
जिलाधिकारी ने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की पहचान, छात्रवृत्ति और किचन गार्डन को लेकर दिये कई अहम निर्देश*

गुणवत्ता, पारदर्शिता और परिणाम: जिलाधिकारी के निर्देशन में शिक्षा योजनाओं की नयी दिशा तय करती समग्र शिक्षा
पौड़ी। जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया की अध्यक्षता में मंगलवार को समग्र शिक्षा एवं प्रधानमंत्री पोषण जिला परियोजना समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। बैठक में जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को योजनाओं की प्रगति की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करने और गुणवत्ता आधारित कार्य सुनिश्चित करने के सख़्त निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि शिक्षा, पोषण और विद्यालयी ढांचे से जुड़ी योजनाओं में पारदर्शिता व परिणाम आधारित कार्यवाही सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी से योजनाओं की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि समावेशी शिक्षा के तहत विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की पहचान गंभीरता से की जाए। इसके लिये विशेष शिक्षक अपने-अपने रोस्टर के अनुसार विद्यालयों का नियमित निरीक्षण करें, बच्चों की काउंसलिंग कर उन्हें छात्रवृत्ति का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय त्रिपालीसैंण की गुणवत्ता और वहां की व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा को प्रोत्साहित किया जाए ताकि विद्यार्थी रोजगारोन्मुख शिक्षा से जुड़ सकें। उन्होंने वर्चुअल लैबों को व्यवस्थित रूप से संचालित करने, आवश्यक उपकरणों के रखरखाव और प्रयोगात्मक कक्षाओं की नियमितता सुनिश्चित करने को कहा।
जिलाधिकारी ने कहा कि निर्माण कार्यों की वित्तीय प्रगति की नियमित समीक्षा की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी कार्य में डुप्लीकेसी न हो। उन्होंने प्राथमिकता के आधार पर लंबित कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए।
पीएम पोषण शक्ति निर्माण योजना की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने विद्यालयों में बच्चों के लिए तैयार किए जा रहे मेन्यू, बर्तनों की स्वच्छता, कुकिंग गैस की स्थिति और भोजन की गुणवत्ता की जानकारी ली। उन्होंने सख़्त निर्देश दिए कि ख़राब गुणवत्ता वाली खाद्य सामग्री बच्चों तक न पहुंचे, इसके सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होंने कहा कि बीआरसी और सीआरसी स्तर पर आयरन दवाओं तथा एल्बेंडाजोल की एक्सपायरी की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को कम से कम 15 दिन पहले दी जाए, ताकि बच्चों के स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
उन्होंने विद्यालयों में किचन गार्डन को विकसित और सुरक्षित करने के निर्देश दिए। कहा कि प्रत्येक विद्यालय में स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार किचन गार्डन को घेरबाड़ कर विकसित किया जाए, ताकि बच्चे पोषणयुक्त सब्जियों से लाभान्वित हों और उन्हें पौधरोपण का व्यावहारिक ज्ञान भी मिल सके।
पूर्व में किए गए निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा राजीव गांधी नवोदय विद्यालय संतूधार में इनवर्टर, गीजर, वाशिंग मशीन आदि खरीदने हेतु अनटाइड फंड से 2.5 लाख की अतिरिक्त धनराशि स्वीकृत की गयी थी। बैठक में उन्होंने मुख्य शिक्षाधिकारी को इन उपकरणों की जल्द खरीद के निर्देश दिए।
इसके अलावा उन्होंने आपदा प्रभावित विद्यालयों के भवनों की स्थिति की समीक्षा करते हुए तत्काल मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार कर मरम्मत कराने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी विद्यालयों से संबंधित भूमि हस्तांतरण के प्रकरणों पर समयबद्ध आवेदन करने और लंबित प्रकरणों को प्राथमिकता से निस्तारित करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि सभी विद्यालयों में क्रीड़ा सुविधा, बिजली, पानी और मरम्मत कार्यों की स्थिति की निगरानी की जाए और जहां भी कमी है, उसे तत्काल पूरा किया जाए। उन्होंने विभागीय कार्यों में लापरवाही पाए जाने पर कड़ी चेतावनी दी और कहा कि किसी भी स्तर पर ढ़िलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्य शिक्षा अधिकारी नागेंद्र बर्त्वाल ने जानकारी दी कि जनपद में वर्तमान में 1335 प्राथमिक विद्यालय, 252 उच्च प्राथमिक विद्यालय और 302 हाईस्कूल एवं इंटर कॉलेज संचालित हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के अंतर्गत तीन प्रमुख केंद्र पोषित योजनाएं समग्र शिक्षा अभियान, पीएम श्री योजना और पीएम पोषण योजना जनपद में संचालित हैं, जिनके माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और बच्चों के समग्र विकास के प्रयास किए जा रहे हैं।
बैठक में अपर जिलाधिकारी अनिल गर्ब्याल, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. शिव मोहन शुक्ला, जिला पूर्ति अधिकारी अरुण वर्मा, कोषाधिकारी अमर्त्य विक्रम सिंह, सभी विकासखंडों के खंड शिक्षा अधिकारी, तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
