
पहाड़ का सच देहरादून।
उत्तराखंड वन विभाग में एक और बड़ा घोटाला सामने आया है।
सीमांत पिथौरागढ़ जिले के मुन्स्यारी ईको टूरिज्म प्रोजेक्ट के तहत बने ईको हट्स, डॉर्मेट्री और ग्रोथ सेंटर जैसे निर्माण कार्यों में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं। इस मामले में वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी डॉ. विनय कुमार भार्गव को शासन ने 15 दिन में जवाब देने का नोटिस भेजा है।

प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु की ओर से जवाब तलब करने के साथ ही सीबीआई व ईडी जांच की सिफारिश और पीएमएलए के तहत मुकदमे की अनुशंसा की गई है। यह पत्र बीते सप्ताह भेजा गया।
अफसर पर मुख्य आरोप है कि उसने आरक्षित वन भूमि पर बिना अनुमति निर्माण बिना टेंडर करोड़ों की परियोजना निजी संस्था को सौंपी
.आय का 70% हिस्सा निजी संस्था को ट्रांसफर
.वन संरक्षण अधिनियम 1980 का उल्लंघन
फर्जी फायरलाइन खर्च: 14.6 किमी की जगह 90 किमी दिखाया
.जांच रिपोर्ट के तथ्य
जांच आईएफएस संजीव चतुर्वेदी द्वारा की गई:
दिसंबर 2024 व जनवरी 2025 में दो चरणों में रिपोर्ट तैयार
मार्च में शासन को सौंपी गई, जून 2025 में सीएम द्वारा अनुमोदन
700 पन्नों की रिपोर्ट में निर्माण मापन पुस्तिकाओं की सत्यता संदिग्ध
.डॉ. विनय भार्गव का विवादित इतिहास
2015 में नरेंद्रनगर में भी वित्तीय अनियमितताओं के आरोप, राजनीतिक संरक्षण और मलाईदार पदों पर लंबे समय से तैनाती, एक कैबिनेट मंत्री की भतीजी से विवाह संबंध
.अन्य तथ्य
ईको हट्स पर खर्च: ₹1.63 करोड़,
जैसलमेर की फर्म से एकसाथ 4 वर्षों का ऑडिट, फिल्म निर्माता शेखर कपूर ने हट्स में ठहरने की पुष्टि
.निष्कर्ष
मामले को अब “कॉर्बेट-2” कहा जा रहा है और शासन स्तर पर सीबीआई-ईडी जांच की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
JUL 2025
संख्या- 1155/X-1-2025-02(01)/2025 देहरादूनः दिनांक । 8 जुलाई, 2025
डॉ० विनय कुमार भार्गव (भा०व०से०)
तत्कालीन प्रभागीय वनाधिकारी, पिथौरागढ़ वन प्रभाग, पिथौरागढ़ /सम्प्रति वन संरक्षक, पश्चिमी वृत्त हल्द्वानी।
प्रमुख वन संरक्षक, (हॉफ) उत्तराखण्ड, देहरादून के पत्र संख्या-क-860/1-15, दिनांक 17.01.2025 में पिथौरागढ़ के कार्यालय तथा पिथौरागढ़ वन प्रभाग की कार्ययोजना (अवधि नियंत्रण वर्ष 2011-12 से 2020-21) के संबंध में कतिपय वित्तीय अनियमितता संबंधी बिन्दु उल्लिखित किये गए हैं। उपरोक्त पत्र एवं उक्त पत्र के साथ संलग्न अभिलेखों के आधार पर अग्रेत्तर विचार किये जाने से पूर्व निम्नलिखित बिन्दुओं पर अपना स्पष्टीकरण उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें:-
बिना पूर्व स्वीकृति के अनुमोदन के वर्ष 2019 में पिथौरागढ़ वन प्रभाग के मनुस्यारी रेंज के अखिल आरक्षित वन क्षेत्र के कक्ष संख्या-3 में पक्की संरचनाओं का निर्माण
(1) डोर मैट्री का निर्माण ।
(2) वन कुटीर उत्पाद विक्रय केन्द्र का निर्माण।
(3) 10 ईको हट (VIP) का निर्माण।
(4) ग्रोन्थ सेन्टर का निर्माण।
निर्माण सामग्री हेतु बिना टेण्डर व सक्षम स्वीकृति के निजी संस्था का चयन व एक मुश्त भुगतान किया जाना।
बिना सक्षम अनुमोदन के ईको डेवलपमेंट कमेटी (EDC) पातलथौड, मुनस्यारी के पर्यटन से प्राप्त होने वाली धनराशि का 70% भाग देने हेतु MOU किया जाना।
पिथौरागढ़ वन प्रभाग की 10 फायर लाईन कुल लम्बाई 14.6 किमी के विरूद्ध वित्तीय वर्ष 2020-21 में 90.00 किमी फायर लाईन के अनुरक्षण / सफाई पर रू० 2.00 लाख का व्यय किया जाना।
2-अतः प्रमुख वन संरक्षक, उत्तराखण्ड, देहरादून के पत्र संख्या-क- 860/1-15, दिनांक 17.01.2025 एवं पत्र संख्या-क-117/1-15, दिनांक 06.03.2025 की प्रति संलग्नकों / परिशिष्ट सहित प्रेषित करते हुए आपको निर्देशित किया जाता है कि प्रकरण के संबंध में अपना स्पष्टीकरण 15 दिन के भीतर शासन को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें अन्यथा की स्थिति में अग्रेत्तर कार्रवाई की जाएगी।
संलग्नक-यथोपरि।
Digitally signed by Ramesh Kumar Sudhanshu Date; 17-07-2025 13:55:45 (रमेश कुमार सुधांशु)
प्रमुख सचिव ।
