

विधायक उमेश शर्मा को दी गई सुरक्षा का रिकॉर्ड तलब

15 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
पहाड़ का सच नैनीताल। उच्च न्यायालय नैनीताल ने प्रदेश के वर्तमान और पूर्व निर्वाचित प्रतिनिधियों पर चल रहे आपराधिक मुकदमों के लंबी अवधि तक लटके रहने पर कड़ा रुख अपनाया है। इस मामले में अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी।
कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार के कई मामले विभिन्न अदालतों में दस साल से भी अधिक समय से लंबित हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट 2023 में ऐसे मामलों की त्वरित सुनवाई का आदेश दे चुका है। इस आदेश के अनुपालन में इन मुकदमों को नामित अदालतों में भेजकर दिन-प्रतिदिन की सुनवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए थी। इतना ही नहीं, शीर्ष अदालत ने संबंधित उच्च न्यायालयों को इन मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए मॉनिटरिंग के निर्देश भी दिए थे।
न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने स्वतः संज्ञान लेकर मामले की सुनवाई की। इस दौरान राज्य सरकार के उप महाधिवक्ता जेएस विर्क ने जानकारी दी कि प्रदेश में ऐसे मामलों के लिए कुछ अदालतें पहले से ही नामित हैं। सभी लंबित मुकदमों की सूची तैयार की जा रही है। मामले की अगली सुनवाई 15 अक्तूबर को होगी। उप महाधिवक्ता ने कहा माननीयों पर लंबित मुकदमों की सूची तैयार कर रही सरकार
.आपराधिक मुकदमे वालों की सुरक्षा पर उठाए थे सवाल
पहले हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने माननीयों को दी जाने वाली सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने पूछा था कि यदि किसी व्यक्ति पर विभिन्न आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं और उसे वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जा रही है तो उसे यह सुरक्षा देने की नीति क्या है। इसके लिए क्या मानदंड हैं। कोर्ट ने विधायक उमेश शर्मा को दी गई वाई श्रेणी की सुरक्षा से संबंधित रिकॉर्ड को भी तलब किया है।