– राज्यपाल के अभिभाषण में विकसित उत्तराखंड पर दिया जोर
– देश में सबसे पहले पारित समान नागरिक संहिता का किया उल्लेख
पहाड़ का सच देहरादून।
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने आज से शुरू हुए बजट सत्र में प्रदेश सरकार की उन योजनाओं, उपलब्धियों व प्राथमिकताओं का खाका खींचा जिनकी शुरुआत उत्तराखंड से हुई है। राज्यपाल ने 16 पेज के अभिभाषण में समान नागरिक संहिता का उल्लेख करते हुए धामी सरकार के अगले विजन को भी सदन के सामने रखा। सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद राज्यपाल ने लगभग 50 मिनट तक अभिभाषण पढ़ा।
राज्यपाल के अभिभाषण के मुख्य बिंदु
मैं, आप सभी महानुभावों का पंचम विधान सभा वर्ष, 2024 के प्रथम सत्र में हार्दिक स्वागत करता हूँ।
“विकसित भारत” के संकल्प में “विकसित उत्तराखण्ड” परिकल्पना नहीं, विश्वास है, संकल्प है। विकसित राज्य की ओर अग्रसर उत्तराखण्ड के निर्माण में सभी विधान सभा सदस्यों एवं जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम के सभी जनप्रतिनिधियों विशेष रूप से राज्य आन्दोलनकारी तथा आमजन, जिन्होंने प्रदेश की प्रगति में अहम योगदान दिया है, सभी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।
हमारा युवा प्रदेश, समृद्ध उत्तराखण्ड एवं सशक्त उत्तराखण्ड की ओर तेजी से अग्रसर है। देवभूमि उत्तराखण्ड ने विगत वित्तीय वर्ष 2023-24 में विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ अर्जित की। इन उपलब्धियों के प्रतिफलस्वरूप हमारा प्रदेश “सशक्त उत्तराखण्ड” के लक्ष्य को प्राप्त करेगा तथा प्रदेश की मातृशक्ति, युवा शक्ति और पूर्व सैनिकों की अहम भागीदारी से हमारा प्रदेश सर्वश्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में खड़ा होगा।
हमारी सरकार अपनी विरासत में प्राप्त संस्कृति के साथ विकसित और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के निर्माण के लिये कृत संकल्पित होकर कार्य कर रही है। विगत वर्ष आर्थिक समृद्धि, सामाजिक न्याय, महिला कल्याण, अवस्थापना संरचना की दृष्टि से स्वर्णिम वर्ष रहा है। भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की कड़ी में सशक्त उत्तराखण्ड @25 की अवधारणा के आधार पर राज्य को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमारी सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में कई नये आयाम स्थापित किये गये। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण कदमों एवं उपलब्धियों पर आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहूँगा-
(1) उत्तराखण्ड विधानसभा ने संविधान निर्माताओं की भावनाओं के अनुरूप समान नागरिक के स्वप्न को धरातल में उतारने हेतु, उत्तराखण्ड के सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करने वाले “समान नागरिक संहिता’ विधेयक को मंजूरी देकर उत्तराखण्ड को देश का पहला राज्य बना दिया है, जिसमें समान नागरिक संहिता के अन्तर्गत जाति, धर्म, क्षेत्र व लिंग के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लायी गयी है।
सभी धर्म-समुदायों की महिलाओं को विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, संपत्ति में समान अधिकार देते हुये सशक्त बनाया गया है। साथ ही सभी धर्म-समुदायों में सभी वर्गों के लिये बेटा-बेटी को संपत्ति में समान अधिकार दिये जाने जैसे कई प्राविधान किये गये हैं।
• गृह विभाग द्वारा महिलाओं की शिकायत आसानी से दर्ज किये जाने हेतु पुलिस मुख्यालय स्तर पर Whatsapp No 9411112780 जारी किया गया है, साथ ही थाना स्तर पर महिलाओं को सुरक्षित माहौल प्रदान किये जाने एवं उनको हर संभव सहायता प्रदान किये जाने हेतु प्रत्येक थाने में ‘महिलाडेस्क’ स्थापित है।
• पुलिस कार्मिकों को निगरानी, आपदा राहत कार्य, यातायात प्रबन्धन, मैपिंग, पेलोड डिलीवरी, ई-चालान, एनाउंसमेन्ट, लाइव ट्रैकिंग इत्यादि कार्यों हेतु Drone परिचालन एवं टेक्नोलॉजी का प्रशिक्षण दिया गया है।
.कैदियों में उद्यम शीलता विकसित किये जाने एवं उन्हें प्रशिक्षित कर स्वरोजगार हेतु प्रोत्साहित किये जाने के उद्देश्य से ‘जेल विकास बोर्ड’ का गठन किया गया है।
• होमगार्ड्स विभाग के अन्तर्गत पाईप बैण्ड “मस्का बाजा” में विभागीय महिलाओं की भागीदारी से बैण्ड का संचालन किया जा रहा है।
(2) सामान्य प्रशासन विभाग ने G-20 summit की तीन बैठकों का सफल आयोजन कर उत्तराखण्ड को अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई, जिसके अन्तर्गत 40 देशों/अर्न्तराष्ट्रीय संगठनों के वर्किंगग्रुप, मिनिस्ट्रियल, राज्य के प्रमुख आदि विदेशी प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
