
कई विधायक रात को रजाई ओढ़कर सोए, विधायकों की लाइव रिकॉर्डिंग भी दिखाई, ऐसा कृत्य प्रबंधित है, क्या एक्शन लेंगी विधानसभा अध्यक्ष?

बजट-वेतन-भत्तों का बढ़ा आकार, सिकुड़ा जनहित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा का दायरा
स्पीकर ने आपदा-कानून व्यवस्था पर चर्चा ठुकराई, सदन के अंदर गुजरी रात भी न आयी काम
5,315 करोड़ का अनुपूरक बजट व नौ विधेयक पारित, विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
पहाड़ का सच भराड़ीसैंण। गैरसैंण के इस विधानसभा सत्र ने इतिहास रच दिया है। इतिहास इस लिहाज से की विपक्षी दल के सदस्यों ने पूरी रात सदन में बिताई जहां इस तरह की गतिविधि प्रतिबंधित है। दूसरा, भारी भरकम खर्चे के बाद सिर्फ 2 घंटे 40 मिनट ही सदन चला जो सबसे अल्पकाल का सदन रहा। उत्तराखण्ड विधानसभा के सत्र का क्या अंजाम होगा। यह भी जनता पहले ही सुना देती है। 25 साल से यही होता आ रहा है।
19 और 20 अगस्त को भराड़ीसैंण के विधानभवन में सिर्फ दो घण्टे चालीस मिनट तक चले विधानसभा सत्र में विपक्ष अपने मुद्दों पर चिल्लाता रहा और सत्ता पक्ष का काम आसान हो गया। 22 अगस्त तक चलने वाला विधानसभा सत्र 20 अगस्त की दोपहर में ही समाप्त हो गया। विपक्ष पहले दिन से ही आपदा व कानून व्यवस्था पर नियम 310 के तहत चर्चा कराए जाने की मांग करता रहा। वेल में विपक्ष ने कागज फाड़े। माइक हिलाए। वोट चोरी समेत तानाशाह सरकार के जोर जोर से नारे लगाए।
पहले दिन चर्चा की अनुमति नहीं मिलने पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य व प्रीतम सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस के विधायकों ने विधानभवन के मंडप के अंदर ही गद्दे, रजाई डालकर ऐतिहासिक रात बिताई। मुख्यमंत्री धामी ने भी विपक्ष को मनाने की कोशिशें की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इस सत्र का सबसे गम्भीर पहलू यह रहा कि कांग्रेस के तात्कालिक हालातों व सवाल (आपदा व कानून व्यवस्था) पर स्पीकर ऋतु खण्डूड़ी ने चर्चा का प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया। धराली-हर्षिल की जानलेवा आपदा पूरे देश ने देखी। नैनीताल का अपहरण कांड व बेतालघाट की फायरिंग भी पूरे देश की नजरों में आई।
इस मुद्दे पर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का सख्त लहजा भी सुर्खियों में रहा। उम्मीद यह जताई जा रही थी कि नियम 310 के तहत स्पीकर कम से कम गम्भीर आपदा पर चर्चा की मांग स्वीकार करेंगी। आपदा पर बहस होने पर कई पीड़ितों से जुड़े अनछुए पहलू सामने आते। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
मात्र डेढ़ दिन के गैरसैंण सत्र को लेकर यह भी सवाल उठ रहे हैं कि इससे अच्छा तो दून में ही कर लेते। इतने भारी खर्चे पर पूरी सरकारी मशीनरी को गैरसैंण क्यों ले जाया गया।
बहरहाल, डेढ़ दिनी सत्र के पहले दिन 1 घन्टा 45 मिनट और दूसरे दिन 20 अगस्त को 55 मिनट तक सदन की कार्यवाही चली। इन डेढ़ दिन में कई बार सदन स्थगित हुआ। कुल 2 घण्टे चालीस मिनट सदन चला। कोई प्रश्नकाल नहीं। कोई सवाल जवाब नहीं। शोरगुल के बीच नये संसदीय कार्यमंत्री सुबोध उनियाल की भी परीक्षा नहीं हो पाई।
इस गतिरोध का लाभ उठाते हुए पूर्व की तरह इस बार भी सत्ता पक्ष ने हो हल्ले के बीच पांच हजार करोड़ से अधिक का अनुपूरक बजट और नौ विधेयक पास करवा लिए। नारेबाजी के बीच अन्य बिजनेस भी आनन फानन में निपटा लिए गए।
भराड़ीसैंण के अति लघु विधानसभा सत्र के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाओं का सिलसिला शुरू हो चुका है। सोशल मीडिया में भाजपा-कांग्रेस के बीच मैच फिक्स की संभावना भी खुल कर जताई जा रही है। सत्र की समाप्ति के बाद हवाई व सड़क मार्ग से बचते बचाते अपने अपने ठौर पर लौटने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। लेकिन वही पुराने सवाल एक बार फिर पहाड़ी मोड़ पर अटके हुए हैं।
बीते 25 साल में प्रदेश के बजट का आकार 25 गुना बढ़ चुका है। माननीयों के वेतन-भत्ते व सुविधाओं का दायरा भी फैलता जा रहा है। इन 25 सालों में कुछ अगर सिकुड़ा है तो वो विधानसभा के अंदर बहस व चर्चा का दायरा…
