– निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के गैरसैंण में खुलासे से गरमाई सियासत, भाजपा, कांग्रेस अभी तक मौन
पहाड़ का सच देहरादून/गैरसैंण।
कुछ दिन पहले सत्ता के गलियारों में हलचल थमी ही थी कि निर्दलीय विधायक उमेश कुमार से धामी सरकार गिराने के खुलासे ने एक नई बहस छेड़ दी है। विधायक ने कहा कि दून के नामी बिल्डर सतेंद्र साहनी बाबा की आत्महत्या के मामले में जेल से जमानत पर छूटे गुप्ता ब्रदर्स 400 से 500 करोड़ खर्च कर धामी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश में हैं।
गैरसैंण के विधानसभा सत्र में विधायक उमेश के खुलासे से एक नई बहस छिड़ गई है। पूरे तौर पर शांत व अपनी गति से चल रही भाजपा की मजबूत प्रदेश सरकार को अस्थिर करने वाली यह खबर मीडिया को किसी भाजपा मंत्री, विधायक व पार्टी संगठन के नेता ने नहीं दी बल्कि ऐसे विधायक ने दी जिसने 2016 में तत्कालीन सीएम हरीश रावत सरकार का स्टिंग किया था। जिसके बाद हरीश रावत सरकार को भंग कर दिया गया था।
विधायक उमेश कुमार ने कहा कि गुप्ता ब्रदर्स 500 करोड़ खर्च कर सरकार गिराने की तैयारी में हैं। हालांकि, इस खबर का भाजपा सरकार व संगठन ने शुक्रवार की दोपहर तक कोई खंडन नहीं किया। निर्दलीय विधायक ने सदन के अंदर और बाहर यह सनसनीखेज खुलासा करते हुए पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत व हरीश रावत को भी निशाने पर लिया।
गुप्ता बंधुओं की 2016 (हरदा काल) और 2018 (त्रिवेंद्र शासन) में वाई और जेड श्रेणी सुरक्षा का उल्लेख कर कहा कि यह किसके इशारे पर दी गयी।
निर्दलीय विधायक ने गुप्ता बंधुओं के बढ़ते कारोबार और ब्लैक लिस्ट कम्पनियों को व्यापारिक छूट मिलने पर भी निशाने साधे। उन्होंने सीबीआई व ईडी जांच की मांग भी की।
उमेश के खुलासे से उपजे कई सवाल
इस खबर के बाद सत्ता व राजनीतिक गलियारों में यह सवाल तैर रहा है कि क्या खुफिया एजेंसियों को गुप्ता बंधुओं की सरकार गिराने की साजिश का अंदाजा था/ है।
क्या खुफिया विभाग ने अपनी रिपोर्ट में ऐसी कोई आशंका व्यक्त कर धामी सरकार को अलर्ट किया।
धामी सरकार को गिराने के लिए कम से कम 12 से अधिक भाजपा विधायक तोड़ने की जरूरत पड़ती। तो वे कौन कौन से भाजपा विधायक गुप्ता बन्धुओं या साजिश करने वालों के सम्पर्क में थे/हैं।
निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने इसका खुलासा नहीं किया।अगर गुप्ता बंधु सरकार गिराने की साजिश रच रहे इंतजाम हैं तो क्या वे मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के राष्ट्रीय और प्रदेश स्तरीय नेताओं के सम्पर्क में थे/हैं। क्या भाजपा विधायक तोड़ कर कांग्रेस की सरकार बनाने की कोशिश हो रही थी/है। इस सवाल का जवाब मिलना भी लाजिमी हो जाता है।
निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के इस खुलासे के बाद यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या भाजपा के ही कुछ नेता गुप्ता बंधुओं के सहयोग से धामी सरकार के खिलाफ माहौल बनाना चाहते हैं। अगर ऐसा है तो 2016 की तर्ज पर भाजपा विधायकों से खुली बगावत करवाने की रणनीति पर काम हो रहा होगा। तो ‘बगावत’ की डोर किन नेताओं के हाथ में होगी। इन सवालों का भी खुलासा जरूरी माना जा रहा है।
निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के पास ही सरकार गिराने की साजिश की सूचना है तो उन्हें सभी तथ्यों से पर्दा उठाना चाहिए। और तथ्यपरक सबूत पेश करें।
निर्दलीय विधायक के इस सार्वजनिक खुलासे के बाद सत्ता के गलियारों में यह चर्चा भी आम हो गयी है कि क्या उमेश कुमार के गुप्ता बंधुओं से रिश्ते रहे हैं। लिहाजा, निर्दलीय विधायक को यह भी साफ करना चाहिए कि क्या उनके गुप्ता बंधुओं से कभी सम्बंध रहे हैं। क्या वे कुछ साल पहले गुप्ता बंधुओं के साथ किसी सीएम के पास गए थे या नहीं ?
गौरतलब है कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने 2018 में उमेश कुमार को राजद्रोह समेत अन्य धाराओं में जेल में डाल दिया था। उमेश कुमार पर बलात्कार समेत कई अन्य धाराओं में केस भी दर्ज हैं। 2022 में उमेश खानपुर का विधायक बना। इधर, कुछ समय पहले एक सेक्स वीडियो भी सामने आया था। जिसे निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने डीप फेक बताया था।
इधर,निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के गैरसैंण में दिए गए बयान के बाद भाजपा-कांग्रेस पलटवार की कोशिश में है। दोनों दलों के आधिकारिक बयान का भी इंतजार है। इधर, भाजपा हाईकमान को भी इस कथित ‘साजिश’ की उच्चस्तरीय जांच कर अपने नेताओं के गुप्ता बंधुओं से किसी भी प्रकार के रिश्ते की जांच अवश्य करानी चाहिए। ताकि जनता को धामी सरकार को अस्थिर करने सम्बन्धी किसी भी प्रकार की साजिश आदि की सच्चाई पता चल सके।
बहरहाल, धामी सरकार गिराने की साजिश के इस ‘खेल’ के रिजल्ट का तो पता नहीं लेकिन गैरसैंण में निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र व हरीश रावत पर हमला कर भाजपा की सियासत को गरमा जरुर दिया है।