– केंद्र सरकार के सामने थे हेमवती नंदन बहुगुणा , इंदिरा बनाम पहाड़ हो गया था चुनावी समर
– इस बार कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल के मैदान में उतरने से 1982 जैसा रोचक हो सकता है मुकाबला,
– भाजपा के अनिल बलूनी राष्ट्रीय नेता, उत्तराखंड से रह चुके हैं रास सांसद
– 1982 के पौड़ी उप चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार चंद्र मोहन सिंह नेगी बहुगुणा से चुनाव हार गए थे
पहाड़ का सच, पौड़ी।
लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज होते ही राजनीतिक दलों में वार-पलटवार का दौर भी तेज हो गया है। उत्तराखंड की राजनीति में गढ़वाल संसदीय सीट सबसे हॉट सीट है। संसदीय चुनावों के इतिहास में यह सीट वर्ष 1982 में हुए उप चुनाव में दुनिया की नजरों का केंद्र बन गई थी। तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी से अनबन के बाद कांग्रेस छोड़ चुके राष्ट्रीय नेता हेमवती नंदन बहुगुणा निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे, सामने कांग्रेस के उम्मीदवार चंद्रमोहन सिंह नेगी थे ,लेकिन सीधा मुकाबला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से था। पूरी केंद्र सरकार की ताकत झोंकने के बाद हेमवती जीत गए और ये उप चुनाव इतिहास में दर्ज हो गया।
1982 में हुए उप चुनाव की स्मृति आज भी पहाड़ के मतदाताओं में सिहरन व कौतूहल पैदा करती है। दुनिया ने इस चुनाव में सत्ता का दुरुपयोग भी देखा तो मतदाता की ताकत का अहसास भी गढ़वाल सीट ने ही दुनिया को कराया। असल में वर्ष 1980 में लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल का गठन से पहले ही प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व गढ़वाल सांसद हेमवती नंदन बहुगुणा के बीच मतभेद शुरू हो गए। बहुगुणा ने इंदिरा गांधी से नाराजगी के चलते कांग्रेस के साथ ही संसद सदस्य के पद से भी इस्तीफा दे दिया। इससे पौड़ी लोकसभा सीट खाली हो गई।
इस सीट पर वर्ष 1981 में उपचुनाव हुआ, लेकिन जिलाधिकारी गढ़वाल की एक रिपोर्ट पर निर्वाचन आयोग ने चुनाव रद्द कर दिया। गढ़वाल सीट पर दोबारा वर्ष 1982 को उपचुनाव हुआ। तत्कालीन केंद्र सरकार ने जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी। इससे पहली बार संसदीय चुनाव के इतिहास में यह सीट दुनिया की नजरों में आ गई। उपचुनाव पूरी तरह इंदिरा बनाम पहाड़ हो गया। इसमें मतदाता की ताकत के आगे सत्ता का दुरुपयोग हार गया। निर्दलीय प्रत्याशी हेमवती नंदन बहुगुणा भारी मतों से कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रमोहन सिंह नेगी से जीत गए।
2024 के चुनाव में सत्तारूढ़ दल भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख व पूर्व राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी व कांग्रेस के पूर्व पीसीसी अध्यक्ष गणेश गोदियाल गढ़वाल लोकसभा साइट से आमने सामने हैं। इस चुनावी समर में आरोप प्रत्यारोप दौर भी शुरू हो गया है। कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल को आयकर , श्रम विभाग समेत चार विभागों से नोटिस आए हैं। वैसे तो विभागीय नोटिस आना कोई असामान्य बात नहीं है, लेकिन चुनाव के दौरान नोटिस को कांग्रेस दबाव की राजनीति से जोड़कर देख रही है । पीसीसी के उपाध्यक्ष संगठन एमडीआई जोशी का कहना है कि सत्तारूढ़ दल को गणेश गोदियाल के मुकाबले अपना प्रत्याशी कमजोर लग रहा है। इसलिए नोटिस भिजवाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में राठ क्षेत्र हो या बदरीनाथ , केदारनाथ गणेश गोदियाल ने सराहनीय कार्य किए हैं।लोग उनके कार्यों की सराहना करते हैं। उनकी सभाओं में लोगों की भीड़ से भाजपा को गढ़वाल सीट हाथ से निकलती दिख रही गई।