– अंकिता भंडारी समेत अन्य हत्याकांड पर कांग्रेस ने भाजपा पर किये प्रहार
– सिलक्यारा सुरंग से जुड़ी कम्पनी ने भाजपा को दिए करोड़ों
पहाड़ का सच देहरादून।
प्रधानमंत्री मोदी के रुद्रपुर दौरे को लेकर कांग्रेस की सह प्रभारी व झारखंड के महगमा विधानसभा से विधायक दीपिका पांडे ने कई सवाल उठाए हुए भाजपा सरकार पर प्रहार किए। सह प्रभारी ने कहा कि उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी जघन्य हत्याकांड में शामिल वीआईपी नेता कौन है ?
उन्होंने कहा कि ऋषिकेश के वनंतरा रिजॉर्ट में अंकिता भंडारी के साथ शारीरिक हिंसा और बेरहमी से हत्या के 18 महीने से अधिक समय बीत चुका है। इस मामले में मुख्य आरोपी रिजॉर्ट के मालिक और बीजेपी नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य हैं। अंकिता की माता के नेतृत्व में आरएसएस महासचिव अजय कुमार की गिरफ्तारी की मांग को लेकर राज्य भर में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। जेसीबी ऑपरेटर के हस्ताक्षरित हलफनामे से यह खुलासा होने के बाद कि उसने भाजपा विधायक रेनू बिष्ट और प्रमोद कुमार के आदेश पर रिसॉर्ट के दो सबूत वाले कमरों को ध्वस्त कर दिया, पीड़िता की मां ने उनकी गिरफ्तारी की भी मांग की है।
दीपिका ने कहा कि मुख्यमंत्री भले ही बार-बार अंकिता के परिवार से साथ और समर्थन का वादा कर रहे हैं और पूरी क्षमता के साथ जांच का आश्वासन दे रहे हैं, लेकिन वह काम इसके ठीक विपरीत कर रहे हैं।
इसके अलावा हेमा नेगी हत्याकांड, पिंकी हत्याकांड, जगदीश चंद्र हत्याकांड, विजय वात्सल्य हत्याकांड, केदार भंडारी हत्याकांड, विपिन रावत हत्याकांड पर भी किसी की जबावदेही सुनिश्चित हुई?
उन्होंने कहा कि हमारी अपार आस्था के केंद्र भगवान बाबा केदारनाथ जी में 230 किलो सोना गायब हो गया, इसका दोषी कौन?
– उत्तराखंड में पेपर लीक और भर्ती घोटालो का दोषी कौन?
– अधीनस्थ सेवा चयन आयोग घोटाला, लोक सेवा आयोग घोटाला, पुलिस भर्ती घोटाला, फॉरेस्ट गार्ड भर्ती घोटाला, सहकारिता भर्ती घोटाला, पटवारी भर्ती घोटाला हुए। इन घोटालों में कई गिरफ्तारियां भी हुई जिनमें अधिकांश भाजपा नेता व कार्यकर्ता संलिप्त थे, हमारा आग्रह है कि कृपया बताएं कि हाकम सिंह किस पार्टी का पदाधिकारी है? हरिद्वार का संजय धारीवाल तथा नितिन चौहान किस पार्टी के मंडल अध्यक्ष और महामंत्री है?
– सैनिक बहुल प्रदेश उत्तराखंड में युवाओं के भविष्य के साथ अग्निवीर जैसी योजना के नाम पर खिलवाड़ का दोषी कौन?
– राज्य में बेरोजगारो ने जब रोजगार मांगा तब क्यों उन पर निर्मम लाठी चार्ज किया गया? इस लाठी चार्ज के दोषियों पर कार्रवाई क्यो नही हुई?
