पहाड़ के सच/एजेंसी
नई दिल्ली। स्वाति मालीवाल के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री के घर में उनके पीए के द्वारा हुई कथित बदतमीजी और मारपीट की घटना का असर राजनीतिक हलकों में अब काफी दूर तक देखने को मिल रहा है। इस घटना के बाद से ‘इंडी’ गठबंधन के कई सहयोगी दलों ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से दूरी बनाना शुरू कर दिया है। जिसमें कांग्रेस पार्टी भी शामिल है। कांग्रेस का दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन है, मगर अब उसके बड़े नेता केजरीवाल के साथ प्रचार करने से बचने लगे हैं। इसके संकेत आने वाले वक्त में और साफ-साफ दिखाई देने वाले हैं।
एक प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस के प्रवक्ता जयराम रमेश से जब अरविंद केजरीवाल और स्वाति मालीवाल से जुड़े सवाल पूछे गए तो उन्होंने इनको टाल दिया। जयराम रमेश ब्रीफिंग में इन सवालों को टालते रहे केवल पर्यावरण से जुड़े सवालों का जवाब दिया। इसके साथ ही महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की एक बड़ी रैली में राहुल गांधी शामिल नहीं हो रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि वह मुंबई में पहले प्रचार कर चुके हैं। कांग्रेस से पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल होंगे। सबसे बड़ी बात तो ये है कि कल दिल्ली में होने वाली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को न्यौता नहीं भेजा गया है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. मगर कांग्रेस ने विवादों के बीच केजरीवाल से किनारा कर लिया है। जबकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कल 6 जनसभाएं हैं। जिनमें वे पश्चिमी दिल्ली से उम्मीदवार महाबल मिश्रा के लिए प्रचार करने वाले हैं। इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने आप के सांसदों के लिए प्रचार किया है। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा स्वाति मालीवाल के साथ कथित अभद्रता को लेकर कहा कि यह ‘आप’ का अंदरूनी मसला है और इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही कोई फैसला लेंगे।
प्रियंका वाड्रा ने कहा कि ‘किसी भी महिला के साथ अभद्र व्यवहार हो, कोई भी अत्याचार हो तो मैं उस महिला के पक्ष में खड़ी हूं और बोलूंगी.’ गौरतलब है कि मालीवाल ने आरोप लगाया है कि वह 13 मई को दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलने के लिए उनके आवास पर गई थीं, जहां केजरीवाल के सहायक बिभव कुमार ने उनके साथ अभद्रता की थी।