
पहाड़ का सच : देहरादून , उत्तराखंड में कोरानो नियंत्रण से बाहर होता जा रहा है। मंगलवार को एक दिन में सर्वाधिक सात हजार से ज्यादा नए संक्रमित पाए गए। इस बीच बढ़ते मामलों में चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को फोन कर हालात की जानकारी ली। वहीं, कोरोना को लेकर सरकार कड़े फैसले लेने में हिचकिचा रही है। टुकड़ों में लॉकडाउन लगाया जा रहा है। कोरोना कर्फ्यू भी कुछ शहरों में ही है। वहीं, अन्य प्रदेश तक पूर्ण लॉकडाउन लगा चुके हैं। चिंताजनक बात ये है कि बिहार जैसे बड़े राज्य में कुल मौत का आंकड़ा उत्तराखंड से कम है। बिहार में 15 मई तक पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया गया है। वहीं, उत्तराखंड सरकार सख्त कदम उठाने से डर रही है। ऐसे में उत्तराखंड में कोरोना की चेन तोड़ने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग उठ रही है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने स्वयं ट्विट कर बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें फोन कर उत्तराखंड में कोरोना के हालात और सरकार की ओर से किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने ट्विट किया कि-आज परम आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने फोन कर उत्तराखंड के पहाड़ी एवं मैदानी क्षेत्रों में कोविड की स्थिति तथा उससे बचाव की लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री जी ने कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए केंद्र से दी जारी मदद को और बढ़ाने का भरोसा दिलाया है। मैं माननीय प्रधानमंत्री जी का हृदय से हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ।
अब राजनीतिक और अन्य संगठनों के लोग पूर्ण लॉकडाउन की मांग कर रहे हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक में भी गत दिवस मांग की गई कि उत्तराखंड में कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए दो सप्ताह का लॉकडाउन लगा दिया जाना चाहिए। वहीं, उत्तराखंड के पूर्व मुख्मयंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत भी कह चुके हैं कि सरकार को कड़े फैसले लेने में हिचकिचाहट नहीं करनी चाहिए। हम सरकार के साथ हैं। वन मंत्री हरक सिंह रावत भी उत्तराखंड की स्थिति को विस्फोटक बताते हुए लॉकडाउन की पैरवी कर रहे हैं। इसी तरह अन्य नेता और संगठन की ओर से भी ऐसी आवाज उठने लगी है।
