
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
🌤️ *दिनांक – 15 नवम्बर 2025*
🌤️ *दिन – शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2082*
🌤️ *शक संवत – 1947*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – हेमंत ऋतु*
⛅ *अमांत – 30 गते कार्तिक मास प्रविष्टि*
⛅ *राष्ट्रीय तिथि – 24 कार्तिक मास*
🌤️ *मास – मार्गशीर्ष (गुजरात-महाराष्ट्र कार्तिक)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – एकादशी 16 नवम्बर रात्रि 02:37 तक तत्पश्चात द्वादशी*
🌤️ *नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी रात्रि 11:34 तक तत्पश्चात हस्त*
🌤️ *योग – विष्कंभ 16 नवम्बर सुबह 06:47 तक तत्पश्चात प्रीति*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 09:24 से सुबह 10:42 तक*
🌤️ *सूर्योदय – 06:42*
🌤️ *सूर्यास्त – 05:21*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – उत्पत्ति एकादशी*
💥 *विशेष – हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
💥 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता हैl*
💥 *एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*
💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*
💥 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*
🕉️~*वैदिक पंचांग* ~🕉️
🌷 *विष्णुपदी संक्रांति* 🌷
➡ *जप तिथि : 16 नवम्बर 2025 रविवार को (विष्णुपदी संक्रांति)*
*पुण्यकाल सुबह 07:53 से दोपहर 01:45 से तक |*
🙏🏻 *विष्णुपदी संक्रांति में किये गये जप-ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है | – (पद्म पुराण , सृष्टि खंड)*
🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
🌷 *उत्पत्ति एकादशी* 🌷
➡️ *14 नवम्बर 2025 शुक्रवार को रात्रि 12:49 से 16 नवम्बर, को रात्रि 02:37 तक (यानी 15 नवम्बर को पूरा दिन) एकादशी है।*
💥 *विशेष – 15 नवम्बर, शनिवार को एकादशी का व्रत उपवास रखें ।*
🙏🏻 *उत्पत्ति एकादशी ( व्रत करने से धन, धर्म और मोक्ष की प्राप्ति होती है | – पद्म पुराण )*
🕉️ ~ *वैदिक पंचांग* ~ 🕉️
🌷 *स्नान के साथ पायें अन्य लाभ* 🌷
🐄 *गोमय से ( देशी गौ-गोबर को पानी में मिलाकर उससे ) स्नान करने पर लक्ष्मीप्राप्ति होती है तथा गोमूत्र से स्नान करने पर पाप-नाश होता है | गोदुग्ध से स्नान करने पर बलवृद्धि एवं दही से स्नान करने पर लक्ष्मी की वृद्धि होती है | ( अग्निपुराण : २६७.४-५)*
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🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
🌷 *पौष्टिक खजूर* 🌷
🔹 *१३२ प्रकार की बीमारियों को जड़ से उखाडनेवाला, त्रिदोषनाशक खजूर तुरंत शक्ति – स्फूर्ति देनेवाला, रक्त – मांस व वीर्य की वृद्धि करनेवाला, कब्जनाशक, कान्तिवर्धक, ह्रदय व मस्तिष्क का टॉनिक है |*
💥 *सेवन – विधि : बच्चों के लिए २ से ४ और बड़ों के लिए ४ से ७ |*
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🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
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