पहाड़ का सच,रुद्रप्रयाग
बीती रात्रि को हुई अत्यधिक बारिश से केदारघाटी के लिनचोली के समीप जंगलचट्टी में बादल फटने से रामबाड़ा, भीमबली लिनचोली का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया। मौके पर फंसे तीर्थ यात्रियों व मजदूरों को सुरक्षित निकाल दिया गया है। वहीं जिलाधिकारी सौरभ गहरवार आज स्वयं मौके पर पहुंचकर प्रभावित इलाके का जायजा ले रहे हैं।
बुधवार रात्रि को केदारनाथ में हुई तेज बारिश से एनडीआरएफ व जिला प्रशासन की रेस्क्यू टीमों द्वारा लगातार रेस्क्यू जारी है। अभी तक कोई भी मानवीय हानि की सूचना नहीं है। संभावित बारिश के दृष्टिगत सोनप्रयाग व गौरीकुंड में नदी किनारे होटल व लॉज खाली करवा दिए गए हैं। तेज बारिश के अलर्ट को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा पहले ही तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहरा दिया गया था। बीती रात को हुई भारी बारिश के कारण केदारनाथ के पैदल मार्ग पर कई जगहों पर गदेरे उफान पर आ गए थे। जिसको देखते हुए जिलाधिकारी के निर्देशन में रेस्क्यू किया जा रहा है। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार मौके पर पहुंचकर स्वयं पूरी स्थिति का जायजा ले रहे हैं।
बुधवार रात्रि को अतिवृष्टि की घटना की जानकारी देते हुए उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल कुमार शुक्ला ने अवगत कराया कि बीती रात को हुई अत्यधिक बारिश के कारण श्री केदारनाथ धाम यात्रा के पैदल मार्ग पर जगह-जगह रास्ते टूट गए हैं। सोनप्रयाग बाजार से लगभग एक किमी के ऊपर बड़े-बड़े पत्थर व बोल्डर आ गए हैं। इसके अतिरिक्त यात्रा मार्ग के क्षतिग्रस्त होने से यात्रियों को देर रात्रि को ही सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया गया है। साथ ही फिलहाल उन्हें आगे की यात्रा को स्थगित करने का सुझाव दिया गया है।
उन्होंने बताया कि कोई भी यात्री कहीं फंसा हुआ नहीं है तथा सभी सुरक्षित हैं। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक स्थिति का जायजा लेने केदारनाथ पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि हैली के माध्यम से भी रेस्क्यू शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अभी तक 98 यात्रियों को हैली के माध्यम से लाया जा चुका है। उन्होंने सभी कांवड़ियों, तीर्थ यात्रियों एवं श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि जब तक यात्रा ट्रैक सही नहीं हो जाता सभी अपनी यात्रा को स्थगित कर दें।