
नई दिल्ली : भारत में कोरोना के नए संक्रमितों में तीन दिन कमी के बाद फिर से नए संक्रमितों की संख्या बढ़ गई। बुधवार पांच मई की सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटे के भीतर 382315 नए मामले दर्ज किए गए। वहीं, 3780 लोगों की कोरोना से जान चली गई। इससे पहले मंगलवार चार मई को देश में संक्रमण के 3,57,229 नए मामले दर्ज किए गए थे। वहीं इस अवधि में 3449 लोगों की मौत हुई थी। बुधवार लगातार 14 वां दिन है, जब कोरोना संक्रमण के मामले 3 लाख से ज्यादा आए हैं।
कोरोना जांच को लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने मंगलवार को नई एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी के अनुसार, लैब का दबाव कम करने के लिए आरटी-पीसीआर जांच को कम-से-कम करने और रैपिड एंटीजन जांच को बढ़ाने की बात कही गई है। आईसीऍमआर ने एडवाइजरी में कहा कि देश में कोरोना संक्रमण की जांच करने वाली प्रयोगशालाएं काफी दबाव में काम कर रही हैं। ऐसे में बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए जांच के लक्ष्य को पूरा करने में कठिनाई हो रही है, क्योंकि प्रयोगशालाओं का कुछ स्टाफ संक्रमित भी है।
उन्होंने कुछ सुझाव दिए हैं :-
-जिन लोगों को एक बार आरटीपीसीआर या रैपिड एंटीजन टेस्ट की जांच में संक्रमण पाया गया था, उनका दूसरी बार आरटीपीसीआर जांच नहीं होना चाहिए।
-अस्पतालों में कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद डिस्चार्ज के समय मरीजों का टेस्ट करने की आवश्यकता नहीं है।
-लैबों में दबाव कम करने के लिए अंतरराज्यीय यात्रा करने वाले स्वस्थ लोगों के आरटीपीसीआर टेस्ट की पूरी तरह से अनिवार्यता को हटाया जाए।
-फ्लू या कोरोना वायरस के लक्षण वाले लोगों को गैर जरूरी यात्रा और अंतरराज्यीय यात्रा करने से किसी भी हाल में बचना चाहिए. इससे संक्रमण कम फैलेगा।
-यात्रा के दौरान कोरोना के सभी गैर लक्षणी लोगों को कोविड गाइडलाइंस का पालन करना होगा।
राज्यों को आरटीपीसीआर टेस्ट को मोबाइल सिस्टम के जरिये बढ़ावा देने को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
आईसीऍमआर ने नई एडवाइजरी में कहा कि कोरोना टेस्ट के लिए जून 2020 में रैपिड एंटीजन टेस्ट को अपनाया गया था। वर्तमान में यह टेस्ट कंटेनमेंट जोन और कुछ हेल्थ सेंटर पर ही सीमित है। इस टेस्ट का फायदा यह है कि इससे 15 से 20 मिनट में ही कोरोना वायरस का पता चल जाता है। ऐसे में मरीज को शीघ्र स्वस्थ होने में भी काफी मदद मिलती है।
आईसीऍमआर ने रैपिड टेस्ट से संबंधित कुछ सुझाव दिए हैं !
– सभी सरकारी और निजी हेल्थकेयर फैसिलिटी में रैपिड एंटीजन टेस्ट को अनिवार्य करना चाहिए।
– शहरों, कस्बों, गांवों में लोगों की बड़े स्तर पर जांच के लिए RAT बूथ लगना चाहिए.
शहरों, गांवों में यह RAT बूथ कई स्थानों पर लगना चाहिए। इनमें स्कूल-कॉलेज, कम्युनिटी सेंटर, खाली स्थानों शामिल होने चाहिए।
