
पहाड़ का सच, रुद्रप्रयाग।
जनपद के जखोली ब्लॉक में एक विवाहित महिला बीते दो सप्ताह से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई है। मायके पक्ष की ओर से लापता महिला की ढूंढखोज के साथ ही थाना अगस्त्यमुनि में गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। साथ ही मामले में कार्रवाई को लेकर रुद्रप्रयाग विधायक, जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को भी पत्र देकर मदद की गुहार लगाई है।

पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे ने कहा कि गुमशुदगी के लिए टीमों का गठन किया गया है। गठित टीमें मामले की पड़ताल में जुटी हुई हैं. वहीं महिला के लापता होने पर परिजन काफी परेशान हैं। विकासखंड जखोली निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि उसकी बहन 13 जुलाई को अपने मायके से वाहन में बैठकर सुबह लगभग छः बजे ससुराल के लिए निकली थी और लगभग 8 बजे वह तिलवाड़ा पहुंच चुकी थी। लेकिन देर शाम तक भी ससुराल नहीं पहुंची.ल। ससुराल वालों से संपर्क करने पर पता चला कि बहन घर नहीं पहुंची।
इसके बाद थाना अगस्त्यमुनि पहुंचकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई और परिजनों द्वारा महिला हेल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज की.ल। व्यक्ति ने बताया कि बहन को लापता हुए दो सप्ताह का समय हो गया है, लेकिन उसका अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है, जिससे परिजन काफी परेशान हैं। बहन की ढूंढखोज को लेकर विधायक रुद्रप्रयाग से भी मुलाकात की गई। उन्होंने भी सिर्फ आश्वासन दिया, जबकि ससुराल पक्ष की ओर से बहन की ढूंढखोज को लेकर कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
परिजनों ने पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी से विवाहिता के ढूंढखोज की मांग की है। परिजनों का कहना है कि अगस्त्यमुनि थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराते हुए दो सप्ताह का समय बीत गया है, लेकिन विवाहिता की खोजबीन को लेकर कोई ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। बताया कि लापता विवाहिता की आखिरी लोकेशन ऋषिकेश में पाई गई, उसके बाद से फोन बंद आ रहा है।
पुलिस को मामले में गंभीरता से कार्रवाई करने की जरूरत है। महिला के लापता होने के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से लापता विवाहिता की जल्द से जल्द ढूंढखोज करने की मांग की। वहीं पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे ने कहा कि जिले में लापता हो रहे लोगों की ढूंढखोज को लेकर टीमें बनाई गई हैं. उक्त टीमें लापता लोगों की खोजबीन कर रही हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले 5 सालों में 10 हजार 500 महिलाएं और बालिकाएं गुमशुदा थीं। इनमें से पुलिस 9733 को ढूंढ पाई। 757 गुमशुदा महिलाओं की तलाश आज भी जारी है, और ये तो वे आंकड़े हैं जिसमें में रिपोर्ट दर्ज हुई है। ऐसे भी कई अनगिनत मामले भी होंगे जिनमें कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई होगी।
आखिर सवाल ये उठ रहा है कि इतनी महिलाएं कहां गायब हो रही हैं। क्या कोई संगठित गिरोह तो काम नहीं कर रहा है ?
