पहाड़ का सच/एजेंसी
नई दिल्ली। आम आदमी पर महंगाई डायन एक बार फिर सुरसा की तरह मुंह फैलाने लगी है। पहले दूध महंगा हुआ, फिर टोल के दाम बढ़े और अब रसोई में भी घुस आई है। बीते एक महीने में रसोई से जुड़ी चीजों के दाम धड़ाधड़ बढ़ रहे हैं और आम आदमी की थाली महंगी होती जा रही है। खाने का तेल हो प्याज या टमाटर सभी की कीमतों में बड़ा उछाल दिख रहा है। सोयाबीन का तेल हो या सरसों का, सभी के दाम एक महीने के भीतर करीब 15 फीसदी बढ़ चुके हैं। इसकी वजह घरेलू भी है और विदेशी भी. यानी इस बार तेल की कीमतों पर दोतरफा मार पड़ रही है।
तेल, प्याज और टमाटर महंगे होने से दाल फ्राई खाना, पूड़ी-पराठे बनाना या फिर सलाद खाना भी महंगा हो गया है। तेल की कीमतों में तो महीनेभर के भीतर 15 फीसदी का बड़ा उछाल आया है, जबकि प्याज और टमाटर 50 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव को भी पार कर गया है। इतना ही नहीं आलू की कीमतों में भी तेजी दिख रही है, जो आम आदमी की सबसे बड़ी रोजमर्रा की जरूरत वाली चीजें हैं. और तो और जो तोरी, लौकी आजकल कोई नहीं पूछता था वो भी 40 रुपए किलों पहुंच गई हैं।
रसोई में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले प्याज, टमाटर और आलू जैसी सब्जियों के दाम लगातार आसमान की ओर जा रहे हैं। आलम ये है कि देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी नासिक की लासलगांव मंडी में 17 मई को जहां प्याज की थोक कीमत 26 रुपये किलो थी, जो 30 रुपये किलो पहुंच गई है और खुदरा बाजार में तो 50 रुपये के आसपास बिक रहा है। टमाटर भी गुस्से में लाल हो रहा और जून से पहले 30-35 रुपये किलो बिक रहा टमाटर अब 50 से 60 रुपये के भाव पहुंच गया है। आलू भी ज्यादातर खुदरा बाजार में 30 रुपये प्रति किलो के ऊपर ही बिक रहा है, जबकि महानगरों में तो 50 तक का रेट जा रहा है। ट्रेडर्स का कहना है कि जुलाई से पहले सब्जियों की कीमतों में राहत की उम्मीद नहीं है।