पहाड़ का सच हल्द्वानी
बनभूलपुरा बीते दिन से बवाल की आग में झुलस रहा है। अतिक्रमण ध्वस्त करने गई प्रशासन के लोगों को इस बात का इल्म तक नहीं होगा कि उपद्रवियों ने इतनी बड़ी साजिश रची हुई है। देखते ही देखते उपद्रवियों ने पथराव और आगजनी कर अपने मंसूबों को साफ कर दिया। कई लोगों के वाहन जला दिए गए, पुलिस-प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। जबकि पुलिस-प्रशासन की जवाबी कार्रवाई में चार उपद्रवियों की भी मौत हुई है।
वहीं राज्य के मुख्यमंत्री ने उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बीते दिन बनभूलपुरा में उपद्रवियों ने पुलिस-प्रशासन की टीम पर जमकर पथराव व आगजनी की। जिसके बाद पुलिस प्रशासन की टीम को अतिरिक्त पुलिस फोर्स मंगानी पड़ी है। घटना के बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है, जनपद के सभी बॉर्डर सील कर दिए गए हैं। सभी थानों की पुलिस को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
वहीं जिलाधिकारी वंदना ने अराजकतत्वों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं। अतिक्रमण ध्वस्त करने गई प्रशासन की टीम को इस बात का इल्म तक नहीं होगा कि उपद्रवियों ने इतनी बड़ी साजिश रची हुई है। देखते ही देखते उपद्रवियों ने पथराव और आगजनी कर अपने मंसूबों को साफ कर दिया। कई लोगों के वाहन जला दिए गए, पुलिस-प्रशासन के करीब 300 अधिकारी और कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मामले में पुलिस-प्रशासन फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है।
गौर हो कि बनभूलपुरा क्षेत्र राजनीतिक दलों और नेताओं के लिए वोट बैंक रहा है। बनभूलपुरा के लोगों के वोट से ही वो माननीय बनते हैं। वहीं इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि वोट बैंक की राजनीति करने वाले इन्हीं दलों ने अतिक्रमण को बढ़ावा दिया। जिसे हटाना आज प्रशासन के लिए नासूर बन गया है। बनभूलपुरा में अवैध तौर पर अतिक्रमण होता रहा, लेकिन राजनीति हस्तक्षेप से कोई कार्रवाई नहीं होने दी। जिससे अतिक्रमण करने वाले लोगों को बढ़ावा मिला और क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुआ। जिसे अब चिन्हित कर प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है।