पहाड़ का सच,देहरादून
वर्तमान मैं प्राथमिक शिक्षक भर्ती के पदों की अनिवार्य अहर्ता मैं बी०एड० की डिग्री को हटा दिया है, और उत्तराखंड सरकार की अधिसूचना के अनुसार अब केवल डी०एल०एड० अभ्यर्थी ही प्राथमिक शिक्षक बन पाएंगे। वहीं आंकड़ों की बात करें तो 2019 से लेकर 2024 तक मात्र 370 अभ्यर्थी ही डाइट संस्थानों से उत्रीर्ण हो पाएं हैं। वहीं अगस्त 2024 मैं 180 अभियर्थी तथा दिसंबर 2024 मैं लगभग 500 अभियर्थी उत्रीर्ण हो जायेंगे।
इसके बावजूद सरकार के पास 3600 पदों के सापेक्ष दिसंबर 2024 तक लगभग 1000 अभियर्थियों का ही आंकड़ा उपलब्ध है। शेष 2600 पदों पर न्युक्ति हेतु शिक्षा विभाग को अन्य राज्यों से उत्रीर्ण डी०एल०एड० प्रशिक्षुओं की संख्या पर निर्भर होना होगा, या बिना डी०एल०एड० प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को समायोजित करना पड़ेगा।
इस स्थिति मैं विभाग के पास अन्य राज्यों की भांति चरणों मैं भर्ती करवाने का भी विकल्प मौजूद है। एक तरफ सरकार विद्यालयों मैं गुणवंतापूर्ण शिक्षा की बात कर रही है और दुसरी ओर शिक्षा विभाग योग्य शिक्षक ही उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है।
डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगारों ने बेसिक शिक्षक भर्ती को अलग – अलग चरण मैं कराने की मांग