
एग्रीकल्चर स्किल काउंसिल ऑफ इंडिया को कोर्स और सिलेबस को एडॉप्ट कर इस डिप्लोमा कोर्स की महत्त्व बढ़ाया जाए

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग समिति की बैठक
पहाड़ का सच देहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने बुधवार को सचिवालय में पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग समिति की बैठक ली । बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को राज्य स्तरीय प्रोजेक्ट स्क्रीनिंग समिति की बैठक दिसंबर माह एवं राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग समिति की यह बैठक मार्च माह में कराई जाए ताकि अप्रैल से प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू हो सके।
मुख्य सचिव ने कृषि विभाग द्वारा मालियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए स्किल इंडिया के एग्रीकल्चर स्किल काउंसिल ऑफ इंडिया को कोर्स और सिलेबस को एडॉप्ट कर इस डिप्लोमा कोर्स की महत्त्व बढ़ाया जाए।
उन्होंने कहा कि जनपद अपने अपने क्षेत्र में फार्म मशीनरी बैंकों का मूल्यांकन कराएं। फार्म मशीनरी बैंकों के आने के बाद उत्पादकता में क्या प्रभाव पड़ा इसका आंकलन तैयार कराया जाए।
मुख्य सचिव ने जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय को प्रदेश के लिए कार्बन क्रेडिट एजेंसी के रूप में कार्य किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश कार्बन क्रेडिट की दिशा में बहुत कुछ कर सकता है, इसके लिए जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
मुख्य सचिव ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय भरसार को ग्राफ्टिंग की दिशा में कार्य किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वॉलनट के ग्राफ्टेड प्लांट्स की प्रदेश में अत्यधिक मांग है, जिसे बाहर से सप्लाई कराना पड़ता है। उन्होंने विश्वविद्यालय को इस दिशा में शीघ्र कार्य किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने इन सभी प्रोजेक्ट्स के आउटकम इंडिकेटर्स निर्धारित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी प्रोजेक्ट्स समय पर पूर्ण हों इसके लिए सभी स्टेज की समयसीमा निर्धारित की जाएं। इस अवसर पर सचिव श्रीधरबाबू अद्दांकी, डा.रणवीर सिंह चौहान, डॉ. एस.एन. पाण्डेय, वीसी वीसीएसजी औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय भरसार डॉ. परविंदर कौशल, अपर सचिव आनन्द श्रीवास्तव, नवनीत पाण्डेय सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
*जानिए Farm Machinery Bank योजना के बारे में* . कृषि यंत्रों की खरीद …फार्म मशीनरी बैंक (FMB) योजना कृषि यंत्रीकरण अम्ब्रेला योजना के अंतर्गत ग्रामीण युवाओं और उद्यमियों के लिए स्वरोजगार के अवसर पैदा करती है और छोटे व सीमांत किसानों को उचित शुल्क पर कृषि मशीनरी उपलब्ध कराती है। यह योजना भूमि विकास से लेकर अवशेष प्रबंधन तक, सभी कृषि कार्यों के लिए मशीनरी को सुलभ बनाती है, और दाल मिलों, तेल मिलों व बीज प्रसंस्करण इकाइयों को भी बढ़ावा देती है।
योजना के मुख्य उद्देश्य
रोजगार सृजन: ग्रामीण युवाओं और उद्यमियों के लिए स्वरोजगार के अवसर पैदा करना, खासकर कृषि में जहां बिजली की उपलब्धता कम है।
मशीनरी तक पहुँच: छोटे और सीमांत किसानों के लिए कम कीमत पर कृषि मशीनरी उपलब्ध कराना, ताकि वे भूमि विकास से लेकर अवशेष प्रबंधन तक सभी कार्यों के लिए मशीनों का उपयोग कर सकें।
कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा: खेती में मशीनीकरण को बढ़ावा देना और कृषकों को आधुनिक कृषि उपकरण उपलब्ध कराना.
प्राथमिक प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना: दाल मिल, तेल मिल, और बीज प्रसंस्करण इकाइयों जैसी इकाइयों को स्थापित करने में सहायता करना.
कृषि बिजली की उपलब्धता बढ़ाना: कृषि बिजली की उपलब्धता को बढ़ाना। लाभार्थी ग्रामीण युवा और उद्यमी छोटे और सीमांत किसान। किसान सहकारी समितियाँ, पंजीकृत किसान समितियाँ, और स्वयं सहायता समूह (SHG). भारतीय किसान उत्पादक संगठन (FPOs)।
कैसे काम करती है योजना
यह योजना व्यक्तिगत आवेदकों के साथ-साथ विभिन्न समूहों के लिए भी खोली गई है। ग्राम-स्तरीय फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए किसानों की सहकारी समितियों, एफपीओ, एसएचजी और पंचायतों को सब्सिडी प्रदान की जाती है। योजना के तहत किसानों को कृषि उपकरण खरीदने के लिए सब्सिडी दी जाती है, जो उनके बैंक खातों में ऑनलाइन जमा की जाती है।
भारत सरकार की ओर से कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए यह एक महत्वपूर्ण पहल है।