पहाड़ का सच/एजेंसी
नई दिल्ली. ईडी ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को छठी बार समन भेजा था, पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आबकारी नीति से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के लिए एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश नहीं हुए. AAP ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि लगातार समन जारी करने की बजाय ईडी को अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए, जिससे उचित कानूनी प्रक्रिया शुरू हो सके.’
इस बीच सीएम केजरीवाल के इस रवैये पर ईडी ने सवाल उठाए हैं. ईडी से जुड़े सूत्रों ने कहा, ‘सीएम केजरीवाल के 3 समन पर ना आने के बाद आईपीसी की धारा 174 का मामला बनता था, जिसे लेकर ईडी ने स्पेशल कोर्ट में शिकायत दर्ज करवाई थी, जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया था. ईडी सूत्रों की मानें तो कोर्ट में मामला ईडी द्वारा जारी समन की वैधता को लेकर नहीं है, बल्कि समन की जानबूझकर अवेलहना को लेकर है, जोकि एक अपराध है.’
ईडी सूत्रों ने कहा, ‘मतलब साफ है कि शुरुआती तौर पर कोर्ट को भी ये लगा कि अरविंद केजरीवाल जानबूझकर समन पर पेश नहीं हुए. वह मामले को जानबूझकर उलझा रहे हैं, जोकि अपराध की श्रेणी में आता है. इसके बाद अरविंद केजरीवाल पर मुकदमा चलाया जा सकता है.’
दरअसल वित्तीय जांच एजेंसी की शिकायत में आरोप लगाया गया कि केजरीवाल जानबूझकर समन का पालन नहीं करना चाहते हैं और इसके लिए “उल्टे-सीधे बहाने” बनाते हैं. एजेंसी ने कहा था, ‘अगर उनके जैसे उच्च पदस्थ सार्वजनिक पदाधिकारी ने कानून की अवज्ञा की, तो यह आम लोगों के लिए एक गलत उदाहरण स्थापित करेगा.’
ईडी की शिकायत पर राउज एवेन्यू कोर्ट की अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ने 7 फरवरी को संज्ञान लिया था और मामले पर 17 फरवरी को सुनवाई की थी. इस मामले में सीएम केजरीवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश हुए थे और अदालत को बताया कि चालू बजट सत्र के कारण वह अदालत के समक्ष शारीरिक रूप से पेश नहीं हो सकते. फिर अदालत ने मामले की सुनवाई 16 मार्च के लिए स्थगित कर दी थी.