• उत्तराखण्ड राज्य ने प्रथम बार मा० गृह एवं सहकारिता मंत्री जी, भारत सरकार की अध्यक्षता एवं मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड की उपाध्यक्षता में नरेन्द्र नगर, टिहरी गढ़वाल में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 24वीं बैठक का सफल आयोजन किया। बैठक में चार राज्यों यथा- उत्तराखण्ड / उत्तर प्रदेश/छत्तीसगढ़ / मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्रियों एवं मुख्य सचिवों एवं सम्बन्धित राज्यों/भारत सरकार के अन्य अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
• मुख्यमंत्री द्वारा राज्य स्थापना दिवस के सुअवसर पर 03 महानुभावों को “उत्तराखण्ड गौरव सम्मान पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
(3) औद्योगिक विकास विभाग द्वारा प्रदेश में निजी निवेश को आकर्षित करने हेतु दिसम्बर, 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड का देहरादून में सफल आयोजन किया गया।
• राज्य में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के साथ-साथ पीस ऑफ डूइंग बिजनेस के लिये भी अनुकूल माहौल है। भारत सरकार द्वारा लागू सुधार कार्यक्रमों में राज्य की रैंकिंग में निरन्तर सुधार के परिणामस्वरूप इस वर्ष उत्तराखण्ड अचीवर्स श्रेणी में सम्मिलित हुआ है।
केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के 5 हथकरघा / हस्तशिल्प उत्पादों भोटिया दन, ऐंपण, रिंगालक्राफ्ट, उत्तराखण्ड ताम्र उत्पाद एवं थुलमा को जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जी०आई०) प्रदान किया गया है। इसके साथ ही वर्ष 2023 में नेटल (बिच्छू घास), पिछौड़ा, नैनीताल की आर्टिस्टिक कैण्डल, जनपद चमोली से मुखौटा एवं रूद्रप्रयाग से मन्दिर प्रतिकृति को जी०आई० प्रदान किया गया है।
प्रदेश के हस्तशिल्प व हथकरघा संबंधित उत्कृष्ट उत्पादों का “हिमाद्रि” ब्राण्ड के नाम से विपणन किया जा रहा है। वर्तमान में ऑनलाईन पोर्टल अमेजन पर भी राज्य के शिल्प उत्पादों के विपणन की व्यवस्था उपलब्ध है।
(4) नियोजन विभाग द्वारा उत्तराखण्ड राज्य की आर्थिकी के उन्नयन एवं विकास में त्वरित गति हेतु “उत्तराखण्ड अवस्थापना निवेश विकास बोर्ड (UIIDB)” का गठन किया गया है। UIIDB द्वारा पी०पी०पी० परियोजाओं की पहचान, परियोजना की व्यवहारिकता, गैप फंण्डिंग का निर्धारण, मार्केटिंग आधारभूत संरचनाओं के Risk Analysis आदि कार्य किये जायेंगे।
1. सशक्त उत्तराखण्ड की अवधारणा के अन्तर्गत आगामी पांच वर्ष में उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने हेतु “सशक्त उत्तराखण्ड क्रियान्वयन योजना (Sashakt Uttarakhand Implementation Plan)” तैयार की गयी है।
2. कानूनों के युक्तिसंगतीकरण की प्रक्रिया के अन्तर्गत भी राज्य सरकार द्वारा अनुपयोगी कानूनों को निरस्त (Repeal) करने की कार्यवाही की जा रही है। लगभग 1300 एक्ट/कानून चिन्हित किये जा चुके हैं, जिनमें से प्रथम चरण में 481 पुराने कानूनों / एक्ट विलोपित किये जा चुके हैं।
3. नीति आयोग द्वारा प्रायोजित State Support Mission (SSM) परियोजना चलायी जा रही है। जो राज्य में साक्ष्य आधारित नवोन्मेषी कार्यों हेतु तकनीकी सहयोग प्रदान करेगी।
4. राज्य में सतत् विकास लक्ष्यों के प्रभावी स्थानीयकरण हेतु स्वयंसेवी संस्थाओं, सिविल संस्थाओं तथा चिन्हित व्यक्तियों को “SDG Achievers Award” से सम्मानित किया जा रहा है। इस वर्ष 17 संस्थाओं/व्यक्तियों को “SDG Achievers Award” से सम्मानित किया गया है।
5. सी0एम0 कॉन्क्लेव के एजेण्डा बिन्दु के अनुरुप राज्य में स्थिति केन्द्र एवं राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों से विभिन्न विभागों की योजनाओं के मूल्यांकन अध्ययन कराये जाने का निर्णय लिया गया। प्रथमतः 12 विभागों की 20 योजनाओं के मूल्यांकन पर कार्य किया जा रहा है।
(5) पर्यटन विभाग द्वारा उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, 2023 में पर्यटन क्षेत्र के अन्तर्गत होटल-मोटल, रोपवे, थीम पार्क आदि को निजी क्षेत्र द्वारा विकसित किये जाने हेतु निजी निवेशकों के साथ कार्य किया जा रहा है।
‘मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन’ के अन्तर्गत 48 पौराणिक मन्दिरों का चिन्हिकरण किया गया है। प्रथम भाग में 16 चिन्हित मन्दिरों के सुनियोजित अवस्थापना विकास हेतु कार्य किया जा रहा है। मानस मन्दिरों के प्रचार प्रसार हेतु “भारत गौरव मानसखण्ड एक्सप्रेस ट्रेन माह अप्रैल 2024 से देश के विभिन्न स्थानों से उत्तराखण्ड के काठगोदाम, टनकपुर रेलवे स्टेशनों के लिए संचालित की जायेगी।
• प्रधानमंत्री के दिशा-निर्देशों पर बद्रीनाथ धाम को एक Smart Spiritual Hill Town के रूप में विकसित किये जाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा चरणबद्ध रूप से कार्य किये जा रहे हैं।
