पहाड़ का सच,श्रीनगर
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा विश्वविद्यालय के तृतीय मूल्यांकन चक्र (वर्ष 2017 से 2022) की अवधि हेतु ग्रेडिंग मूल्यांकन प्रक्रिया के अन्तर्गत गठित नैक पियर टीम द्वारा दिनांक 6 जून से 8 जून 2024 के मध्य विश्वविद्यालय के समस्त परिसरों का स्थलीय निरीक्षण किया गया। तद्नुसार नैक मूल्यांकन प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरान्त विश्वविद्यालय को नैक द्वारा ‘ए ग्रेड विश्वविद्यालय’ के रूप में मान्यता प्रदान की गयी है।
इससे पूर्व विश्वविद्यालय को नैक द्वारा वर्ष 2003 में सम्पादित प्रथम चक्र में बी++ ग्रेड एवं वर्ष 2016 में सम्पादित द्वितीय चक्र में ‘ए ग्रेड विश्वविद्यालय’ के रूप में मान्यता प्रदान की गयी थी। पूर्व मूल्यांकन चक्रों की तुलना में वर्तमान तृतीय चक्र में नैक मूल्यांकन के मानक 70 प्रतिशत मात्रात्मक मैट्रिक्स (Quantitative Metrics) व शेष नैक पियर टीम द्वारा स्थलीय गुणात्मक सूक्ष्म समीक्षा आधारित होने एवं मूल्यांकन की नवीन उच्चतम बेंचमार्किंग मानक होने के कारण यह नैक मूल्यांकन विश्वविद्यालय के लिए एक गुणात्मक चुनौती थी तथापि विश्वविद्यालय द्वारा ‘ए ग्रेड विश्वविद्यालय’ की मान्यता प्राप्त करना एक उपलब्धि है।
इस मूल्यांकन अवधि में दो वर्षों की कोविड महामारी के दौरान मूल्यांकन मानकों के प्रति अपेक्षित प्रगति न होने के बावजूद विश्वविद्यालय के समस्त परिसरों एवं विभागों में कार्यरत प्राध्यापकों, अधिकारियों, कर्मचारियों तथा अध्ययनरत विद्यार्थियों द्वारा समेकित प्रयासों से निर्धारित गुणवत्ता मानकों की पूर्ति कर विश्वविद्यालय के ‘ए ग्रेड’ को बरकरार रखा गया है।
नैक पियर टीम द्वारा विश्वविद्यालय के स्थलीय निरीक्षण के उपरान्त विश्वविद्यालय के आधारभूत ढ़ाचे के साथ ही समस्त परिसरों एवं विभागों के कुशल प्रबन्धन की प्रशंसा की गयी है। पियर टीम द्वारा परिसरों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों, अपेक्षित संसाधनों की कमी एवं एक ही केन्द्रीय विश्वविद्यालय प्रशासनिक ढ़ांचे के अन्तर्गत कई परिसरों के प्रबंधन की कठिनाइयों के बावजूद विश्वविद्यालय द्वारा नैक गुणवत्ता मानकों की पूर्ति सुनिश्चित किये जाने को भी उपलब्धि के रूप में इंगित किया गया है।
नैक पियर टीम द्वारा स्थलीय निरीक्षण के दौरान विश्वविद्यालय द्वारा ई-गवर्नेन्स प्रयासों विशेषतयाः केन्द्रीयकृत समर्थ ई॰आर॰पी॰ पोर्टल के विभिन्न माॅडयूल्स के प्रभावी क्रियान्वयन को सराहा गया तथा साथ ही उत्कृष्ठता केन्द्रों के रूप में संचालित उच्च शिखरीय पादपक्रिया विज्ञान शोध संस्थान तथा हिमालय पुरातत्व संग्रहालय की भी प्रशंसा की गयी। नैक पियर टीम के सम्मुख किये गये प्रस्तुतिकरणों में नीति आयोग द्वारा गढ़वाल विश्वविद्यालय की अध्यक्षता में गठित भारतीय हिमालयी राज्यों के केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के संघ द्वारा तैयार नीति पत्रों, नवीन शिक्षा नीति के त्वरित क्रियान्वयन तथा हिमालयी अध्ययन केन्द्रित विशिष्ठ पाठ्यक्रमों के संचालन प्रमुखता से प्रदर्शित किये गये, जिसका प्रभाव स्थलीय निरीक्षण आख्या में प्रदर्शित हुआ है।
मूल्यांकन अवधि में शिक्षकों के पद रिक्त होने के फलस्वरूप छात्र शिक्षक अनुपात प्रभावित होने के कारण वर्तमान में कुलपति महोदया के निर्देशन में विश्वविद्यालय द्वारा मिशन मोड में रिक्त शिक्षक पदों पर निरन्तरता में सम्पादित नियुक्ति प्रक्रिया से टीम द्वारा संतुष्टि व्यक्त की गयी तथा इसे गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक एवं शोध गतिविधियाँ सुनिश्चित किये जाने हेतु एक महत्वपूर्ण कदम बताया गया तथा भविष्य के नैक मूल्यांकन में उत्कृष्ठ ग्रेडिंग प्राप्त करने हेतु प्रभावी माना। नैक पियर टीम द्वारा प्रभावी गुणवत्ता सुनिश्चित किये जाने हेतु पूर्व छात्र संस्था तथा कैंपस प्लेसमेंट को अधिक प्रभावी बनाये जाने के सुझाव दिये गये।
विश्वविद्यालय द्वारा ‘ए ग्रेड विश्वविद्यालय’ की मान्यता प्राप्त करने के उपरान्त समस्त प्राध्यापकों एवं अधिकारियों की समीक्षा बैठक आहुत कर विश्वविद्यालय कुलपति प्रो॰ अन्नपूर्णा नौटियाल द्वारा नैक मूल्यांकन के दौरान शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों द्वारा किये गये अनथक प्रयासों की प्रशंसा की गयी एवं विश्वास व्यक्त किया गया कि भविष्य में भी विश्वविद्यालय के समस्त घटकों द्वारा आपसी सामंजस्य से गुणवत्ता कायम रखते हुए विश्वविद्यालय को प्रगति पथ पर निरन्तरता में अग्रसर रखा जायेगा।