पहाड़ का सच/एजेंसी
नई दिल्ली। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की मदद से मोदी सरकार 3.0 शपथ लेने को तैयार है। मगर मोदी सरकार 3.0 की राह आसान नहीं होने वाली है। अभी से ही एनडीए में प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू है। मोदी सरकार 3.0 में तरजीह पाने को लेकर एनडीए के घटक दल दबाब बनाने लगे हैं। नीतीश कुमार की जदयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने भी डिमांड रखनी शुरू कर दी है। जदयू और टीडीपी की नजर खासकर उन मंत्रालयों पर है, जिसे भाजपा देने के मूड में नजर नहीं आ रही है।
आज 7 जून को एनडीए की बैठक हो रही है। किस दल को कौन सा मंत्रालय दिया जाए, आज इस पर खूब मंथन होगा। हालांकि, मंत्रालय के बंटवारे पर इस बार भाजपा की उतनी नहीं चलेगी। क्योंकि भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है, ऐसे में सहयोगी दल दबाव बना सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार की जदयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी की नजर टॉप मंत्रालयों पर है। इन दोनों दलों ने तो भाजपा के सामने मांग भी रख दी है।
सूत्रों की मानें तो जदयू और टीडीपी की नजर मोदी सरकार के टॉप टेन मंत्रालयों पर है। जदयू और टीडीपी दोनों चाहते हैं कि उन्हें गृह, रक्षा, वित्त, विदेश, राजमार्ग, वाणिज्य, रेलवे, कृषि, पेट्रोलियम आदि वाले मंत्रालय मिले। हालांकि, भाजपा टॉप 5 मंत्रालय देने के पक्ष में नहीं है। मगर इन दोनों दलों का मानना है कि ये पहले की गठबंधन सरकारों में भी ऐसे अहम मंत्रालय मसलन- गृह, रक्षा और वित्त- सहयोगी दलों के पास रहे हैं. वहीं जेडीएस की भी मोदी सरकार 3.0 में कृषि और हेल्थ पर नजर है।
सूत्रों ने बताया कि एनडीए में मंत्रालयों की प्रेशर पॉलिटिक्स को देखते हुए भाजपा ने भी शर्त रख दी है। नीतीश और चंद्रबाबू नायडू की मांग भाजपा मान सकती है, मगर उसके लिए उसने कुछ बड़ी शर्ते रखी हैं। भाजपा का मानना है कि अगर खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू इन मंत्रालयों की जिम्मेदारी लेंगे, तभी भाजपा टॉप मंत्रालय जदयू और टीडीपी को देगी। हालांकि, इसके लिए नीतीश को मुख्यमंत्री पद छोड़ना होगा और चंद्रबाबू नायडू को सीएम पद की शपथ नहीं लेनी होगी।