पर्यटन सैक्टर में स्वरोजगार सृजन, आधुनिक पर्यटन सुविधाओं आदि के साथ ही निजी पूंजी निवेश को आकर्षित करने हेतु नई उत्तराखण्ड पर्यटन नीति-2023 प्रख्यापित की गई है। इसके अन्तर्गत 50 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक अनुदान दिये जाने का प्राविधान किया गया है।
• जनपद टिहरी में वायुक्रीड़ा को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से 05 दिवसीय एक्रो फेस्टिवल का आयोजन किया गया, जिसमें 26 देशों से 54 विदेशी तथा 120 भारतीय पायलटों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
उत्तराखण्ड में तीर्थाटन के साथ साहसिक गतिविधियों के प्रोत्साहन हेतु प्रभावी कदम उठाये गये हैं। जिसके तहत हरिद्वार के बैरागी कैंप में एपटों एडवेंचर स्पोर्टस के तहत ड्रापर एयर बैलनिंग जायरोकॉप्टर, फिकस्ड विंग और
स्काईगेजिंग गतिविधियों को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रारम्भ करने की तैयारी की जा रही है।
• मसूरी के जॉर्ज एवरेस्ट में हिमालय दर्शन के लिए एयर सफारी प्रारम्भ की गयी है।
• कुमाऊं मण्डल के चंपावत जनपद में हैंग ग्लाइडिंग एवं पैरामोटरिंग की गतिविधियाँ शुरू की गयी है।
कैलाश, ओम पर्वत और आदि कैलाश दर्शन के लिये हैली सेवा प्रारम्भ करने के लिये पिथौरागढ़ जनपद के गुंजी, नाबिढांग, जौलिंगकोंग पर कार्य किया जा रहा है।
(6) शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा को बढ़ावा दिए जाने के उद्देश्य से प्रदेश में “एक
प्रवेश, एक चुनाव, एक परीक्षा एवं एक दीक्षान्त की नीति” को लागू किया गया
है। इसके तहत एक पोर्टल के माध्यम से प्रदेश में प्रथम बार एक प्लेटफार्म से
छात्रों को विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में प्रवेश दिया गया, एक साथ चुनाव
कराया गया तथा एक साथ परीक्षा का आयोजन किया गया।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शोध को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से “मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना” संचालित की जा रही है।
• राज्य में प्रथम बार वर्ष 2023 की परिषदीय परीक्षा में अनुत्तीर्ण छात्र-छात्राओं हेतु परीक्षाफल सुधार परीक्षा का आयोजन किया गया।
• “मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना” लागू की गयी है।
हमारी सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में “अपुणों स्कूल अपणों प्रमाण” का अभिनव प्रयास जनपद टिहरी गढ़वाल में किया गया। जिसमें बिना जटिलता के विद्यालय से ही छात्र-छात्राओं को उनके उपयोगार्थ स्थायी निवास, जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र इत्यादि निर्गत किये जाते हैं। जिसकी सफलता को देखते हुये अन्य जनपदों के सरकारी स्कूलों में लागू किये जाने पर कार्य किया जा रहा है।
उत्तराखण्ड ऐसा अग्रणी प्रदेश बन गया है जिसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की गाइडलाईन के अनुरूप आधारभूत स्तर का राज्य स्तरीय करिकुलम फ्रेमवर्क तैयार किया है।
• राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं को आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करते हुये अनुकूल वातावरण के अन्तर्गत गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान किये जाने के
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दृष्टिगत कुल 559 उत्कृष्ट विद्यालयों (Centre for Excellence) की स्थापना की गयी है।
• उत्तराखण्ड “विद्या समीक्षा” केन्द्र की स्थापना करने वाला गुजरात व गोवा के बाद तीसरा राज्य बन गया है। जिसके माध्यम से राज्य स्तर पर छात्रों तथा शिक्षकों की रियल टाइम उपस्थिति अंकित की जा रही है। वर्तमान में लगभग 16000 स्कूलों में से लगभग 11,000 स्कूलों, लगभग 55,700 शिक्षकों में से 37,000 से अधिक शिक्षकों एवं 8.31 लाख बच्चों में से 5.26 लाख से अधिक बच्चों के द्वारा रियल टाइम उपस्थिति प्रारम्भ कर दी गयी है।
(7) तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा वीर माधो सिंह भण्डारी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा तकनीकी कार्यों को सफलतापूर्वक संचालित करते हुए प्रदेश के अन्दर पहली बार “ऑनलाइनपोर्टल” से समयबद्ध एवं पारदर्शी तरीके से सम्बद्धता तथा प्रवेश सम्बन्धी समस्त कार्य संपन्न कराये जा रहे हैं।
प्रदेश के 25 वर्ष पूर्ण होने के दृष्टिगत “दृष्टिपत्र 25 संकल्प 2022” के अन्तर्गत प्राविधिक शिक्षा विभाग के अधीन संचालित विभिन्न पॉलीटेक्निक संस्थानों में वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली व्यावसायिक शिक्षा मिशन प्रारम्भ कर दिया गया है, जिसमें रोजगारपरक सर्टीफिकेट कोर्स का संचालन किया जा रहा है।
