– लीकेज संबंधी शिकायत जल संस्थान के टोल फ्री नंबर 18001804100 पर कर सकते है।
पहाड़ का सच देहरादून।
गर्मियों जा सीजन शुरू हो गया है और जगह जगह पानी की किल्लत भी शुरू हो गई है। इसको देखते हुए जल संस्थान भी सख्त हो गया है। यदि कोई व्यक्ति घर या प्रतिष्ठान में पानी का दुरुपयोग करता पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जायेगी, साथ ही जुर्माना लगाने और कनेक्शन काटने पर भी विचार किया जा सकता है। पानी बर्बाद करने वालों की शिकायत करने और पेयजल आपूर्ति बाधित होने संबंधी शिकायत जल संस्थान के टोल फ्री नंबर 18001804100 पर कर सकते हैं।
घर-आंगन में फ्लो प्वाइंट से पानी बहने, वाहन धोने, सड़क पर पानी छिड़कने आदि पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा प्राकृतिक जल स्रोतों के आसपास पिकनिक कर गंदगी फैलाने वालों के विरुद्ध भी जल संस्थान विधिक कार्रवाई करेगा। ऐसे व्यक्तियों की सूचना जल संस्थान के टोल फ्री नंबर पर की जा सकती है।
पेयजल संकट से निपटने के लिए की गई तैयारियां के बीच जल संस्थान की मुख्य महाप्रबंधक नीलिमा गर्ग ने पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को लेकर अधीनस्थों के साथ समीक्षा बैठक की। जिसमें उन्होंने पेयजल उपलब्धता, मांग और आपूर्ति की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली, साथ ही गर्मियों में पेयजल संकट से निपटने के लिए की गई तैयारियों का भी जायजा लिया।उन्होंने निर्देश दिए कि यदि कोई व्यक्ति घर या प्रतिष्ठान में पानी का दुरुपयोग करता पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही जुर्माना लगाने और कनेक्शन काटने पर भी विचार किया जा सकता है। यदि किसी के घर या प्रतिष्ठान से पेयजल का रिसाव या व्यर्थ बहता मिलता है तो उन्हें नोटिस जारी किए जाएंगे।
उन्होंने आमजन से अपील की है कि पानी का प्रयोग अनावश्यक कार्यों के लिए न करें। खासकर गर्मियों के दौरान पेयजल संकट से बचने के लिए आंगन, वाहन धोने, सड़क पर पानी छिड़कने और गार्डन में पानी छोड़ने से बचें। उन्होंने बताया कि मासीफाल (शिखर फाल) में जल संस्थान का प्रमुख प्राकृतिक जल स्रोत है। जहां से दून के बड़े आबादी क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति की जाती है।
पिछले कुछ समय से वहां लोगों के पिकनिक मनाने और पानी में गंदगी डालने की शिकायतें मिल रही हैं। ऐसे में जल संस्थान की ओर से वहां सीसीटीवी कैमरे लगाने पर विचार किया जा रहा है। पानी को दूषित करने वालों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।