
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

*🌞~वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 21 नवम्बर 2025*
*⛅दिन – शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2082*
*⛅अयन – दक्षिणायण*
*⛅ऋतु – हेमंत*
*⛅ अमांत – 6 गते मार्गशीर्ष मास प्रविष्टि*
*⛅ राष्ट्रीय तिथि – 30 कार्तिक मास*
*⛅मास – मार्गशीर्ष*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – प्रतिपदा दोपहर 02:47 तक तत्पश्चात् द्वितीया*
*⛅नक्षत्र – अनुराधा दोपहर 01:56 तक तत्पश्चात् ज्येष्ठा*
*⛅योग – अतिगण्ड सुबह 10:44 तक तत्पश्चात् सुकर्मा*
*⛅राहुकाल – सुबह 10:45 से दोपहर 12:03 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:46*
*⛅सूर्यास्त – 05:19*
*⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 05:00 से प्रातः 05:52 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11:51 से दोपहर 12:35 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 11:47 से रात्रि 12:39 नवम्बर 22 तक*
*⛅️व्रत पर्व विवरण – सर्वार्थसिद्धि योग (प्रातः 06:45 से दोपहर 01:56 तक)*
*🌥️विशेष – प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा या पेठा) न खाएं क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है व द्वितीया को बृहती(छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🔹उपयोगी बातें🔹*
*🔹आरती के समय कपूर जलाने का विधान है । घर में नित्य कपूर जलाने से घर का वातावरण शुद्ध रहता है, शरीर पर बीमारियों का आक्रमण आसानी से नहीं होता, दुःस्वप्न नहीं आते और देवदोष तथा पितृदोषों का शमन होता है ।*
*🔹कपूर मसलकर घर में (खासकर कर ध्यान-भजन की जगह पर) थोड़ा छिड़काव कर देना भी हितावह है ।*
*🔹दीपज्योति अपने से पूर्व या उत्तर की ओर प्रगटानी चाहिए । ज्योति की संख्या 1,3,5 या 7 होनी चाहिए ।*
*दिन में नौ बार की हुई किसी भी वक्तवाली प्रार्थना अंतर्यामी तक पहुँच ही जाती है ।*
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