(8) चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा राज्य में उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने के दृष्टिगत अस्पतालों का सुदृढ़ीकरण, चिकित्सकों की उपलब्धता एवं बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराये जाने हेतु गम्भीर प्रयास किये जा रहे हैं।
•प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा मजबूत करने हेतु ऊधमसिंहनगर में “एम्स का सैटेलाइट सेन्टर” स्थापित किया जा रहा है।
राजकीय मेडिकल कॉलेज, दून, श्रीनगर एवं हल्द्वानी से लगभग 350 उत्तीर्ण एम०बी०बी०एस० बॉण्डधारी चिकित्सकों को पर्वतीय दुर्गम चिकित्साइकाईयों में तैनाती प्रदान कर पर्वतीय क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें प्रदान करने के प्रयास किये गये हैं।
राजकीय मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी के नेत्र रोग विभाग के अन्तर्गत “आईबैंक एवं कॉर्निया प्रत्यारोपण केन्द” की स्थापना कर Human Organ
Transplantation Act के अर्न्तगत रजिस्ट्रेशन उपरांत नेत्र प्रत्यारोपण की कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गयी है।
• आयुष स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने हेतु “नवीन आयुष नीति” प्रख्यापित की गयी है। जिसके अन्तर्गत विभिन्न सेक्टरों के निवेश पर “टॉप अप” के रूप में 5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक की सब्सिडी अतिरिक्त रूप में प्रदान की जा रही है।
• आयुष विभाग द्वारा देश की प्रथम “योग नीति” प्रख्यापित करने पर कार्य किया जा रहा है।
(9) ऊर्जा विभाग द्वारा वृहद जल विद्युत परियोजनाओं के त्वरित गति से विकास हेतु केन्द्रीय उपक्रमों द्वारा राज्य सरकार को दी जाने वाली रॉयल्टी देयता में विलम्बन (Deferment) एवं राज्य जीएसटी कर में 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति दिये जाने का नीतिगत निर्णय लिया गया।
• पर्यावरणीय संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता हेतु नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से राज्य को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाये जाने के उद्देश्य से वर्ष 2023 में नई सौर ऊर्जा नीति जारी की गई है। इस नीति के अन्तर्गत राज्य में आगामी 05 वर्षों में 2500 मेगावाट की सौर क्षमता स्थापित किया जाना लक्ष्यान्वित है।
• ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड में विभिन्न निवेशकों द्वारा राज्य में निवेश हेतु रुचि प्रकट करते हुए ऊर्जा क्षेत्र में आकर्षक निवेश किया जा रहा है।
(10) सूचना प्रौद्योगिकी, सुराज एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा “अपुणि सरकार” परियोजना के अन्तर्गत अनेक जनकेन्द्रित सेवायें नागरिकों को प्रदान की जा रही हैं। उक्त सेवाओं की “डोर स्टेप डिलीवरी” को प्रायोगिक तौर पर नगर निगम देहरादून के 100 वार्डों में लागू किया गया है। योजना की सफलता के आंकलन पश्चात शीघ्र ही अन्य जिलों में इसे लागू कर दिया जायेगा।
• राज्य में ड्रोन का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किये जाने एवं राज्य को ड्रोन निर्माण, अनुसंधान, विकास, प्रशिक्षण, मरम्मत आदि का केन्द्र बनाने के उद्देश्य से “उत्तराखण्ड ड्रोन प्रोत्साहन एवं उपयोग नीति-2023” को प्रख्यापित किया गया है।
उत्तराखण्ड अन्तरिक्ष उपयोग केन्द्र (यू-सैक) द्वारा प्रदेश के विभिन्न विभागों की भूमि / परिसम्पत्तियों एवं सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को रोके जाने एवं
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हटाये जाने हेतु उत्तराखण्ड गवर्नमेंट एसेट मैनेजमेंट सिस्टम (UKGAMS) पोर्टल तैयार किया जा रहा है।
उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत वर्तमान में 963 महत्वपूर्ण सेवाएं अधिसूचित हैं एवं उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार अधिनियम (संशोधन), 2023 लागू कर दिया गया है।
(11) शहरी विकास विभाग द्वारा पी एम स्ट्रीट वेन्डर्स आत्मनिर्भर निधि (पी एम स्वनिधि) योजना के अंतर्गत फेरी व्यवसायियों को ऋण देकर स्वावलम्बी बनाया जा रहा है।
• हरिद्वार शहर को गंगा शहरों की श्रेणी में देश में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर महामहिम राष्ट्रपति जी द्वारा पुरस्कृत किया गया।
(12) आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विभाग द्वारा राज्य में मौसम पूर्वानुमान की सटीक जानकारी प्राप्त किये जाने हेतु 02 स्थानों यथा, मुक्तेश्वर जनपद नैनीताल एवं सुरकन्डा जनपद टिहरी में पूर्व से ही डॉप्लर रडार स्थापित हैं एवं एक अन्य डॉप्लर रडार की स्थापना पौड़ी गढ़वाल के लैंसडॉउन में की गयी है।
(13) वन विभाग द्वारा रूद्रप्रयाग, टिहरी, पिथौरागढ़ एवं बद्रीनाथ वन प्रभाग के अन्तर्गत बुग्यालों का संरक्षण जियोजूट की अभिनव विधि से किया जा रहा है एवं प्रदेश के अन्य वन प्रभागों के अन्तर्गत भी बुग्यालों का संरक्षण एवं संवर्द्धन इसी विधि से किया जायेगा।
ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने एवं इससे अतिरिक्त आजीविका के अवसर उपलब्ध कराये जाने हेतु मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी का गठन किया गया है, ईको टूरिज्म से प्राप्ति को ईको टूरिज्म के विकास में उपयोग किये जाने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान में 12 ईको टूरिज्म गन्तव्यों को विकसित किया जा रहा है।
भारतीय वन सर्वेक्षण (Forest Survey of India) की वर्ष 2021 की रिपोर्ट के अनुसार वनावरण 24,305 वर्ग किमी0 पाया गया। रिपोर्ट के अनुसार विगत दो वर्षों की अवधि में वनावरण में 2 वर्ग किमी0 की वृद्धि पायी गयी है।
• राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जल गुणवत्ता अनुश्रवण हेतु बोर्ड के मुख्यालय में “स्टेट ऑफ आर्ट” प्रयोगशाला विकसित की गयी है, जिसमें बेसिक पैरामीटर्स के आंकलन के साथ-साथ पेस्टिसाईड एवं मैटल के विश्लेषण की व्यवस्था है।
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14) नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में विभिन्न नए स्थानों पर पर्यटन को बढ़ावा देने तथा आपदा एवं आपातकालीन चिकित्सा सुविधाऐं प्रदान करने के लिए हैलीपैड बनाये जाने हेतु सर्वे का कार्य कर लिया गया है।
• क्षेत्रीय सम्पर्क योजना (RCS) अन्तर्गत राज्य में 13 हैलीपैड स्थापित किये जा चुके है। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु PPP Modes में 7 हैलीपोर्ट तैयार किये जाने पर कार्य किया जा रहा है, जिसमें हैलीपोर्ट हेतु भूमि चिन्हित कर ली गयी है।
(15) सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग द्वारा राज्य में प्राकृतिक स्त्रोतों के पुनर्जीवीकरण एवं वर्षा जल का पेयजल तथा सिंचाई में प्रयोग को बढ़ावा देने हेतु कई जलाशयों का निर्माण कार्य प्रारम्भ कराये जा रहे हैं। इसी के दृष्टिगत चम्पावत के लोहाघाट शहर में कोलीढेक झील एवं पिथौरागढ़ शहर में थरकोट बैराज का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है।
वर्ष 1975 से लम्बित “जमरानी बांध परियोजना” को केन्द्र सरकार ने PMKSY के अन्तर्गत स्वीकृति प्रदान की गयी। यह महत्वकांक्षी परियोजना 90 प्रतिशत केन्द्रांश तथा 10 प्रतिशत राज्यांश आधारित परियोजना होगी, जिससे हल्द्वानी शहर को 42 MCL पेयजल उपलब्ध होगा। डेढ़ लाख हैक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई सुविधा के साथ ही 63 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन होगा।
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना (PM- KUSUM) के अन्तर्गत 318 डीजल पम्पसेट को सोलर पम्पसेट में परिवर्तित किया जा चुका है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में लघु सिंचाई कार्यक्रमों के अन्तर्गत 2,621 हैक्टेयर सिंचन क्षमता का सृजन किया गया।
(16) वित्त विभाग द्वारा राज्य के समस्त कोषागार एवं लेखा कार्यालयों/उपकोषागारों/पी०एल०ए० खाता धारकों के कार्यालयों में पेपरलेस, फेसलेस एवं कैशलेस व्यवस्था लागू कर दी गयी है।
• उत्तराखण्ड राज्य को जी0एस0टी0 के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल रू० सात हजार तीन सौ इक्कतालीस करोड़ (रू0 7,341 करोड़) का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो गत वर्ष के सापेक्ष 23 प्रतिशत अधिक है।
उपभोक्ताओं को GST बिल देने के लिये प्रेरित करने के लिये “बिल लाओ इनाम पाओ” योजना कारगार साबित हो रही है।
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17) खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा “मुख्यमंत्री अन्त्योदय निःशुल्क गैस रिफिल योजना” के अन्तर्गत अन्त्योदय राशन कार्ड धारक परिवारों को तीन गैस सिलेण्डर रिफिल निःशुल्क उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
• संयुक्त राष्ट्र-विश्व खाद्य कार्यक्रम (UN-WFP) के वित्तीय सहयोग से जनपद नैनीताल के रामनगर में देश का पहला 500 मी०टन क्षमता का फ्लोस्पेन खाद्यान्न गोदाम स्थापित किया गया है।
• राज्य के जनपद नैनीताल एवं ऊधमसिंह नगर में मिलेट ईयर-2023 के अन्तर्गत प्रथमचरण में एन०एफ०एस०ए० (NFSA) के राशनकार्ड धारकों को रागी (मंडूवा) का वितरण किया गया है।
प्रधानमंत्री पोषण योजनान्तर्गत राज्य के सभी जनपदों के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना/राज्य खाद्य योजना के लाभार्थियों को फोर्टिफाईड चावल का वितरण किया जा रहा है साथ ही राज्य के 11 जनपदों में खाद्यान्न वितरण हेतु डोर स्टेप डिलीवरी की व्यवस्था लागू की गयी है।
