
पहाड़ का सच/एजेंसी।

जम्मू। जम्मू में RSS की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में ‘जन गोष्ठी’ का आयोजन किया गया। इस मौके पर संगठन के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि भारत को मजबूत, एकजुट और भेदभाव-मुक्त बनाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सामाजिक समरसता और राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है।
इस मौके पर जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ताशी रबस्तान, प्रांत संघचालक गौतम मेंगी और विभाग संघचालक सुरेंद्र मोहन सहित कई प्रमुख नागरिक मौजूद रहे।
होसबाले ने आरएसएस संस्थापक डॉ. हेडगेवार द्वारा रखी गई नींव का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे संगठन ने पिछले 100 वर्षों में देशभर में जड़ें मजबूत कीं। उन्होंने कहा कि संघ ने दैनिक शाखाओं, सेवा परियोजनाओं, शिक्षा और सामाजिक सुधार जैसे कार्यों के माध्यम से लगातार समाज से जुड़ाव बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि संगठन का मूल उद्देश्य हमेशा एक मजबूत, आत्मविश्वासी, संस्कारित और एकजुट भारत का निर्माण रहा है। हमारे स्वयंसेवक अनुशासन, चरित्र निर्माण और निस्वार्थ सेवा की भावना के साथ निरंतर विभिन्न क्षेत्रों में योगदान दे रहे हैं।
आरएसएस नेता ने कहा कि देश का भविष्य युवाओं के हाथों में है, इसलिए उन्हें सकारात्मक और रचनात्मक कार्यों से जोड़ना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पर्यावरण संरक्षण, परिवारिक मूल्यों को सुदृढ़ करना और सामाजिक भेदभाव खत्म करना महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां हैं।
होसबाले ने कहा कि आरएसएस की 100वीं वर्षगांठ किसी उपलब्धि का अंत नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र की सेवा की लंबी यात्रा का एक अहम मील का पत्थर है। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों ने सामाजिक सेवा, राष्ट्रीय एकता और आरएसएस के मूल्यों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
