ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 11 मार्च 2024*
🌤️ *दिन – सोमवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – वसंत ॠतु*
🌤️ *अमांत – 27 गते फाल्गुन मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – , 21 माघ मास*
🌤️ *मास – फाल्गुन*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – प्रतिपदा सुबह 10:44 तक तत्पश्चात द्वितीया*
🌤️ *नक्षत्र – उत्तरभाद्रपद रात्रि 11:02 तक तत्पश्चात रेवती*
🌤️ *योग – शुभ सुबह 11:58 तक तत्पश्चात शुक्ल*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 08:03 से सुबह 09:31 तक*
🌞 *सूर्योदय-06:31*
🌤️ *सूर्यास्त- 18:22*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – चंद्र -दर्शन (शाम 06:34 से रात्रि 07:42 तक),पंचक*
💥 *विशेष – प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएं क्योकि यह धन का नाश करने वाला है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *पति-पत्नी के झगड़े या अनबन* 🌷
➡️ *पति-पत्नी में झगड़े होते हों, तलाक को नौबत आ जाए अथवा पति-पत्नी में मन नहीं बनता है तो पति अपने सिर के नीचे सिन्दूर रख के सो जाए और पत्नी अपने सिर के नीचे कपूर रख के सो जाए । सुबह उठे तो कपूर की आरती कर डालें और पति सिन्दूर घर में फ़ेंक दें, तो पति-पत्नी का स्वभाव अच्छा हो जायेगा ।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *रोजी – रोटी की चिंता नहीं करनी पड़ेगी* 🌷
👉🏻 *जीवन को यदि तेजस्वी, सफल और उन्नत बनाना हो तो मनुष्य को त्रिकाल संध्या जरुर करनी चाहिए | हमारी आंतरिक अवस्था ऊँची करने में संध्या के समय आध्यात्मिकता का आश्रय बड़ी मदद करता है | इस समय की हुई भगवद-आराधना विशेष लाभ करती है | व्यक्ति का चित्त शीघ्र निर्दोष एवं पवित्र हो जाता है | ईश्वर- प्रसाद पचाने का सामर्थ्य आ जाता है |*
👉🏻 *नित्य नियम से त्रिकाल संध्या करनेवाले के जीवन में किसीके सामने हाथ फैलाने का दिन नहीं आता | रोजी-रोटी की चिंता नहीं करनी पडती |*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *गर्मी में पीपल का मुर्रब्बा* 🌷
🍃 *किसी को गर्मी खूब लगती हो तो पीपल के कोमल-कोमल पत्ते टुकड़े-टुकड़े करके उबाल कर उनका मुर्रब्बा बना लें। इससे ताकत भी बहुत आएगी ।