

*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*

*⛅दिनांक – 12 सितम्बर 2025*
*⛅दिन – शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2082*
*⛅अयन – दक्षिणायण*
*⛅ऋतु – शरद*
*🌦️ अमांत – 27 गते भाद्रपद मास प्रविष्टि*
*🌦️ राष्ट्रीय तिथि – 21 भाद्रपद मास*
*⛅मास – आश्विन*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – पञ्चमी सुबह 09:58 तक तत्पश्चात् षष्ठी*
*⛅नक्षत्र – भरणी सुबह 11:58 तक तत्पश्चात् कृत्तिका*
*⛅योग – व्याघात दोपहर 01:44 तक तत्पश्चात् हर्षण*
*⛅राहुकाल – सुबह 10:41 से दोपहर 12:13 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:59*
*⛅सूर्यास्त – 06:28*
*⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:39 से प्रातः 05:26 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 11:58 से दोपहर 12:48 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:00 सितम्बर 13 से रात्रि 12:46 सितम्बर 13 तक*
*⛅️व्रत पर्व विवरण – पञ्चमी व षष्ठी का श्राद्ध, मासिक कार्तिगाई*
*⛅️विशेष – पञ्चमी को बेल फल खाने से कलंक लगता है व षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातून मुंह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🔹जीवन में उपयोगी नियम ( भाग – २)🔹*
*🔸11. अश्लील पुस्तक आदि न पढ़कर ज्ञानवर्धक पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए ।*
*🔸12. चोरी कभी न करो ।*
*🔸13. किसी की भी वस्तु लें तो उसे सँभाल कर रखो । कार्य पूरा हो फिर तुरन्त ही वापिस दे दो ।*
*🔸14. समय का महत्त्व समझो । व्यर्थ बातें, व्यर्थ काम में समय न गँवाओ । नियमित तथा समय पर काम करो ।*
*🔸15. स्वावलंबी बनो । इससे मनोबल बढ़ता है ।*
*🔸16. हमेशा सच बोलो । किसी की लालच या धमकी में आकर झूठ का आश्रय न लो ।*
*🔸17. अपने से छोटे दुर्बल बालकों को अथवा किसी को भी कभी सताओ मत । हो सके उतनी सबकी मदद करो ।*
*🔸18. अपने मन के गुलाम नहीं परन्तु मन के स्वामी बनो । तुच्छ इच्छाओं की पूर्ति के लिए कभी स्वार्थी न बनो ।*
*🔸19. किसी का तिरस्कार, उपेक्षा, हँसी-मजाक कभी न करो । किसी की निंदा न करो और न सुनो ।*
*🔸20. किसी भी व्यक्ति, परिस्थिति या मुश्किल से कभी न डरो परन्तु हिम्मत से उसका सामना करो ।*
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