– सत्तारूढ़ दल के किसी भी नेता ने इस मुद्दे का जिक्र तक नहीं किया
– लोकसभा चुनाव के अहम मुद्दों में शुमार है अग्निवीर भर्ती योजना
– फौजी बहुल उत्तराखंड में अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया को लेकर शुरू से ही उठ रहे सवाल
पहाड़ का सच रुद्रपुर।
भाजपा की चुनावी शंखनाद रैली में उत्तराखंड के लिए लोकसभा चुनाव का सबसे ज्वलन्त मुद्दा बन चुका अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया पर सत्तारूढ़ दल ने चुप्पी साध ली । जबकि विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं ने अन्य मुद्दों के साथ अग्निवीर भर्ती योजना पर आज सरकार पर कड़े प्रहार किए।
अग्निवीर भर्ती योजना के नियमों को लेकर शुरू से ही उत्तराखंड के लोगों,खासकर युवाओं में दिलचस्पी नही दिखी। यही कारण है कि लोकसभा चुनाव में ये चुनावी मुद्दा बन गया है। आज की रैली में जनता को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री मोदी व रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट अग्निवीर पर कुछ बोलेंगे । पीएम मोदी ने अपने आधा घंटे से अधिक के भाषण में केंद्र सरकार की कई उपलब्धियां गिनाईं, प्रदेश से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात कही।
उन्होंने फौजी परिवारों को आकर्षित करने के लिए वन रैंक वन पेंशन का भी जिक्र किया, लेकिन लगभग दो साल पहले शुरू की गई अग्निवीर भर्ती योजना को अपनी उपलब्धियों में शामिल नहीं किया।
भाजपा की शंखनाद रैली में केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने पीएम मोदी की तारीफ व विकास योजनाओं के बारे में विस्तार से कहा किंतु अग्नि वीर भर्ती योजना के पर कन्नी काट गए।असल में, सेना में भर्ती के लिए शुरू की गई अग्निवीर स्कीम के नियमों से प्रदेश के युवाओं को गहरा झटका भी लगा है। उत्तराखंड में सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे युवा अग्निवीर भर्ती में असफल होने पर आत्महत्या भी कर चुके हैं।
पिछले दिनों अग्निवीर की भर्तियों का आंकड़ा भी उत्साहजनक नहीं रहा। इससे भी युवाओं और परिजनों में खासा आक्रोश देखा जा रहा है। पूर्व में गढ़वाल, कुमायूं व गोरखा रेजिमेंट में हर साल प्रदेश के युवाओं की भर्ती का आंकड़ा हजारों में पहुंचता था लेकिन अब भर्ती होने वाले युवाओं की संख्या में विशेष गिरावट देखी गयी है।
पुष्ट आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में डेढ़ लाख से अधिक पूर्व सैनिक परिवार हैं।इसके अलावा हजारों युवा सेना में भर्ती होकर सीमा की रक्षा में जुटे हुए हैं। अग्निवीर भर्ती में सेना की चार साल की नौकरी के बाद युवाओं के लिए क्या काम होगा, इस चिंता से असंतोष का पनप रहा है। मतदाता भी खुलकर अपनीं नाराजगी जता रहा है।
उत्तराखंड में फौज की नौकरी लाखों परिवारों की आजीविका का मजबूत आधार रहा है। शहादत देने वालों में उत्तराखंड के वीर सैनिक हमेशा से आगे भी रहे हैं। बीते कुछ समय से अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया को लेकर पनप रहा आक्रोश इस लोकसभा चुनाव का अहम मुद्दा भी बन गया है। कांग्रेस ने अंकिता भण्डारी, बेरोजगारी, महंगाई के अलावा अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया के प्रारूप से पहाड़ के युवाओं के भविष्य से हो रहे खिलवाड़ को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया हुआ है।