ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
?️ *दिनांक – 21 फरवरी 2024*
?️ *दिन – बुधवार*
?️ *विक्रम संवत – 2080*
?️ *शक संवत -1945*
?️ *अयन – उत्तरायण*
?️ *ऋतु – वसंत ॠतु*
?️ *अमांत – 9 गते falgun मास प्रविष्टि*
?️ *राष्ट्रीय तिथि – 2 माघ मास*
?️ *मास -माघ*
?️ *पक्ष – शुक्ल*
?️ *तिथि – द्वादशी सुबह 11:27 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
?️ *नक्षत्र – पुनर्वसु दोपहर 02:18 तक तत्पश्चात पुष्य*
?️ *योग – आयुष्मान सुबह 11:51 तक तत्पश्चात सौभाग्य*
?️ *राहुकाल – दोपहर 12:31 से दोपहर 01:54 तक*
? *सूर्योदय- 06:52*
?️ *सूर्यास्त- 18:10*
? *दिशाशूल – उत्तर दिशा में*
? *व्रत पर्व विवरण – श्री वराह द्वादशी ,श्री भीष्म द्वादशी,प्रदोष व्रत*
? *विशेष – द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
*श्री राम श्री राम श्री राम*
? *कैसे बदले दुर्भाग्य को सौभाग्य में* ?
➡ *22 फरवरी 2024 गुरुवार को सूर्योदय से शाम 04:43 तक गुरुपुष्यामृत योग है ।*
? *बरगद के पत्ते पर गुरुपुष्य या रविपुष्य योग में हल्दी से स्वस्तिक बनाकर घर में रखें |*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *माघ मास की अंतिम 3 तिथियाँ दिलाएं महापुण्य पुंज*
➡ *22, 23 एवं 24 फरवरी को माघ मास की अंतिम 3 तिथियाँ हैं ।*
?? *1) माघ मास के शुक्ल पक्ष की अंतिम 3 तिथियाँ , त्रयोदशी से लेकर पूर्णिमा तक की तिथियाँ बड़ी ही पवित्र और शुभकारक हैं । जो सम्पूर्ण माघ मास में ब्रह्म मुहूर्त में पुण्य स्नान, व्रत, नियम आदि करने में असमर्थ हो, वह यदि इन 3 तिथियों में भी उसे करे तो माघ मास का पूरा फल पा लेता है ।*
?? *2) वैसे तो माघ मास की हर तिथि पुण्यमयी होती है और इसमें सब जल गंगाजल तुल्य हो जाते हैं | सतयुग में तपस्या से जो उत्तम फल होता था, त्रेता में ध्यान के द्वारा, द्वापर में भगवान् की पूजा के द्वारा और कलियुग में दान-स्नान के द्वारा तथा द्वापर, त्रेता, सतयुग में पुष्कर, कुरुक्षेत्र, काशी, प्रयाग में 10 वर्ष शुद्धि, संतोष आदि नियमों का पालन करने से जो फल मिलता है, वह कलियुग में माघ मास में अंतिम 3 दिन- त्रयोदशी, चतुर्दशी और पूर्णिमा को प्रातः स्नान करने से मिल जाता है |*
?? *3) माघ मास प्रातः स्नान सब कुछ देता है . आयुष्य लम्बी करता है, अकाल मृत्यु से रक्षा करता है ,आरोग्य देता है, रूप देता है, बल देता है ,संतान की वृद्धि ,सदाचरण और सत्संग देता है,वृत्तियाँ निर्मल होती हैं और विचार ऊंचे होते हैं l*
?? *4) अक्षय धन(जिसका कभी क्षय नहीं ), रुपया पैसा भी बरकत वाला हो जाता है और विद्या भी अक्षय धन में बदल जाती है l*
?? *5) सकाम भाव से स्नान करते हैं तो मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है, निष्काम भाव से भगवान् की प्रीति पाने के लिए स्नान करते तो वो भी सहेज में हो जाती है l*
?? *6) माघ मास स्नान, सत्संग स्नान जिसने किया उसे नरक का डर नहीं रहता, दरिद्रता और पाप उसके छू हो जाते हैं l ईश्वर प्राप्ति न भी करनी हो तो भी माघ मास का स्नान स्वर्ग लोक तो तुम्हारा सहज में ही रिज़र्व करा देता है l*
?? *7) जो माघ मास की अंतिम ३ तिथियों में ‘गीता’, ‘श्री विष्णु सहस्रनाम’ ‘भागवत’ शास्त्र का पठन व श्रवण करता है वह महा पुण्यवान हो जाता है ।*
?? *-स्कंद पुराण एवं स्त्रोत :*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *वराह-तिल द्वादशी* ?
?? *21 फरवरी 2024 बुधवार को वराह-तिल द्वादशी | तिल का उपयोग करें स्नान में, प्रसाद में, हवन में, दान में और भोजन में | और तिल के तेल के दियें जलाकर सम्पूर्ण व्याधियों से रक्षा की भावना करोगे तो ब्रम्हपुराण कहता है कि तुम्हे व्याधियों से रक्षा मिलेगी |*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *प्रदोष व्रत* ?
?? *हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 21 फरवरी, बुधवार को प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है।*
