– श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर घायल होने वाले घोड़े-खच्चरों के ईलाज में सहयोग देंगे एनजीओ
– पशु-क्रूरता समिति की बैठक में सैद्धांतिक सहमति के बाद आगे की कार्यवाही जल्द होगी शुरू
पहाड़ का सच,रुद्रप्रयाग
श्री केदारनाथ धाम यात्रा संचालन के दौरान घायल होने पर घोड़े-खच्चरों के ईलाज में तेजी लाने के लिए अब निजी संस्थान भी हाथ बटाएंगे। लंबे समय से यात्रा के दौरान चोटिल होने पर घोड़े-खच्चरों को बेहतर ईलाज देने के लिए जिला प्रशासन पशु-क्रूरता समिति से उचित सुझावों पर चर्चा कर रहा था। अब समिति की सैद्धांतिक सहमति के बाद निजी संस्थान जिसमें एनजीओ या पशु संरक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रही पंजीकृत कोई भी समिति जिला प्रशासन के साथ मिलकर कार्य कर सकेगी।
मंगलवार को जिलाधिकारी डाॅ. सौरभ गहरवार की अध्यक्षता में आयोजित पशु-क्रूरता समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डाॅ. आशीष रावत से श्री केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान पशु-क्रूरता रोकने एवं चोटिल पशुओं के ईलाज के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी ली। डाॅ. आशीष रावत ने बताया कि निःशुल्क अभिरूचि के आधार पर यात्रा मार्ग में चोटिल होने पर पशुओं के ईलाज में मदद के लिए एनजीओ या पशु संरक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाओं से आवेदन मांगे गए हैं। जिससे पशु के घायल होने पर उसे बेहतर से बेहतर ईलाज दिया जा सके। बैठक में आॅनलाइन माध्यम से जुड़ी पीपल फाॅर एनिमल संस्था की सदस्य श्रीमती गौरी मौलखी ने बताया कि उनकी संस्था घोड़े-खच्चरों के सरंक्षण एवं ईलाज के लिए हर स्तर पर काम करने के लिए तैयार है। डाॅ. अशीष ने बताया कि सुबह यात्रा शुरू होने से घोड़े-खच्चर संचालन की जांच शुरू हो जाती है। घोड़ा-पड़ाव एवं यात्रा मार्ग के विभिन्न स्थानों पर डाॅक्टर एवं म्यूल टाॅस्क फोर्स के कर्मचारी चैकिंग अभियान चला कर जानवरों का स्वास्थ्य परीक्षण करते हैं। साथ ही काठी हटा कर भी जांच की जा रही है, किसी भी प्रकार का घाव पाए जाने पर घोड़े-खच्चरों को तुरंत ईलाज देने के साथ ही हाॅकर के खिलाफ चालान की कार्यवाही भी की जा रही है।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को पशु संरक्षण के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम करने में इच्छुक संस्थाओं को निःशुल्क अभिरूचि के आधार पर एवं पूरी प्रक्रिया में किसी प्रकार का खर्च होने की स्थिति में निविदाएं आमंत्रित करने के निर्देश दिए। साथ ही निजी संस्थाओं के इस प्रक्रिया में शामिल होने पर एमओयू एवं एसओपी तैयार करने के निर्देश भी दिए। वहीं पशु संरक्षण एवं ईलाज के लिए बनाए गए केंद्रों एवं पशुओं की सफाई के निर्देश भी दिए। उन्होंने चैकिंग अभियान तेज करने एवं चालान की कार्यवाही के लिए पुलिस विभाग को भी निर्देशित किया।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध कुमार घिल्डियाल, उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डाॅ. दीपमणि गुप्ता आदि शामिल रहे।