

मतपत्र टेंपरिंग विवाद पर हाईकोर्ट सख्त

.नैनीताल जिपं अध्यक्ष चुनाव में री-पोलिंग सम्बन्धी याचिका
पहाड़ का सच नैनीताल। जिला पंचायत अध्यक्ष नैनीताल के चुनाव में गड़बड़ी के आरोप पर मंगलवार को हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को बुधवार को होने वाली अगली सुनवाई में निष्पक्ष चुनाव के लिए जारी दिशा-निर्देश पुस्तिका पेश करने का आदेश दिया। मामला एक मतपत्र में कथित टेंपरिंग और ओवरराइटिंग से जुड़ा है।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने कहा कि विवादित बिंदुओं पर फैसला निर्वाचन आयोग ही करेगा। याचिकाकर्ता पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामथ ने दलील दी कि पुनर्मतदान का अधिकार जिलाधिकारी के पास नहीं, बल्कि केवल राज्य निर्वाचन आयोग के पास है। इसलिए आयोग की नियमावली और गाइडलाइन कोर्ट में प्रस्तुत की जाए।
. पूरा मामला क्या है
14 अगस्त को नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव हुआ था। मतदान के दौरान हंगामा हुआ और पांच जिला पंचायत सदस्य अचानक लापता हो गए। कांग्रेस और बीजेपी ने एक-दूसरे पर किडनैपिंग के आरोप लगाए। कांग्रेस ने हाईकोर्ट का रुख किया, जिसके बाद कोर्ट ने जिलाधिकारी को चुनाव स्थगित करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने वोटिंग का समय बढ़ाया और देर रात मतगणना कराई, लेकिन नतीजे घोषित नहीं किए।
19 अगस्त को निर्वाचन आयोग ने बीजेपी प्रत्याशी दीपा दर्मवाल को एक वोट से विजयी घोषित कर दिया।याचिकाकर्ता कांग्रेस प्रत्याशी पूनम बिष्ट का कहना है कि उनके एक वैध मतपत्र में क्रमांक 1 को काटकर 2 लिख दिया गया, जिससे वह मत अमान्य हो गया। यही मत अंतर का कारण बना और परिणाम बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में चला गया।