– साल 2022 के विधानसभा चुनाव में पुत्र वीरेंद्र रावत की जगह पुत्री अनुपमा को हरिद्वार से मिला टिकट
– हरीश रावत को अपने ” परिवारों ” को समान रूप से राजनीति में स्थापित करने का दवाब, पूर्व में दिया गया वचन निभाने का वक्त
– रावत फिर पुत्र वीरेंद्र के नाम पर अड़े , कांग्रेस झुकी तो भाजपा के त्रिवेंद्र के सामने होंगे वीरेंद्र, हरिद्वार के अखाड़े से होगी हरीश पुत्र वीरेंद्र की लांचिंग
. आज रामपुर तिराहे से दून तक चलेगी पिता-पुत्र की चुनावी रैली
पहाड़ का सच देहरादून।
कांग्रेस में हरिद्वार लोकसभा सीट को लेकर पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत दोनों दबाव में बताए जाते हैं। पार्टी ये चाहती है कि हरीश रावत हरिद्वार से चुनाव लड़ें जबकि रावत ने पुत्र वीरेंद्र के लिए टिकट मांगा है। असल में साल 2022 में हरिद्वार की खानपुर विधानसभा सीट से पुत्री अनुपमा को टिकट मिलने व उसके विधायक बनने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के ऊपर अपने ” परिवारों ” को समान रूप से राजनीति में स्थापित करने का दवाब है।
उत्तराखंड में कांग्रेस के टिकट को लेकर उतार चढ़ाव जारी है। कांग्रेस हाईकमान व प्रदेश के अन्य नेता पूर्व सीएम हरीश रावत को हरिद्वार से चुनाव लड़वाने पर जुटे हुए हैं लेकिन हरीश रावत अभी भी अपने पुत्र वीरेन्द्र को ही हरिद्वार के रण में उतारने की जिद पकड़े हुए हैं।
शुक्रवार की रात 12 बजे तक भी हरिद्वार और नैनीताल से प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं हुआ। पार्टी हाईकमान की पहली पसंद हरिद्वार से हरीश रावत और नैनीताल से पूर्व सांसद महेन्द्रपॉल बने हुए हैं। गुरुवार को सब कुछ फाइनल होने के बाद शुक्रवार को हरीश रावत ने एक बार फिर हाईकमान से अपने पुत्र वीरेंद्र रावत के लिए दबाव बनाया है। दिल्ली से मिल रही खबरों के मुताबिक ऐसा लग रहा है कि हाईकमान हरीश रावत के पुत्र मोह के आगे झुक सकता है और हरीश की जगह उनके पुत्र वीरेंद्र को कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित किया जा सकता है। .पार्टी को इस बात का खतरा भी है कि रावत की नाराजगी से लोकसभा की पांचों सीटों के चुनाव पर असर पड़ सकता है। पार्टी को इस बात का भी अहसास है कि उत्तराखंड में हरीश रावत के समर्थकों की अच्छी तादाद है।
सूत्रों का कहना है कि हरीश रावत की गुहार के बाद उनके पुत्र वीरेंद्र ही त्रिवेंद्र रावत के मुकाबले चुनावी जंग करते नजर आ सकते हैं। साल 2022 में हरिद्वार की खानपुर विधानसभा सीट से हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत का नाम कांग्रेस से टिकट के प्रबल दावेदारों में था किंतु टिकट बहिन अनुपमा का हुआ और वो विधायक भी बन गई। पार्टी के भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि उस समय परिवार को दिए गए वचन से रावत बंधे हुए हैं।
इस बीच, पूर्व सीएम ने अपना आज का कार्यक्रम भी जारी किया है। कार्यक्रम के तहत हरीश रावत सुबह 10 बजे रामपुर तिराहा शहीद स्थल से चुनावी अभियान का श्रीगणेश करेंगे। रुड़की, हरिद्वार होते हुए रात 8 बजे तक रिस्पना पुल, हरिद्वार रोड पहुंचेंगे। उनके काफिले में कांग्रेस के कई नेता भी शामिल होंगे। काफिले में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर वीरेंद्र रावत की राजनीतिक लांचिंग भी होगी।