
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
🌤️ *दिनांक – 11 अक्टूबर 2025*
🌤️ *दिन – शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*
🌤️ *शक संवत – 1947*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – शरद ऋतु*
⛅ *अमांत – 25 गते आश्विन मास प्रविष्टि*
⛅ *राष्ट्रीय तिथि – 19 आश्विन मास*
🌤️ *मास – कार्तिक (गुजरात-महाराष्ट्र आश्विन*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – पंचमी शाम 04:43 तक तत्पश्चात षष्ठी*
🌤️ *नक्षत्र – रोहिणी शाम 03:20 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
🌤️ *योग – व्यतीपात दोपहर 02:07 तक तत्पश्चात वरीयान*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 09:12 से सुबह 10:38 तक*
🌤️ *सूर्योदय – 06:17*
🌤️ *सूर्यास्त – 05:51*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण -*
💥 *विशेष – पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🕉️~*वैदिक पंचांग* ~🕉️
🌷 *घातक रोगों से मुक्ति पाने का उपाय* 🌷
👉🏻 *12 अक्टूबर 2025 रविवार को (दोपहर 02:16 से 13 अक्टूबर सूर्योदय तक) रविवारी सप्तमी है।*
🙏🏻 *रविवार सप्तमी के दिन बिना नमक का भोजन करें। बड़ दादा के १०८ फेरे लें । सूर्य भगवान का पूजन करें, अर्घ्य दें व भोग दिखाएँ, दान करें । तिल के तेल का दिया सूर्य भगवान को दिखाएँ ये मंत्र बोलें :-*
🌷 *”जपा कुसुम संकाशं काश्य पेयम महा द्युतिम । तमो अरिम सर्व पापघ्नं प्रणतोस्मी दिवाकर ।।”*
💥 *नोट : घर में कोई बीमार रहता हो या घातक बीमारी हो तो परिवार का सदस्य ये विधि करें तो बीमारी दूर होगी ।*
🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
🌷 *मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि*
🙏🏻 *सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं।*
🌷 *इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान, दान व श्राद्ध अक्षय होता है।*
🙏🏻 *(शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याया (10)*
🕉️~*वैदिक पंचांग* ~🕉️
🌷 *कार्तिक मास* 🌷
➡ *07 अक्टूबर, मंगलवार से कार्तिक व्रत-स्नान प्रारंभ ।*
💥 *विशेष ~ गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार 22 अक्टूबर, बुधवार से कार्तिक मास प्रारंभ ।*
🙏🏻 *महाभारत अनुशासन पर्व अध्याय 106 के अनुसार “कार्तिकं तु नरो मासं यः कुर्यादेकभोजनम्। शूरश्च बहुभार्यश्च कीर्तिमांश्चैव जायते।।” जो मनुष्य कार्तिक मास में एक समय भोजन करता है, वह शूरबीर, अनेक भार्याओं से संयुक्त और कीर्तिमान होता है।*
💥 *कार्तिक में बैंगन और करेला खाना मना बताया गया है .?*
🙏🏻 *महाभारत अनुशासन पर्व अध्याय 66 जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में अन्न का दान करता है, वह दुर्गम संकट से पार हो जाता है और मरकर अक्षय सुख का भागी होता है ।*
🙏🏻 *शिवपुराण के अनुसार कार्तिक में गुड़ का दान करने से मधुर भोजन की प्राप्ति होती है*।
🌷 *स्कंदपुराण वैष्णवखंड के अनुसार- ‘मासानां कार्तिकः श्रेष्ठो देवानां मधुसूदनः। तीर्थ नारायणाख्यं हि त्रितयं दुर्लभं कलौ।’*
➡ *अर्थात मासों में कार्तिक, देवताओं में भगवान विष्णु और तीर्थों में नारायण तीर्थ बद्रिकाश्रम श्रेष्ठ है। ये तीनों कलियुग में अत्यंत दुर्लभ हैं।*
🌷 *स्कंदपुराण वैष्णवखंड के अनुसार- ‘न कार्तिसमो मासो न कृतेन समं युगम्। न वेदसदृशं शास्त्रं न तीर्थ गंगया समम्।’*
➡ *अर्थात कार्तिक के समान दूसरा कोई मास नहीं, सतयुगके समान कोई युग नहीं, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं और गंगाजीके समान कोई तीर्थ नहीं है।*
🙏🏻 *भगवान श्री कृष्ण को वनस्पतियों में तुलसी, पुण्य क्षेत्रों में द्वारिकापुरी, तिथियों में एकादशी और महिनों में कार्तिक विशेष प्रिय है- कृष्णप्रियो हि कार्तिक:, कार्तिक: कृष्णवल्लभ:। इसलिए कार्तिक मास को अत्यंत पवित्र और पुण्यदायक माना गया है।*
🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️पंचक:
31 अक्टूबर 2025, 06:48:58 बजे से शुरू —
4 नवंबर 2025, 12:35:11 बजे तक
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