भाजपा सरकार उत्तराखंड की सबसे बड़ी चुनौतियों – बेरोजगारी और पलायन का समाधान करने में पूरी तरह से नाकाम रही है। 2021 में आंकड़ों से पता चला कि पिछले 10 वर्षों में 5 लाख लोग राज्य से बाहर चले गए हैं और पलायन करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 2020 का डेटा चिंताजनक रूप से बेरोजगारी की उच्च दर को दिखाता है। इसमें उत्तराखंड के शहरी क्षेत्रों के लगभग एक तिहाई युवा बेरोजगार हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा को इन चुनौतियों से निपटने के लिए काम करना चाहिए था लेकिन उत्तराखंड सरकार इस मामले में बिल्कुल संवेदनहीन रही है।2022 में पेपर लीक घोटाले में एक भाजपा नेता को गिरफ्तार किया गया। इसने 1.6 लाख उम्मीदवारों की आशाओं और उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। जब युवा प्रदर्शनकारी पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग को लेकर देहरादून में सड़कों पर उतरे, तो भाजपा सरकार ने उन पर लाठीचार्ज करवाने का शर्मनाक काम किया।
इसी तरह अग्निपथ योजना ने उत्तराखंड के युवाओं के लिए अच्छी नौकरी की एक और संभावना को ख़त्म कर दिया है।एनसीआरबी महिला अपराध में पहाड़ी राज्यों में उत्तराखंड नंबर वन पर है,बहुत से अपराधों में भाजपा के अपने नेता-पदाधिकारी सम्मिलित ऐसे घिनौने कृत्यों का जिम्मेदार कौन?
. उत्तराखंड में भ्रष्टाचार का बोलबाला, भू कानून की अनदेखी और शराब माफिया, भूमाफिया व खनन माफिया को सरक्षण का दोषी कौन?
. उत्तराखंड में धामी सरकार के मंत्री सरेआम गुंडागर्दी और मारपीट पर उतर आए हैं उनको किसका संरक्षण प्राप्त है?
.प्रधानमंत्री मोदी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को अपनी सरकार की एक प्रमुख उपलब्धि बताते हैं। उत्तराखंड के मामले में यह पूरी तरह से गलत है। यह राज्य हाल के वर्षों में बेतरतीब, गैर-जिम्मेदाराना और भ्रष्ट बुनियादी ढांचे के विकास के कारण कई आपदाएं देखने को मजबूर हुआ है। जोशीमठ में बड़ी-बड़ी दरारें दिखाई देने से एक हफ्ते से भी कम समय पहले, वहां के निवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा के मुख्यमंत्री के समक्ष इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की थी। लेकिन उन्होंने उनकी आशंकाओं को निराधार बताकर ख़ारिज कर दिया था। यह कई पहाड़ी शहरों में से एक है जो ख़तरे में है क्योंकि सरकार ने बिल्डरों को ठेका देने की जल्दी में अपने ही विशेषज्ञों की सलाह और चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया है।
.सिल्कयारा सुरंग, जहां दो सप्ताह से अधिक समय तक 41 श्रमिक फंसे रहे, के ढहने को लेकर आई एक ताजा रिपोर्ट से पता चलता है कि कान्ट्रेक्टर सुरक्षा सावधानियों के बजाय प्रोजेक्ट को जल्दी पूरा करने को प्राथमिकता दे रहा था। बाहर निकालने के मार्गों, अलार्म प्रणाली और रियल टाइम निगरानी जैसे सुरक्षा के बुनियादी उपायों की उपेक्षा की गई। संयोग से, जिस फर्म ने सुरंग का कॉन्ट्रैक्ट लिया था, उसने 2019 से भाजपा को 55 करोड़ रुपए दिए – और भाजपा राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास निगम के माध्यम से कांट्रेक्टर को वफादारी के साथ बचाती रही।
.प्रोजेक्ट की खामियों को बताने वाले और आलोचना करने वाले सभी रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया गया। भाजपा सरकार उत्तराखंड में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किसके लिए कर रही है – कांट्रेक्टर्स के लिए या लोगों के लिए? भूस्खलन और भूकंपीय आपदाओं से ग्रस्त क्षेत्र में, भाजपा सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कर रही है कि सुरक्षा दिशानिर्देशों का उल्लंघन न हो, और जनता का पैसा बर्बाद न हो?
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष संगठन मथुरा दत्त जोशी,महामंत्री विजय सारस्वत, मीडिया कॉडिनेटर राजीव महर्षि , महामंत्री नवीन जोशी, गोदावरी थापली, महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. जसविन्दर सिंह गोगी आदि उपस्थित थे।