-अभी तक 09 लाख 67 हजार 302 श्रद्धालु चारधाम में कर चुके हैं दर्शन
– चारधाम यात्रा में क्राउड मैनेजमेंट के लिए आवश्यकता पड़ने पर एनडीआरएफ और आईटीबीपी की ली जाएगी मदद
– मुख्यमंत्री नियमित कर रहे हैं चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा।
– आयुक्त गढ़वाल ने मीडिया सेंटर, सचिवालय में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान दी चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की जानकारी।
पहाड़ का सच,देहरादून
आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में चारधाम यात्रा की विभिन्न व्यवस्थाओं के संबंध में प्रेस ब्रीफिंग करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी चारधाम यात्रा की नियमित समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि सबसे अधिक ध्यान सुरक्षित यात्रा पर दिया जाए। यात्रियों को यदि किन्हीं स्थानों पर ठहराया जा रहा है, तो वहां पर उन्हें सभी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाय। मुख्यमंत्री के निर्देश पर श्रद्धालुओं की हर सुविधा को ध्यान में रखते हुए कार्य किये जा रहे हैं।
चारधाम यात्रा के लिए एक सप्ताह से रूके लोगों को यात्रा पर भेजा जा रहा है। अभी चारों धामों में यात्रा सुचारू रूप से चल रही है। यात्रा व्यवस्थाओं को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये है कि चारों धामों में साफ-सफाई की व्यवस्था उच्च कोटि की हो। इसके लिए दो विशेष अधिकारियों की तैनाती की गई है। ठहराव वाले स्थानों पर स्पेशल सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती करने के निर्देश दिये गये हैं। सेक्टर मजिस्ट्रेट सफाई व्यवस्था की हर दो घंटे में रिपोर्ट भेजेंगे।
आयुक्त गढ़वाल ने कहा कि 10 मई 2024 को श्री केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री तथा 12 मई को श्री बदरीनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गये। उसके बाद से 23 मई 2024 तक चारों धामों में कुल 09 लाख 67 हजार 302 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। यमुनोत्री धाम में 01 लाख 79 हजार 932, गंगोत्री धाम में 01 लाख 66 हजार 191, श्री केदारनाथ में 04 लाख 24 हजार 242 और बदरीनाथ धाम में 01 लाख 96 हजार 937 श्रद्धालुओं ने दर्शन किये हैं।
पिछले वर्षों की तुलना में पहले पखवाड़े में इस वर्ष लगभग दुगुने श्रद्धालुओं ने दर्शन किये हैं। गढ़वाल आयुक्त ने कहा कि चारधाम यात्रा में क्राउड मैनेजमेंट के लिए आवश्यकता पड़ने पर ही एनडीआरएफ और आईटीबीपी की मदद ली जायेगी।
आयुक्त गढ़वाल ने कहा कि चारधाम यात्रा के शुरूआत के दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई, ट्रैफिक जाम की समस्याएं भी आयी। कुछ प्रकरण ऐसे भी पाये गये जिनमें तीर्थयात्रियों के दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन बाद के थे, लेकिन उन्होंने यात्रा पहले प्रारंभ कर ली। कुछ फेक रजिस्ट्रेशन की शिकायते भी प्राप्त हुई, इसको लेकर विभिन्न टूर ऑपरेटर्स के खिलाफ ऋषिकेश में तीन, हरिद्वार में 01 और रूद्रप्रयाग में 09 एफआईआर भी दर्ज की गई। काफी सख्त निर्देश दिये गये हैं कि बिना रजिस्ट्रेशन और रजिस्ट्रेशन की तय तिथि से पहले यात्रा किसी भी दशा में नहीं करने दी जायेगी।
आयुक्त गढ़वाल ने कहा कि अभी तक चारधाम यात्रा के लिए आये 52 श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई है। जिसमें अधिकांश लोग 60 वर्ष से अधिक के हैं। ज्यादातर मृत्यु हृदयघात की वजह से हुई हैं। गंगोत्री में 03, यमुनोत्री में 12, बदरीनाथ में 14 और केदारनाथ में 23 श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई है। श्रद्धालुओं की नियमित स्क्रीनिंग की जा रही है। चिकित्सकों द्वारा चिकित्सा उपचार और देखभाल के बाद कई श्रद्धालुओं को यात्रा न करने की सलाह दी जा रही है। उसके बाद भी कोई श्रद्धालु यात्रा पर जा रहा है, तो उनसे लिखित में फार्म भरवाने की कार्यवाही की जा रही है।
गढ़वाल आयुक्त ने कहा कि उत्तराखण्ड की आर्थिकी में तीर्थाटन और पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदेश की आर्थिकी को बढ़ाने में चारधाम यात्रा का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। गढ़वाल आयुक्त ने जानकारी दी कि श्री केदारनाथ जाते समय एक हेलीकॉप्टर के हाइड्रोलिक सिस्टम में कोई टेक्निकल समस्या आयी थी, पायलेट के सूझबूझ से उसकी सॉफ्ट लेंडिंग हुई। उसमें तमिलनाडु के 6 यात्री थे सभी सुरक्षित हैं। इस पूरे प्रकरण पर युकाडा की ओर से अग्रिम कार्यवाही की जा रही है। युकाडा ने इस पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट डीजीसीए को कर दी है।