पहाड़ का सच/एजेंसी
पुणे। पुणे के बहुचर्चित पोर्शे कार हिट एंड रन केस में पुलिस ने बड़ा एक्शन लेते हुए दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। इन दोनों को नाबालिग आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट में गड़बड़ी करने और सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप में पकड़ा गया है। आरोप है कि इन दोनों ने ही आरोपी के ब्लड रिपोर्ट में हेरफेर की थी। पोर्शे कार से 2 लोगों को कुचलकर जान लेने वाले नाबालिग आरोपी को रविवार को मेडिकल टेस्ट के लिए पुणे के ससून सरकारी अस्पताल ले जाया गया था। इसी दौरान इस लड़के के रिश्तेदार भी वहां पहुंच गए। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने डॉक्टर को पैसों का लालच देकर उस लड़के का ब्लड सैंपल बदलवा दिया था।
मामले में गिरफ्तार डॉ. अजय तवरे ससून अस्पताल में फॉरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी विभाग के प्रमुख हैं, जबकि डॉ. श्रीहरि हरलोल दुर्घटना विभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी हैं. पुलिस के मुताबिक, श्रीहरि हरलोल के विभाग ने आरोपी नाबालिग का ब्लड सैंपल लिया था, लेकिन यह महसूस होने के बाद कि इसमें एल्कोहल हो सकता है, उन्होंने इसे बदलने का फैसला किया।
क्राइम ब्रांच के मुताबिक, आरोपी नाबालिग की जो पहली ब्लड रिपोर्ट आई थी। उसमें उसके नशा न करने का जिक्र था. इसके बाद पुणे पुलिस ने नाबालिग आरोपी का दोबारा ब्लड सैंपल लिया और औंध अस्पताल में भेजा गया। इतना ही नहीं, डीएनए टेस्टिंग के लिए पिता विशाल अग्रवाल का ब्लड सैंपल पुलिस ने औंध अस्पताल में भेजा. इसके बाद पूछताछ की गई तो डॉ श्रीहरि हलनोर ने यह कबूल किया है कि डॉ. अजय तावरे के कहने पर उसने रिपोर्ट बदली।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, डॉ. अजय टावरे पिछले कुछ दिनों से छुट्टी पर हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने ब्लड सैंपल बदलने के लिए कहा। इसके बाद दूसरे मरीज का ब्लड सैंपल जांच के लिए दिया गया। लेकिन पुणे पुलिस ने नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल को डीएनए टेस्टिंग के लिए दूसरी लैब में भेजने का फैसला किया और यहीं से ससून के डॉक्टरों का भंडाफोड़ हो गया।
पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने सोमवार प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, ‘हमने दूसरा सैंपल दूसरे सरकारी अस्पताल में दिया है. ये सैंपल विशाल अग्रवाल के डीएनए से मैच कर रहे हैं। डॉ. श्रीहरि और डॉ. तावरे को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। हिट एंड रन केस के आरोपी विशाल अग्रवाल फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं, लेकिन पुणे पुलिस ने इस नए मामले में कोर्ट से उनकी हिरासत मांगी है. हमने कोर्ट में अर्जी दायर कर दी है।