
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
🌤️ *दिनांक – 06 अक्टूबर 2025*
🌤️ *दिन – सोमवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*
🌤️ *शक संवत – 1947*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – शरद ऋतु*
🌥️ *अमांत – 20 गते आश्विन मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 14अश्विन मास*
🌤️ *मास – आश्विन*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – चतुर्दशी दोपहर 12:23 तक तत्पश्चात पूर्णिमा*
🌤️ *नक्षत्र – उत्तरभाद्रपद 07 अक्टूबर प्रातः 04:01 तक तत्पश्चात रेवती*
🌤️ *योग – वृद्धि दोपहर 01:14 तक तत्पश्चात ध्रुव*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 07:44 से सुबह 09:11 तक*
🌤️ *सूर्योदय – 06:13*
🌤️ *सूर्यास्त – 05:56*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – व्रत पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा, शरद पूर्णिमा, (खीर चंद्र किरणों में रखे), पंचक*
💥 *विशेष – चतुर्दशी व पूर्णिमा एवं व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
🕉️~*वैदिक पंचांग* ~🕉️
🌷 *कार्तिक मास में स्नान की महिमा* 🌷
➡️ *07 अक्टूबर 2025 मंगलवार से कार्तिक व्रत-स्नान आरम्भ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार 22 अक्टूबर 2025 बुधवार से कार्तिक मास प्रारंभ)*
🙏🏻 *कार्तिक मास में सूर्योदय से पहले स्नान करने की बड़ी भारी महिमा है और ये स्नान तीर्थ स्नान के समान होता है l*
🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
🌷 *कार्तिक मास में जप* 🌷
🙏🏻 *कार्तिक मास में अपने गुरुदेव का सुमिरन करते हुए जो “ॐ नमो नारायणाय” का जप करता है, उसे बहुत पुण्य होता है |*
🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
🌷 *कार्तिक मास* 🌷
🙏🏻 *स्कंद पुराण में लिखा है : ‘कार्तिक मास के समान कोई और मास नहीं हैं, सत्ययुग के समान कोई युग नहीं है, वेदों के समान कोई शास्त्र नहीं है और गंगाजी के समान दूसरा कोई तीर्थ नहीं है |’ – ( वैष्णव खण्ड, का.मा. : १.३६-३७)*
🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️🕒 अक्टूबर 2025 पंचक के समय
प्रारंभ
शुक्रवार, 3 अक्टूबर 2025 शाम 9:27 बजे
बुधवार, 8 अक्टूबर 2025 सुबह 1:28 बजे तक
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