
देहरादून। आज UPES ने उद्भव 2025 – उत्तराखंड AI मिशन (UKAIM) के तहत आयोजित पहला उभरती प्रौद्योगिकी आधारित हैकाथॉन – की मेजबानी की।


इस राज्यस्तरीय हैकाथॉन में उत्तराखंड के प्रमुख विश्वविद्यालयों और संस्थानों के छात्र इनोवेटर्स ने भाग लिया, जिन्होंने अत्याधुनिक डिजिटल तकनीकों का उपयोग करके शासन और विकास से जुड़े वास्तविक समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए। यह आयोजन सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (DIT), उत्तराखंड सरकार, और उत्तराखंड IT डेवलपमेंट एजेंसी (ITDA) द्वारा, UPES के सहयोग से आयोजित किया गया।
उद्भव हैकाथॉन दो पिच ट्रैक्स में संचालित हुआ, जिसमें छात्र टीमों ने अपने विचारों और प्रोटोटाइप्स को अकादमिक, सरकारी और उद्योग विशेषज्ञों की समानांतर निर्णायक समितियों के समक्ष प्रस्तुत किया। प्रत्येक टीम ने छोटा पिच सत्र, प्रोटोटाइप प्रदर्शन और व्यवहार्यता, विस्तार क्षमता तथा प्रभाव से जुड़े प्रश्नों का उत्तर दिया। निर्णायकों ने नवाचार, UKAIM विषयों के अनुरूपता और उत्तराखंड में उपयोग की संभावनाओं के आधार पर श्रेष्ठ विचारों का चयन किया।
यह आयोजन उद्भव हैकाथॉन के लेवल-II चरण को चिह्नित करता है, जिसके लिए प्रतिभागी संस्थानों ने पहले ITDA द्वारा जारी सामान्य दिशानिर्देशों के अनुसार आंतरिक हैकाथॉन आयोजित किए और चार छात्रों व एक फैकल्टी मेंटर वाली विजेता टीम को UPES में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए नामित किया।
UPES, IIT रूड़की, IIM काशीपुर, फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (FRI) देहरादून, GB पंत इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (GBPIET), और THDC इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोपावर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (THDC-IHET) सहित 25 से अधिक संस्थान इस प्रतियोगिता के फ़ाइनल में एकत्र हुए। चयनित टीमों ने जनरेटिव AI, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, एक्सटेंडेड रियलिटी, ब्लॉकचेन, एज और क्लाउड कंप्यूटिंग, रोबोटिक्स और साइबर सुरक्षा में AI जैसे विषयों पर समाधान प्रस्तुत किए, जिनका संबंध शहरी एवं ग्रामीण विकास, पर्यटन, कृषि एवं बागवानी, वित्त, सुशासन और पर्यावरणीय स्थिरता जैसे क्षेत्रों से था।
दिनभर चले कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और अतिथियों के स्वागत से हुई। इस अवसर पर उपस्थित थे: डॉ. जयशंकर वरियार, प्रो वाइस चांसलर, UPES; श्री नितेश कुमार झा, IAS, सचिव – सूचना प्रौद्योगिकी, उत्तराखंड सरकार; डॉ. निलेश भरने, IPS, इंस्पेक्टर जनरल, उत्तराखंड सरकार; डॉ. राम शर्मा, वाइस चांसलर, UPES; आलोक कुमार पांडे, IAS, निदेशक, ITDA; श्री अमिताभ नाग, CEO, भाषिणी (भारत सरकार); और डॉ. प्रीत (इन्वेस्ट इंडिया)। इसके पश्चात उत्तराखंड AI मिशन पर आधारित एक फिल्म प्रदर्शित की गई, जिसमें राज्यभर में AI और उभरती तकनीकों के नवाचार सेल स्थापित करने की दृष्टि को प्रस्तुत किया गया।
इसके बाद नितेश कुमार झा ने मिशन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। विशेषज्ञ सत्रों में डॉ. निलेश भरने ने फॉरेंसिक में उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग बताए, जबकि अमिताभ नाग ने भाषिणी की भूमिका, भारतीय बहुभाषी AI पारिस्थितिकी तंत्र और निवेश अवसरों की जानकारी साझा की। इन चर्चाओं ने छात्र टीमों को यह समझने में मदद की कि कैसे उनके प्रोटोटाइप भविष्य में सरकार और उद्योग के उपयोग के लिए विकसित हो सकते हैं।
उत्तराखंड AI मिशन की दृष्टि पर बल देते हुए, नितेश कुमार झा, IAS, सचिव – सूचना प्रौद्योगिकी, उत्तराखंड सरकार, ने कहा “उद्भव 2025 नवाचार को हर कैंपस तक ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कृषि, पर्यटन, शासन और सार्वजनिक सेवाओं जैसे क्षेत्रों में हमें छात्रों से व्यावहारिक और उपयोगी विचार मिल रहे हैं, और हम ऐसे युवाओं की एक नई पीढ़ी तैयार कर रहे हैं जो नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग सार्वजनिक हित में कर सके। हमारी आशा है कि इन प्रोटोटाइप्स में से कई आगे चलकर वास्तविक परियोजनाओं के रूप में विकसित होंगे और राज्यभर के लोगों की मदद करेंगे, UPES जैसे संस्थानों के सहयोग से।”
कार्यक्रम के समापन पर डॉ. राम शर्मा, वाइस चांसलर, UPES ने कहा “उद्भव ने यह साफ कर दिया कि AI की बातचीत के केंद्र में युवाओं का होना क्यों जरूरी है। आज छात्र सिर्फ AI की सिद्धांतों की बात नहीं कर रहे—वे वास्तविक समस्याओं को समझ रहे हैं और प्रभावशाली समाधान तैयार कर रहे हैं। एक विश्वविद्यालय के रूप में हमें उत्तराखंड सरकार और ITDA के साथ मिलकर ऐसे मंच बनाने में गर्व है, और हम भविष्य के उन इनोवेटर्स को तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो तकनीकी उत्कृष्टता के साथ समाज के प्रति गहरी जिम्मेदारी भी रखते हैं।”
जीतने वाली और चयनित टीमों को IT विभाग और UPES की ओर से प्रमाणपत्र और मेडल प्रदान किए गए। इन टीमों को आगे भी उत्तराखंड AI मिशन के अंतर्गत मेंटरशिप दी जाएगी तथा चयनित शीर्ष टीमों को आगामी राजभवन, देहरादून में आयोजित होने वाले सम्मान समारोह में विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा।
कार्यक्रम का समापन UPES के रजिस्ट्रार मनीष मदान द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, जिसमें सभी प्रतिभागियों, मेंटर्स और सहयोगी टीमों के प्रयासों की सराहना की गई।
