
प्रशिक्षण कार्यक्रम के द्वितीय चरण में 95 विज्ञान शिक्षक लेंगे हिस्सा

आगामी 28 दिसम्बर 2025 से 12 जनवरी 2026 तक चलेगा प्रशिक्षण कार्यक्रम
देहरादून। राजकीय विश्वविद्यालयों एवं शासकीय महाविद्यालयों में विज्ञान संवर्ग के शिक्षकों को इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस (आईआईएससी) बेंगलुरू में उन्न्त वैज्ञानिक प्रशिक्षण व विज्ञान की बारीकियां सिखाई जायेगी। उच्च विभाग द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिये विभिन्न विषयों के अंतर्गत 95 शिक्षकों का चयन किया गया है। जिन्हें आगामी 28 दिसम्बर 2025 से 12 जनवरी 2026 तक आईआईएससी बेंगलुरू में प्रशिक्षण दिया जायेगा।
उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राजकीय विश्वविद्यालयों एवं शासकीय महाविद्यालयों में प्रयोगात्मक व शोधात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देकर उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को और सुदृढ़ करना है। जिस हेतु विभाग ने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस बेंगलुरू के साथ एमओयू साइन किया है। जिसके तहत प्रदेश के विज्ञान शिक्षकों को आईआईएससी में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि विज्ञान संवर्ग के शिक्षकों के द्वितीय चरण का प्रशिक्षण कार्यक्रम आगामी 28 दिसम्बर 2025 से 12 जनवरी 2026 के बीच आयोजित किया जायेगा। जिस हेतु प्रदेशभर के कुल 95 विज्ञान शिक्षकों का चयन किया गया है। जिसमें भौतिक विज्ञान के 25, रसायन विज्ञान 23, गणित 17, वनस्पति विज्ञान 15 तथा जन्तु विज्ञान के 15 शिक्षक शामिल है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिक्षकों को विज्ञान के गहन एवं सूक्ष्म पहलुओं, नवीन सिद्धांतों, आधुनिक प्रयोगों से संबंधित विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन प्रदान किया जायेगा। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि शासन स्तर से निदेशक उच्च शिक्षा एवं राज्याधीन विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को आपसी समन्यव स्थापित कर प्रतिभागी विज्ञान शिक्षकों को प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग करने हेतु निर्देश दे दिये गये हैं।
विभाग का मानना है कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों से प्रदेश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा, जिसका लाभ विज्ञान वर्ग के छात्र-छात्राओं को मिलेगा। इससे पहले ए सुदृढ़ करने के उद्देश्य से राज्य सरकार शिक्षकों के उन्नत प्रशिक्षण एवं शोध गतिविधियों को प्रोत्साहित कर रही है। इसी कड़ी में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा देशभर के सर्वोत्कृष्ट शैक्षणिक एवं शोध संस्थानों के साथ प्रभावी समन्वय स्थापित किया जा रहा है। .निश्चित तौर पर विभाग की दूरदर्शी पहलों का सकारात्मक प्रभाव निकट भविष्य में शिक्षण-अधिगम की गुणवत्ता, नवाचार और शोध परिणामों के रूप में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होगी।
राज्य सरकार का संकल्प है कि शिक्षकों की अकादमिक एवं शोध क्षमता को निरंतर सशक्त किया जाय। आईआईएससी, बेंगलुरू जैसे देश के शीर्ष संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत विज्ञान शिक्षक अपने शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों को विज्ञान की गहन समझ, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और नवाचार की भावना से जोड़ सकेंगे। इससे छात्रों में तार्किक सोच, प्रयोगात्मक दक्षता तथा विज्ञान के व्यावहारिक अनुप्रयोगों की समझ विकसित होगी, जो उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेगी। – *डॉ. धन सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड।
