
पहाड़ का सच/एजेंसी
नई दिल्ली। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ और लंबी लाइन लगी होती हैं, ऐसे मैं ट्रेन का जनरल टिकट लेना हमेशा टेढ़ी खीर रहा है। बहुत से यात्रियों को तो टिकट मिल ही नहीं पाता और मजबूरी में उन्हें बिना टिकट यात्रा करनी पड़ती है। इस समस्या के समाधान के लिए रेलवे ने कई कदम उठाए हैं। यूटीएस ऐप से जनरल टिकट लेने की सीमा बढ़ाई गई है। ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग मशीनें भी लगाई हैं। अब रेलवे इससे भी एक कदम आगे बढ़ रहा है. रेलवे ने स्टेशन पर चलता-फिरता टिकट काउंटर ही लगाने का फैसला किया है।
अगले वित्तीय वर्ष में देश के भीड़-भाड़ वाले स्टेशनों पर यह सुविधा उपलब्ध कराने की योजना है। रेलवे की योजना है कि यात्रियों को पांच मिनट से कम समय में टिकट मिल सके । अगर यात्रियों को आसानी से टिकट मिलेगी तो बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में भी कमी आएगी। इससे रेलवे की आय में बढ़ोतरी होगी. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आवंटित बजट के लिए पिंक बुक जारी किया है। इसमें बताया गया है कि उत्तर रेलवे चलती-फिरती टिकट मशीन लगाने की योजना है। इस योजना पर 27.74 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस मशीन को रेलवे कर्मचारी या फिर एजेंट को मुहैया कराएगा मशीन को लेकर कर्मचारी प्लेटफार्म के जाने के रास्ते या बुकिंग काउंटर के पास खड़े होंगे. टिकट काउंटर पर भीड़ ज्यादा होने पर ये एजेंट या कर्मचारी आवाज लगाकर यात्रियों को बुलाएंगे और टिकट निकालेंगे।
रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए नई ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन भी लगाएगा। इन मशीनों से उन्हें जल्दी टिकट मिल सकेगा. दक्षिणी रेलवे मंडल ने कई रेलवे स्टेशनों पर 254 अतिरिक्त एटीवीएम लगाने का फैसला किया गया है। फिलहाल दक्षिणी रेलवे मंडल में 99 एटीवीएम मशीनें काम कर रही हैं। एटीवीएम का उपयोग अनारक्षित और प्लेटफार्म टिकट दोनों को खरीदने के लिए होगा। इसके अलावा दैनिक यात्री एटीवीएम पर अपने महीने और तिमाही टिकटों को रिन्यू करा सकते हैं। यात्रियों को भुगतान के लिए आर-वॉलेट का उपयोग करने पर बोनस भी दिया जाएगा. रेलवे स्मार्ट कार्ड और क्यूआर कोड-यूपीआई आधारित भुगतान सुविधा का उपयोग करके टिकट खरीद सकते हैं।
