह सामान आदि के नाम पर नकली नोटों को अपने ग्राहकों से बदल देता है और बाजार से सामान खरीदने में नकली नोटों को इस्तेमाल करता है। आरोपित ने बताया कि वह अपने किराए के फ्लैट में प्रिन्टर व लैपटाप की सहायता से नकली नोट छापता है। नकली नोट छापकर अपने रेस्टारेन्ट में और बाजार से सामान खरीदने आदि में इस्तेमाल करता है। रेस्टोरेन्ट में हुए घाटे की पूर्ति और त्यौहार को देखते हुए उसने नकली नोट छापे है। उसने यह भी बताया कि ज्यादा कमाई के लिए वह एक कॉल सेन्टर मल्टी टास्क जाॅब्स नाम से अपने फ्लैट में ही संचालित कर रहा था, जिसे वह अकेला चलाता है। जिसके लिए बाकायदा विजिंटिंग कार्ड छपवाये गए थे। भिन्न भिन्न वेबसाईट से बेरोजगर युवक- युवतियों के फोन नम्बर देखकर उन्हे कॉल करके नौकरी लगाने का झाँसा देकर प्रत्येक से पन्द्रह सौ से दो हजार रूपए की ठगी की जा रही थी । मामले में एसटीएफ द्वारा गहनता से जांच की जा रही है।
—————————— —————————— ——–