
पहाड़ का सच, देहरादून।

उत्तराखंड कांग्रेस में हार का ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ने की कोशिश की जा रही है और कांग्रेसी नेता एक दूसरे पर हार को लेकर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत ने तो पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर पैसे लेकर टिकट देने का आरोप लगाया। वहीं हरीश रावत ने भी साफ कर दिया है कि यदि आरोप सिद्ध होते हैं तो उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया जाए। ऐसे में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे कांग्रेसी नेताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। इस मामले में केंद्रीय पर्यवेक्षक अविनाश पांडे का कहना है कि पद पर बैठे हुए लोगों को इस तरह के बयान देने से बचना होगा. उन्होंने बताया कि रणजीत रावत पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। अविनाश पांडे का कहना है कि बहुत ही गैर जिम्मेदाराना बयान था, उन्होंने कहा कि पार्टी अनुशासन को लेकर पूरी तरह से तटस्थ है, चाहे कोई भी कितना बड़ा नेता है, अगर वह पार्टी का अनुशासन को लांघता है तो उसे पार्टी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी।
दरअसल, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर पैसे लेकर टिकट बांटने के आरोपों के बाद पार्टी ने इसे गैर जिम्मेदाराना बयान बताया है। इसके लिए रणजीत रावत को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। पार्टी का साफ तौर पर कहना है कि चाहे कोई कितनी भी बड़े पद पर बैठा हुआ नेता हो, यदि वह अनुशासन को लांघता है तो उसे पार्टी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने वाली है।
इससे उलट रणजीत रावत झुकने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि पार्टी में सिस्टम ठीक होना चाहिए. पार्टी में एक विधान, एक संविधान होता है तो जिन-जिन लोगों ने बयान दिए हैं, उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