(18) कृषि विभाग द्वारा पहाड़ी क्षेत्रों में उगाई जाने वाली मिलेट फसलों यथा-मंडुवा एवं सांवा को प्रोत्साहित किये जाने हेतु 01 किलोग्राम मण्डुवा प्रतिमाह सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से प्रत्येक राशनकार्ड धारकों को “उत्तराखण्ड स्टेट मिलेट मिशन योजना” के अन्तर्गत वितरित किये जाने का निर्णय लिया गया है।
(19) गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग द्वारा राज्य में खाण्डसारी इकाईयों आदि को विनियमित किये जाने के दृष्टिगत नियमों का निर्धारण करते हुए वर्ष 2023-24 हेतु नवीन खाण्डसारी नीति प्रख्यापित की गयी है, जिसके अन्तर्गत प्रदेश के गन्ना उत्पादकों को केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।
गन्ना पर्ची निर्गमन में पारदर्शिता बनाये जाने के उद्देश्य से गन्ना कृषकों के हित में एस०एम०एस० के माध्यम से गन्ना पर्ची उपलब्ध करायी जा रही है एवं राज्य में गन्ना सर्वेक्षण कार्य जी०पी०एस० पद्धति से कराया गया है।
(20) पशुपालन विभाग द्वारा सशक्त उत्तराखण्ड@25 के रोडमैप हेतु द्वारा दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हेतु लिंग वर्गीकृत वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान का आच्छादन करने व स्वदेशी नस्ल का संरक्षण व संवर्धन, कुक्कुट विकास का सघनीकरण तथा
विभागीय हेल्पलाइन नम्बर (1962) के माध्यम से रोग निदान सेवाओं हेतु मोबाइल वेटनरी यूनिटों का संचालन किया जा रहा है।
• राज्य में निराश्रित, स्वच्छन्द विचरण कर रहे गोवंश का आबकारी शुल्क (सेस) से भरण पोषण उपलब्ध कराने हेतु निर्णय लिया गया है।
• कुक्कुट पालन में स्वरोजगार उपलब्ध कराने हेतु “कुक्कुट वैली एवं ब्रायलर फार्म” की स्थापना की जा रही है।
• चारे की कमी को दूर करने हेतु उत्तराखण्ड चारा नीति स्वीकृत की गई है।
(21) मत्स्य विभाग द्वारा मात्स्यिकी क्षेत्र के समग्र विकास हेतु ‘राज्य स्तरीय इन्टीग्रेटेड एक्वापार्क की स्थापना की जा रही है।
• राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध संसाधनों के समुचित उपयोग, मात्स्यिकी क्षेत्र के विभिन्न आयामों के माध्यम से रोजगार सृजन, आयवृद्धि, समुचित विकास हेतु ‘मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना’ प्रख्यापित की जा रही है।
(22) डेरी विभाग द्वारा “गंगा गाय महिला डेरी योजना” सम्बद्ध एन०सी०डी०सी० योजनान्तर्गत दुग्ध समितियों के सदस्यों को 75 प्रतिशत तक अनुदान पर 03 एवं 05 दुधारू गायों के साथ-साथ 02 दुधारू भैसों की इकाई स्थापना हेतु योजना का संचालन किया जा रहा है।
(23) सहकारिता विभाग द्वारा “राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना” के अन्तर्गत वृहद कलस्टर स्थापित करते हुये 45000 से अधिक कृषक परिवारों को सीधे लाभान्वित किया गया।
सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी विकेन्द्रीकृत अन्न भण्डारण योजनान्तर्गत जनपद देहरादून की सहसपुर एमपैक्स में 500 एम0टी0 के गोदाम निर्माण कार्य अन्तिम चरणों में है।
(24) महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा “मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना” के अन्तर्गत बच्चों के पोषण स्तर मे सुधार हेतु विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्र के 03-06 वर्ष के लाभार्थी बच्चों को अण्डा एवं केला-चिप्स तथा “मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजनान्तर्गत” फोर्टिफाईड दुग्ध प्रदान किया जा रहा है। इसी प्रकार “मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना” मे महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार हेतु खजूर एवं अण्डे का वितरण किया जा रहा है।
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25) अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा “पूर्वदशम, दशमोत्तर एवं मेरिट-कम-मीन्स” छात्रवृत्ति योजनाओं का संचालनपूर्ण रूप से ऑनलाइन माध्यम से करते हुए धनराशि डी.बी.टी. के माध्यम से पात्र अभ्यर्थियों को सीधे उनके खाते में उपलब्ध करायी जा रही है।
• अल्पसंख्यक वर्ग के सफल अभ्यर्थियों को तैयारी हेतु “मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक प्रोत्साहन योजना” के अन्तर्गत अधिकतम रू0 75,000/- तक की प्रोत्साहन राशि उपलब्ध करायी जा रही है।
अल्पसंख्यक समुदाय की मेधावी बालिका जो 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा में 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करती हैं, उनकी शिक्षा को बढ़ावा दिये जाने हेतु “मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजना” के अन्तर्गत अधिकतम रू० 25,000/- तक का अनुदान प्रदान किया जा रहा है।
(26) समाज कल्याण विभाग द्वारा लगभग नब्बे हजार दिव्यांगजनों को विशिष्ट पहचान पत्र (UDID) बनाकर उपलब्ध कराये जा चुके हैं तथा दिव्यांगजनों को राजकीय दिव्यांग कर्मशाला टिहरी, पिथौरागढ़ एवं हल्द्वानी में व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
