– अभिभावकों की शिकायत के बाद 10 प्रमुख बिंदुओं पर होगी जांच
– शिक्षा विभाग के ताजा आदेश से प्राइवेट स्कूल प्रबंधन सकते में
– त्रिवेंद्र सरकार में भी शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों पर लगाम कसने का फैसला लिया था, सीएम के औद्योगिक सलाहकार ने विभाग के अभियान की हवा निकाल दी थी
पहाड़ का सच देहरादून। राज्य में निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए शिक्षा विभाग ने अभिभावकों की शिकायत पर एक बार फिर जांच पड़ताल करने का फैसला लिया है। शिक्षा विभाग के अधिकारी जल्द ही निजी विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे।
अभिभावकों की शिकायत के बाद 10 प्रमुख बिंदुओं पर जांच की जाएगी।
मुख्य शिक्षाधिकारी प्रदीप कुमार ने समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारी व उप शिक्षा अधिकारी को पत्र भेज निरीक्षण करने को कहा है। शिक्षा विभाग के ताजा आदेश से निजी स्कूल स्कूल प्रबंधन सकते में हैं।
विभागीय आदेश:
मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून।
सेवा में
1- समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारी देहरादून।
2-समस्त उप शिक्षा अधिकारी देहरादून।
विषय- शिविर/1030-35/मान्यता निरीक्षण / 2024-25 दिनांक 29 अप्रैल, 2024 आईसीएसई/सीबीएसई/ उत्तराखण्ड बोर्ड/राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों का निरीक्षण किये जाने विषयक ।
महोदय / महोदया,
उपर्युक्त विषयक मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में गठित शिकायत निवारण प्रकोष्ठ में प्राप्त शिकायतों तथा समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों का संज्ञान लेते हुए निजी विद्यालयों सम्बन्धी शिकायतों के निराकरण हेतु दिनांक 24.04.2024 को मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जनपद के समस्त खण्ड़ शिक्षा अधिकारियों एवं उप शिक्षा अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि अभिभावकों की समस्या के निदान हेतु निजी विद्यालयों का सघन निरीक्षण किया जायेगा।
अतः शीघ्र ही शिक्षा अधिकारियों के नेतृत्व में निजी विद्यालयों का निरीक्षण किया जायेगा। टीम द्वारा मुख्य रूप से इन प्रमुख बिन्दुओं पर निरीक्षण किया जायेगा। 1. निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 एवं 2011 में उल्लेखित प्राविधानों के अनुसार विद्यालय का मान्यता सम्बन्धी प्रमाण पत्र का निरीक्षण किया जायेगा। 2. आर०टी०ई० के तहत मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक विद्यालयों को राज्य सरकार अथवा (NCMEI) National Commission for Minority Educational Institutions द्वारा अल्पसंख्यक संस्थान घोषित किये जाने के प्रमाण पत्र का निरीक्षण किया जायेगा।
3: राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा संस्थाध्यक्ष अध्यापकों की शैक्षिक योग्यता का निरीक्षण किया जायेगा। अध्यापक के रूप में नियुक्त होने हेतु अनिवार्य शैक्षिक योग्यता निम्न है:
• कक्षा-1 से कक्षा 5 तक के शिक्षकों हेतु टीईटी-प्रथम, कक्षा 6 से कक्षा-8 तक के शिक्षकों हेतु टीईटी द्वितीय व नर्सरी कक्षाओं हेतु एन.टी.टी. 4. बच्चों को किसी निश्चित दुकान से ड्रेस एवं पुस्तकें क्रय कराये जाने के सम्बन्ध में निरीक्षण किया जायेगा। 5. पठन-पाठन एनसीआरटी की पुस्तकों से किया जा रहा है या नहीं व सहायक पुस्तकों का मूल्य एनसीआरटी की पुस्तकों से अधिक तो नही है का निरीक्षण किया जायेगा। 6. विद्यालय में स्कूल प्रबन्धन समिति गठित की गयी है या नहीं का निरीक्षण किया जायेगा।
7. प्रत्येक निजी विद्यालय में आरटीई की धारा 12 (1) (c) के अन्तर्गत अध्ययनरत बच्चों का भौतिक सत्यापन किया जायेगा। 8.विद्यालय के द्वारा ली जाने वाले विभिन्न शुल्कों का विवरण प्राप्त किया जायेगा। 9. विद्यालयों के सम्बन्ध में शिकायत निवारण प्रकोष्ठ को, जो शिकायतें प्राप्त हुयी हैं उनकीजांच की जायेगी।
10. ऐसे अन्य क्षेत्र जो शैक्षिक गुणवत्ता तथा विद्यार्थियों की सुरक्षा से सम्बन्धित हो का निरीक्षण
अतः उक्त के क्रम में आपको निर्देशित किया जाता है कि आप अपने अधीनस्थ समस्त निजी विद्यालयों को सूचित करें कि वे उपरोक्त विन्दुओं के अनुसार अपनी तैयारी रखें ताकि विद्यालय एवं निरीक्षणकर्ताओं को कोई असुविधा न हो। साथ ही समस्त प्रधानाचार्यों / प्रबन्धकों को निरीक्षण टीम का सहयोग प्रदान करने का निर्देश जारी करें। .
*त्रिवेंद्र सरकार में भी एक्शन की थी तैयारी , सीएम के औद्योगिक सलाहकार ने निकाल दी थी अभियान की ” हवा* “ त्रिवेंद्र सरकार में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे। उस समय भी मनमानी फीस, स्कूल ड्रेस व किताब तथा आरटीई के तहत छात्रों के प्रवेश के कई मामलों की शिकायतें थीं।
शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को जांच पड़ताल कर आरोप सिद्ध होने पर प्रबंधन खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
विभाग के एक्शन में आने से पहले ही तत्कालीन सीएम के औद्योगिक सलाहकार ने देहरादून के अधिकांश स्कूल प्रबंधन को एकजुट किया। सूत्रों की जानकारी है कि औद्योगिक सलाहकार ने देहरादून के निजी स्कूल प्रबंधकों से लाखों रुपए का चंदा इकट्ठा कर राहत कोष में जमा कराया। इसी के साथ जांच पड़ताल की बात आई गई हो गई। बताया जाता है सलाहकार का भी देहरादून में अपना स्कूल है।