
– ग्राम प्रधानों से लेकर ब्लॉक और तहसील स्तर के अधिकारी जांच के घेरे में

देहरादून। प्रदेश में डेमोग्राफिक बदलाव को लेकर एक बार फिर से मामला गर्मा गया है। मुख्यमंत्री पहले भी इस मुद्दे पर चिंता जता चुके हैं और अब शिकायतें मिली है कि राज्य में गलत तथ्यों के साथ फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए जा रहे हैं।
सरकार में एक बार फिर डेमोग्राफिक चेंज का मुद्दा उठने लगा है। दरअसल, मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल पर प्रदेश की कई जगह से गलत तथ्यों के साथ फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाने की शिकायतें मिल रही हैं। मामला सामने आते ही मुख्यमंत्री कार्यालय अलर्ट मोड पर आ गया है और संबंधित मामले में न केवल जिलों में सत्यापन के काम को तेज करने के निर्देश दिए गए हैं, बल्कि संबंधित शिकायत के ऊपर जांच के आदेश भी दिए गए हैं। यह बताया गया है कि प्रदेश से बाहर के लोग गलत तथ्यों के साथ दस्तावेज तैयार करवा रहे हैं, जिसमें परिवार रजिस्टर में नाम जुड़वाना, राशन कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेज बनवाना शामिल है।
मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल पर लगातार ऐसी शिकायतें दर्ज हो रही हैं, जिन्हें अब शासन स्तर पर गंभीरता से लिया गया है। सरकार ने इन शिकायतों की तह तक जाने के लिए संबंधित अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। बताया गया है कि इन मामलों में ग्राम प्रधानों से लेकर ब्लॉक और तहसील स्तर के अधिकारियों को जांच के दायरे में लिया जा रहा है। खास बात यह है कि ग्राम प्रधान और संबंधित अधिकारियों से इस मामले में रिपोर्ट भी मांगी गई है।
मुख्यमंत्री के विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते ने बताया कि शिकायतों के आधार पर जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में दस्तावेजों का सत्यापन अभियान चलाएं। अगर किसी व्यक्ति द्वारा गलत सूचना या फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड, राशन कार्ड या अन्य प्रमाणपत्र तैयार किए जाने की बात सामने आती है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
शासन का मानना है कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए प्रदेश में स्थायी निवास स्थापित करने की कोशिश न केवल प्रशासनिक दृष्टि से गंभीर मामला है, बल्कि यह सामाजिक संतुलन को भी प्रभावित कर सकता है. इसी कारण सरकार ने सभी जिलों में सघन सत्यापन अभियान चलाने का फैसला किया है। आने वाले दिनों में रिपोर्ट के आधार पर सरकार इस दिशा में और कड़े कदम उठा सकती है।
