

ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
🌤️ *दिनांक – 15 सितम्बर 2025*
🌤️ *दिन – सोमवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*
🌤️ *शक संवत – 1947*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – शरद ऋतु*
🌦️ *अमांत – 30 गते भाद्रपद मास प्रविष्टि*
🌦️ *राष्ट्रीय तिथि – 24 भाद्रपद मास*
🌤️ *मास – आश्विन (गुजरात-महाराष्ट्र भाद्रपद)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – नवमी 16 सितम्बर रात्रि 01:31 तक तत्पश्चात दशमी*
🌤️ *नक्षत्र – मृगशिरा सुबह 07:31 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
🌤️ *योग – व्यतीपात 16 सितम्बर रात्रि 02:34 तक तत्पश्चात वरीयान*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 07:37 से सुबह 09:09 तक*
🌤️ *सूर्योदय – 06:02*
🌤️ *सूर्यास्त – 06:23*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – नवमी का श्राद्ध, सौभाग्यवती का श्राद्ध, व्यतीपात योग (प्रातः 04:55 से मध्यरात्रि 02:34 तक)*
💥 *विशेष – नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🕉️~*वैदिक पंचांग* ~🕉️
🌷 *इससे आपका मन लगने लगेगा* 🌷
➡ *यदि दुकान अथवा व्यवसाय-स्थल पर आपका मन नहीं लगता है तो इसके लिए आप जिस स्थान पर बैठते हैं वहाँ थोडा-सा कपूर जलायें, अपनी पसंद के पुष्प रखें और स्वस्तिक या ॐकार को अपलक नेत्रों से देखते हुए कम-से-कम ५ – ७ बार ॐकार का दीर्घ उच्चारण करें |*
➡ *अपने पीछे दीवार पर ऊपर ऐसा चित्र लगायें जिसमें प्राकृतिक सौंदर्य हो, ऊँचे –ऊँचे पहाड़ हों परंतु वे नुकीले न हों और न ही उस चित्र में जल हो अथवा यथायोग्य किसी स्थान पर आत्मज्ञानी महापुरुषों, देवी-देवताओं के चित्र लगायें | इससे आपका मन लगने लगेगा |*
🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
🌷 *पितृ पक्ष* 🌷
🙏🏻 *अभी पितृ पक्ष चल रहा है | अपने घर के लोग जो गुजर गये हैं | उनकी आत्मा को शांति देने के लिए इतना जरूर करें कि अब सर्व पितृ अमावस्या आयेगी, (21 सितम्बर 2025 रविवार को ) उस दिन गीता का 7 अध्याय पाठ करें, सूर्य भगवान के सामने जल और अन्न ले जाकर प्रार्थना करें कि: “हे सूर्यदेव, यमराज आपके पुत्र हैं, हमारे घर के जो भी गुजर गये उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें, आज के गीता के पाठ का पुण्य उनके लिए दीजिये” पितृ गण राजी होंगे, घर में अच्छी संतान जन्म लेगी यह सर्व पितृ अमावस्या के दिन जरूर करें।*
🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
🌷 *उन्नतिकारक कुंजियाँ* 🌷
👉🏻 *हल्का भोजन करने से शरीर में स्थूलता कम होती है, मन भी सूक्ष्म होता है | सूक्ष्म मन प्रसन्नता का द्योतक है |*
👉🏻 *भृकुटी में तिलक करने से ज्ञानशक्ति का विकास होता है |*
🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
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