– राज्य की प्राकृतिक स्वच्छता को बनाए रखने में पर्यटकों, टूर ऑपरेटर्स, ट्रैवल एजेन्सी व वाहन चालकों की जिम्मेदारी तय करवाने की दिशा में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी के निर्देश
– उत्तराखण्ड आने वाले सभी वाहनों में Dustbin /Garbage Bag को अनिवार्यतः लगाने के नियम का सख्ती से पालन करवाने के निर्देश
– चेकिंग एव चालान अभियान चलाने के निर्देश
– उत्तराखण्ड परिवहन विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चण्डीगढ़, राजस्थान व मध्य प्रदेश के परिवहन आयुक्तों को लिखा जा चुका है पत्र
– वाहनों को ट्रिप कार्ड जारी करते समय सुनिश्चित कर लिया जाए कि प्रत्येक वाहन में Dustbin/ Garbage Bag हो-सीएस
पहाड़ का सच,देहरादून
उत्तराखण्ड राज्य की प्राकृतिक स्वच्छता व सुन्दरता को बनाए रखने में सामूहिक जिम्मेदारी विशेषरूप से पर्यटकों, टूर ऑपरेटर्स, ट्रैवल एजेन्सी व वाहन चालकों का उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के दृष्टिगत मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड आने वाले सभी वाहनों में Dustbin /Garbage Bag को अनिवार्यतः लगाने के नियम का सख्ती से पालन करवाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने इस सम्बन्ध में नियमित रूप से चैकिंग एव चालान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। पूर्व में इस सम्बन्ध में परिवहन विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चण्डीगढ़, राजस्थान व मध्य प्रदेश के परिवहन आयुक्तों को भी पत्र लिखा गया। परिवहन विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार चारधाम यात्रा के दौरान स्वच्छता अभियान के तहत वाहन में बैठे यात्री सड़कों पर कचरा नही फेंक सकते तथा सभी वाहनों में Dustbin /Garbage Bag लगाना अनिवार्य है। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में प्रवेश करने वाले वाहनों को ट्रिप कार्ड जारी करते समय यह अवश्य सुनिश्चित कर लिया जाए कि प्रत्येक वाहन में Dustbin /Garbage Bag हो। आमजन को व्यापक स्तर पर इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। उन्होंने इस सम्बन्ध में टूर ऑपरेटर्स, ट्रैवल एजेंसी व वाहन चालकों से भी संवाद व समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि पर्यटन प्रदेश होने के कारण राज्य की प्राकृतिक स्वच्छता बनाए रखना और पर्यावरण का संरक्षण उत्तराखण्ड के निवासियों के साथ ही हर वर्ष लाखों की संख्या में आने वाले पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं का भी सामूहिक उत्तरदायित्व है। यह कार्य सामूहिक भागीदारी का है।