

पहाड़ का सच देहरादून। मसूरी में जार्ज एवरेस्ट की बेशकीमती जमीन को मामूली किराए पर लीज पर दिए जाने के मामले में बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल में भी तत्कालीन विभागीय मंत्री , सचिव/मुख्य कार्यकारी अधिकारी की भूमिका की जांच की मांग की है।

कांग्रेस का सवाल ! मसूरी की खरबों की जमीन का पंद्रह साल का किराया मात्र 15 करोड़
रविवार को जारी एक वीडियो में गोदियाल ने कहा कि उत्तराखंड में जंगली जानवर फसलों के साथ जानमाल को नुकसान पहुंचा रहे हैं और सरकार जमीन खा रही है। उन्होंने आजकल चर्चाओं में छाए मसूरी जार्ज एवरेस्ट की जमीन को लीज पर दिए जाने के मामले को एक गंभीर आपराधिक कृत्य बताया।
मसूरी में जाज एवरेस्ट की सरकारी जमीन के मामले में विभाग का दावा, फमों का चयन टेंडर से ही किया गया
उन्होंने कहा कि धामी सरकार की ये कैसी पारदर्शिता है कि तीन फर्मों में जिस व्यक्ति की लगभग सौ फीसद हिस्सेदारी है उसके नाम से ही टेंडर खोल दिया गया। इस साफ झलकता है कि व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने की मंशा से जमीन को मामूली लीज पर किराए पर दिया गया।
पूर्व विधायक व उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष गोदियाल ने कहा कि जॉर्ज एवरेस्ट जमीन का मामला अति गंभीर है। उसकी जांच होनी चाहिए। तत्कालीन विभागीय मंत्री,सचिव /मुख्य कार्याधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध लगती है उनकी भी जांच होनी चाहिए।