– आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन ने एसआईटी जांच पर उठाए सवाल
पहाड़ का सच/एजेंसी
बरेली। उत्तर प्रदेश के योगी सरकार द्वारा राज्य में मदरसों की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी की टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें करीब 13000 मदरसों को बंद करने की सिफारिश की गई है।
वहीं एसआईटी की इस सिफारिश पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने कहा, ‘मदरसे धार्मिक शिक्षा का केंद्र है। यह संस्थाएं संविधान में दी गई इजाज़त के अनुसार चलती हैं. (506) मदरसों को छोड़ कर बाकी हज़ारों मदरसे मुस्लिम क़ौम के आपसी चंदे से चलते हैं, इनके संचालन और पढ़ाई लिखाई में हुक़ूमत कुछ भी मदद नहीं करती है, इस लिए मदरसों को बन्द करने का आदेश देना उचित नहीं है।
मौलाना ने कहा, ‘भारत के नेपाल-बाॅर्डर पर सटे हुए विभिन्न जनपदों में स्थापित मदरसे कुछ नये नहीं हैं. बल्कि तीस चालीस साल पुराने बने हुए हैं, जब यह मदरसे बन रहे थे और एक ज़माने से संचालित हैं तो उस वक्त हुक़ूमत ने रोक क्यों नहीं लगाई। इस तेरह हजार में पांच हजार वह मदरसे हैं, जिन को उत्तर प्रदेश सरकार ने मान्यतायें दी हैं. मान्यता की प्रक्रिया अपनाएं जाने के वक्त संबन्धित अधिकारी पेपरों को चेक करते हैं। फिर मौका मोआयना करते हैं। इस लम्बी प्रक्रिया के बाद के बाद मानता दी जाती है, अगर हुक़ूमत की नज़र में यह मदरसे गलत हैं तो मान्यता देने वाले अधिकारी भी गलत हैं.’
मौलाना ने कहा कि जहां तक टेरर फंडिंग की बात है तो यह जरूर चिंताजनक है। इस विषय पर किसी से समझौता नहीं किया जा सकता। नेपाल बाॅर्डर पर सटे जिन मदरसों की टेरर फंडिंग में लिप्त होने की बात कही जा रही है, हुकूमत के अधिकारियों के पास अगर पुख़्ता सुबूत हैं तो ऐसे मदरसों को जरूर बंद कर दिया जाना चाहिए, और जो लोग भी पैसों का ग़लत इस्तेमाल करने और देश मुख़ालिफ़ गति विधियों में पाये जाते हैं तो उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी होनी चाहिए।
मौलाना ने मदरसों के संचालकों व प्रबंधकों को मशवरा देते हुए कहा कि अपने मदरसे के तमाम कागज़ात दुरुस्त रखें, पैसों का लेन-देन बैंक अकाउंट व चेक से करें, चन्दा लेने वाली रसीदों का रजिस्टर दुरुस्त रखें, सालाना इनकम टैक्स जमा करें, सालाना आमद व खर्च का बेवरा भी छापें और साथ ही अल्पसंख्यक विभाग या बेसिक शिक्षा विभाग से संबंध रखें ताकि लोग आपत्ति ना कर सके. अगर कोई अधिकारी किसी भी विभाग का है वह मदरसे में आता है तो उस का स्वागत करें और अगर वह जांच पड़ताल के लिए पेपर मांगता है तो उस से हिचकाएगे नहीं बल्कि सहयोग करें।