– अतिरिक्त मजदूर लगाकर यात्रा से पहले पूरे करें सभी अनिवार्य कार्यरू मुख्य सचिव
– मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने किया श्री केदारनाथ धाम का निरीक्षण, पुनर्निर्माण एवं विकास कार्यों का जायजा लेते हुए की समीक्षा
पहाड़ का सच,देहरादून
मुख्य सचिव उत्तराखण्ड राधा रतूड़ी ने गुरुवार को श्री केदारनाथ धाम पहुँचकर पुनर्निर्माण एवं विकास कार्यों का जायजा लेते हुए समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने विभिन्न निर्माण एवं पुनर्निर्माण कार्यों की रफ्तार बढ़ाते हुए 10 मई को श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले सभी अनिवार्य कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। इसके लिए अतिरिक्त मजदूर एवं संसाधन इस्तेमाल करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
एक दिवसीय केदारनाथ भ्रमण पर मुख्य सचिव उत्तराखण्ड, पर्यटन विभाग उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) भास्कर खुल्बे, डीजीपी अभिनव कुमार, पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे करीब 07ः45 बजे हेलिकॉप्टर से केदारनाथ हैलीपैड पर पहुचें। उन्होंने जिलाधिकारी एवं लोनिवि के अधिकारियों से वर्तमान में गतिमान पुनर्निर्माण एवं विकास कार्यों की जानकारी ली। जिसके बाद मंदाकिनी- सरस्वती घाट, गेस्ट हाउस, अस्पताल, आस्था पथ, केदारनाथ मंदिर परिसर सहित अन्य निर्माणाधीन कार्यों का जायजा लेते हुए तय डेडलाइन से पहले सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। आस्था पथ एवं वाटर एटीएम सहित अन्य अनिवार्य कार्यों पर अतिरिक्त लेबर लगाने के निर्देश संबंधित विभागों को देते हुए यात्रा शुरू होने से पहले सभी कार्य पूरे करने के निर्देश दिए, ताकि श्रद्धालुओं को कोई समस्या न हो।
इसके साथ ही जिलाधिकारी को अधिक संसाधनों का प्रयोग करते हुए निर्माण कार्यों में तेजी लाते हुए गोल चबूतरे से मंदिर परिसर तक कॉरिडोर का कार्य तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों एवं संबंधित एजेंसियों को निर्माण कार्यों में इस्तेमाल हो रही सामाग्री में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखने के निर्देश भी दिए। इसके अलावा श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखने एवं यात्रा सुगम- सुव्यवस्थित बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने को भी कहा। करीब 10ः30 बजे मुख्य सचिव हैलीपैड से बदरीनाथ के लिए रवाना हुई।
इस दौरान मुख्य सचिव, भास्कर खुल्बे, डीजीपी अभिनव कुमार एवं जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने स्थानीय व्यापारियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं भी सुनी। व्यापरियों से वार्ता करते हुए अधिकारियों ने उन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
वहीं डीजीपी अभिनव कुमार ने पुलिस विभाग के लिए केदारनाथ में तैयार हो रहे भवन एवं व्यवस्थाओं का निरीक्षण करते हुए संबंधित संस्थाओं को निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए समय से सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
इस अवसर परअधीक्षण अभियंता आठवां वृत्त लोनिवि टिहरी मुकेश परमार, डीडीएमए विनय झिंक्वाण, सहायक अभियंता लोनिवि राजविंद्र सिंह, मनीष, अजय थपलियाल सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
केदारनाथ के बाद मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने गुरूवार को बदरीनाथ पहुंच कर चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं और पुर्नर्निमाण कार्याे का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने श्रद्वालुओं की यात्रा को सरल, सुगम एवं सुविधाजनक बनाने और पुर्नर्निमाण कार्याे को समय से पूरा करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी गुरूवार को सुबह करीब 10ः30 बजे पर्यटन विभाग के विशेष कार्यधिकारी भाष्कर खुल्वे, पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे और डीजीपी अभिनव कुमार के साथ हेलीकॉप्टर से बदरीनाथ पहुंची। धाम में पहुंचने पर उन्होंने यात्रा व्यवस्थाओं और पुनर्निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा को सरल, सुगम और सुविधाजनक बनाने के लिए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। वैकल्पिक मार्गाे को भी सुचारू रखा जाए।
बदरीनाथ में संचालित पुनर्निर्माण कार्याे का स्थलीय निरीक्षण करते हुए मुख्य सचिव ने कार्यदायी संस्थाओं को निर्माण कार्याे को गुणवत्ता के साथ तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुनर्निर्माण कार्याे में समयबद्धता का विशेष ध्यान रखा जाए। इस दौरान उन्होंने शेष नेत्र व बद्रीश झील, अराइवल प्लाजा, अंतरराष्ट्रीय बस अड्डा, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट कार्यों की पूरी जानकारी ली। उप जिलाधिकारी ने चारधाम यात्रा व्यवस्था और पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति के बारे में विस्तार से अवगत कराया।
मुख्य सचिव के निरीक्षण के दौरान पर्यटन विभाग के विशेष कार्याधिकारी भाष्कर खुल्वे, पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे और डीजीपी अभिनव कुमार, एसडीएम सी.एस. वशिष्ठ, कार्यदायी संस्था के अधिशासी अभियंता विपुल सैनी, सहायक अभियंता सनी पालीवाल, ईओ सुनील पुरोहित सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।