• केन्द्र प्रायोजित प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (PM-AJAY) के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य के 385 चयनित ग्रामों में से 98 ग्रामों को “आदर्शग्राम’ घोषित किया गया है एवं बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजनान्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य के जनपद अल्मोड़ा, नैनीताल, देहरादून में अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं हेतु छात्रावास बनाये जा रहे हैं।
• जनपद उत्तरकाशी एवं देहरादून में वृद्धआश्रमों का निर्माण किया गया।
(27) ग्राम्य विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री की पहल से महिला समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को सुनिश्चित बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य में “मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना” का शुभारम्भ किया गया।
रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर्स के अर्न्तगत विभिन्न सामुदायिक संगठनों/बेरोजगार युवाओं तथा स्थापित किये जा रहे सूक्ष्म उद्यमों को तकनीकी तथा ज्ञान आधारित सहयोग / वित्तीय लिंकेज एवं समावेशन में सहायता करने हेतु दो जनपद अल्मोड़ा एवं पौड़ी में हब तथा शेष ग्यारह जनपदों में स्पोक्स स्थापित किये गये।
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केन्द्र सरकार के सहयोग से सीमावर्ती गांवों के बहुमुखी विकास के लिये “वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम” के तहत उत्तराखण्ड के तीन जिलों यथा-पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी के पाँच विकासखण्डों के 51 गांवों का चयन किया गया है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों का ढाँचागत, कौशल विकास, आर्थिक वृद्धि आजीविका विकास का कार्य किया जायेगा।
(28) कार्मिक एवं सर्तकता विभाग द्वारा डा० रघुनन्दन सिंह टोलिया उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी में “Climate Change Adaptation and Disaster Risk Reduction for Resilient future” विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तराखण्ड सहित 12 राज्यों के 134 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
(29) कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग द्वारा राज्य में लाभार्थीपरक एवं महत्वपूर्ण संचालित की जा रही योजनाओं / परियोजनाओं की आम जनमानस को जानकारी प्राप्त हो, के दृष्टिगत “मेरी योजना” नामक पुस्तक प्रकाशित की गयी, जिसमें जनसामान्य की जानकारी हेतु विभिन्न विभागों की योजनाओं को रखा गया है।
(30) भाषा विभाग द्वारा उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान – 2023 योजना संचालित की जा रही है।
(31) परिवहन विभाग द्वारा उत्तराखण्ड पहला राज्य है जिसके द्वारा एनआईसी के सहयोग से भारत सरकार के मानकों के अनुरूप “बैक एण्ड सॉफ्टवेयर” बनाया गया है, जिसका कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेन्टर परिवाहन विभाग के मुख्यालय में स्थापित किया गया है। वाहनों की रीयल टाइम मॉनिटरिंग हेतु वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रेंकिग डिवाईस स्थापित की जा रही है।
विभाग द्वारा सेवा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत वाहनों एवं पंजीयन लाइसेंस से सम्बन्धित 58 सेवाओं को अधिसूचित किया जा चुका है।
ओवर स्पीडिंग के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर रोक लगाने हेतु व्यावसायिक वाहनों में गति नियन्त्रक उपकरण संयोजित किये जा रहे हैं साथ ही ऋषिकेश एवं कोटद्वार में “ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन’ की स्थापना का कार्य गतिमान है।
(32) लोक निर्माण विभाग द्वारा ढलान स्थिरीकरण के लिए हिमवंत परियोजना प्रारम्भ की गई है।
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• राज्य की सड़कों को गड्ढा मुक्त (पैचलेस) किए जाने हेतु “पी डब्ल्यू डी पैच रिपोर्टिंग” एप बनाया गया है।
(33) सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग द्वारा देहरादून के गुनियाल गांव में महत्वपूर्ण स्थल ‘सैन्य धाम’ के निर्माण के प्रथम चरण का कार्य प्राथमिकता से पूर्ण कराया जा रहा है।
• जनपद- ऊधमसिंहनगर के खटीमा में सैनिक मिलन केन्द्र एवं सी०एस०डी० कैन्टीन हेतु भवन निर्माण का कार्य तथा जनपद-चम्पावत के टनकपुर में आधुनिक सुविधाओं से युक्त सैनिक विश्रामगृह का निर्माण कार्य किया जा रहा है।
(34) श्रम विभाग द्वारा उत्तराखण्ड दुकान और स्थापन अधिनियम, 2017 के अंतर्गत महिला कर्मकारों को रात्रि पाली में कार्य करने हेतु छूट प्रदान की गई है।
• पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों के उज्जवल भविष्य हेतु निःशुल्क शिक्षा प्रदान किये जाने के लिए 01 मोबाइल लर्निंग बस जनपद हल्द्वानी में एवं 01 बस गढ़वाल मण्डल के देहरादून क्षेत्र में संचालित की गयी।
(35) कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग द्वारा उत्तराखण्ड के प्रतिभावान एवं कर्मठ युवाओं को विदेशों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री कौशल एवं वैश्विक रोजगार’ नामक महत्वकांक्षी योजना लागू की गयी है।
• भारत सरकार के ‘नल जल मित्र कार्यक्रम (NJMP)’ के अन्तर्गत नल-जल मित्रों को बहुआयामी प्रशिक्षण प्रदान किए जाने हेतु 14 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को चिन्हित करते हुए कार्यवाही की जा रही है।
(36) युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल द्वारा राज्य में युवक-महिला मंगल दलों को आर्थिक रुप से स्वावलम्बी बनाने हेतु मुख्यमंत्री युवक मंगल दल स्वावलम्बन योजना संचालित है।
• मुख्यमंत्री ग्रामीण खेलकूद एवं स्वास्थ्य संवर्द्धन योजना के अंतर्गत प्रत्येक विकास खण्ड में कुल 95 खेल प्रशिक्षक तैनात किये गये।
उत्ज्ञाराखण्ड राज्य को वर्ष 2024 में आयोजित होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजवानी मिली है, जिसके क्रम में विभिन्न अवास्थापना सुविधाओं संबंधी निर्माण कार्य तथा खिलाड़ियों हेतु खेल प्रशिक्षण शिविर के संचालन तथा खेल
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प्रशिक्षकों हेतु सेमिनार/वर्कशाप आयोजित कराये जाने की कार्यवाही की जा रही है।
(37) पेयजल विभाग द्वारा जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अन्तर्गत लगभग 12,75,000 (87.74 प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों को पेयजल कनेक्शन प्रदान किये जा चुके हैं।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत राज्य में वर्तमान तक 2,356 सामुदायिक स्वच्छता कॉम्प्लेक्सों का निर्माण कराया जा चुका है। कुल 15,049 ग्रामों में से 11,935 ग्राम ओ०डी०एफ० प्लस हो चूके हैं।
• नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्तमान तक कुल 28 योजनायें स्वीकृत हुई हैं जिनके सापेक्ष 23 योजनाओं के कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं।
(38) जलागम विभाग द्वारा प्रदेश स्तर पर वर्षा जल संग्रहण तकनीकों यथा चेकडैम आदि तथा धारा-नौला एवं नदियों के संरक्षण एवं पुनरूद्धार कार्यों हेतु विभिन्न विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यों को समेकित रूप से क्रियान्वित किये जाने की आवश्यकता के दृष्टिगत जलागम प्रबन्ध निदेशालय के अंतर्गत राज्य स्तरीय Spring And River Rejuvenation Authority (SARRA) का गठन किया गया है।
(39) पंचायती राज विभाग द्वारा राज्य की पंचायत भवन विहीन ग्राम पंचायतों को पंचायत भवनों से संतृप्त किये जाने के उद्देश्य से लागू “पंचायत भवन निर्माण विशेष योजना” के तहत पंचायत भवनों का निर्माण किया जा रहा है।
(40) सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग द्वारा फिल्म निर्माताओं की सुविधाओं के दृष्टिगत आकर्षक फिल्म नीति लागू की गयी है, जिसके तहत राज्य में शूटिंग हेतु कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है।
वर्ष 2023-24 में फिल्म शूटिंग हेतु सिंगल विन्डों के माध्यम से लगभग 146 फिल्म निर्माताओं को अनुमति दी गई तथा इस वर्ष 1500 से अधिक फिल्में, धारावाहिक और वेबसीरीज की शूटिंग हुई है।
• उत्तराखण्ड में फिल्मों की शूटिंग के लिये अनुकूल वातावरण के दृष्टिगत् पिछले 6 वर्षों में तीन बार राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया है।
मैंने अपनी सरकार के विगत वर्ष में किये गये विकास कार्यों का संक्षिप्त विवरण के साथ-साथ आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये सरकार की प्राथमिकताओं का संक्षिप्त विवरण आपके समक्ष रखा है। सरकार निष्ठापूर्वक अपने संकल्पों एवं लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिये प्रतिबद्ध है।
देवभूमि उत्तराखण्ड को एक आदर्श राज्य के रूप में विकसित करने में दिये जा रहे सहयोग के लिए आप सभी के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ। आपके माध्यम से मैं प्रदेश की उत्तरोत्तरवृद्धि की भी कामना करता हूँ। मुझे आशा है कि हम आगामी वित्तीय वर्ष में जन आकांक्षाओं के अनुरुप विकास की नई ऊँचाईयों को प्राप्त करेंगे तथा ‘विकसित उत्तराखण्ड’ के निर्माण के लिए कृत संकल्पित होकर अपना योगदान देंगे।
आप सभी महानुभावों को आगामी वित्तीय वर्ष हेतु वित्तीय व विधायी कार्यों में सक्रिय व सकारात्मक भागीदारी के लिए शुभकामनाएं अर्पित करता हूँ।
धन्यवाद जयहिन्द