देखें, सदन के प्रमुख फैसले
₹5,315 करोड़ का अनुपूरक बजट पारित
पारित विधेयकों की सूची
उत्तराखंड विनियोग (Supplementary Appropriation) विधेयक, 2025
उत्तराखंड–उत्तर प्रदेश श्री बदरीनाथ तथा श्री केदारनाथ मंदिर अधिनियम, 1939 (संशोधन) विधेयक, 2025
उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता एवं विधि-विरुद्ध प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक, 2025 – जिसे आमतौर पर अंटी-रूपांतरण बिल (Anti-conversion Bill) कहा जा सकता है।
उत्तराखंड निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2025
उत्तराखंड साक्षी संरक्षण निरसन विधेयक, 2025
उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक, 2025 – Minority Educational Institutions Bill
समान नागरिक संहिता उत्तराखंड (संशोधन) विधेयक, 2025 – Uniform Civil Code (Amendment)
उत्तराखंड पंचायती राज (संशोधन) विधेयक, 2025
उत्तराखंड लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक, 2025
अनुपूरक बजट 2025-26 के मुख्य बिन्दु
अनुपूरक बजट 2025-26 का आकार लगभग 5315.39 करोड़ है जिसमें लगभग 2152.37 करोड़ राजस्व पक्ष में तथा लगभग 3163.02 करोड़ पूंजीगत पक्ष में है।
केन्द्र पोषित योजनाओं के अन्तर्गत 1689.13 करोड़ तथा बाह्य सहायतित योजनाओं के अन्तर्गत 215.00 करोड़ का प्रावधान इस अनुपूरक बजट के माध्यम से किया गया है।
महत्वपूर्ण प्रावधानः-
आपदा प्रबन्धन विभाग के अन्तर्गत जोशीमठ व अन्य स्थानों में भू-धसांव व अन्य के अन्तर्गत राहत कार्य हेतु 263.94 करोड़ तथा जिलाधिकारियों हेतु आपदा से क्षतिग्रस्त परिसम्मपत्तियों के पुननिर्माण हेतु 13 करोड़
आगामी कुम्भ मेला 2027 के दृष्टिगत वृहत् निर्माण कार्य हेतु 200 करोड़
पन्तनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु 188.55 करोड़
लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत चालू कार्य हेतु 90 करोड़
पेयजल विभाग के अन्तर्गत के०एफ०डब्लयू परियोजना हेतु 90 करोड़
अटल नवीनीकरण एवं शहरी परिवर्तन मिशन (90 के०पो०) हेतु 48 करोड़
ऋषिकेश को योग नगरी के रूप में विकसित करने हेतु 50 करोड़
हरिद्वार को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने हेतु 50 करोड़
पुलिस विभाग के आवासीय भवनों के निर्माण हेतु कुल 60 करोड
मानसखंड माला मिशन (अवस्थापना सुविधा) हेतु 15 करोड़
विभिन्न विभागों में अवस्थापना कार्य हेतु 200 करोड़
रिस्पना बिन्दाल की एलिवेटेड रोड़ हेतु भूमि क्रय एवं यूटिलिटी शिफ्टिंग हेतु 925 करोड़
नन्दा देवी राजजात यात्रा हेतु निर्माण कार्य हेतु 40 करोड़
पर्यटन स्थलों के आंतरिक मार्गों का सुदृढ़ीकरण हेतु 25 करोड़
राष्ट्रीय हिमनद झील विस्फोट बाढ़ (GLOF) एवं जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम (NLRMP) हेतु 23.66 करोड़
हिमालयी भूकंप जोखिम मूल्यांकन एवं न्यूनीकरण योजना हेतु 5 करोड़
अस्पताल के निकट तीमारदारों हेतु विश्राम गृहों के निर्माण हेतु 5 करोड़
विद्युत टैरिफ सब्सिडी हेतु 125 करोड़
प्रधानमंत्री आवास योजना 80% (के0पो०) हेतु लगभग 114.17 करोड़
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन (पी०एम०-अभीम) के अन्तर्गत 25.55 करोड़
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के फेज 1 एवं फेज 2 के लंबित कार्य हेतु 40 करोड़
मातृत्व लाभ योजना (प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना) मिशन शक्ति-सार्मथ्य के अन्तर्गत 15 करोड़
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) 90%(के0पो०) हेतु 95.25 करोड़
मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना हेतु 10 करोड़
मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना हेतु 10 करोड
मिलेट मिशन हेतु 8 करोड़
सूचना विभाग के अन्तर्गत विज्ञापन तथा अधिष्ठान हेतु 120 करोड़
NDRF के अंतर्गत अग्निशमन सेवाओं का विस्तार एवं आधुनिकीकरण हेतु 78.89 करोड़
प्रदेश के मार्गों / पुलियों का अनुरक्षण कार्य हेतु 75 करोड़
अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के अन्तर्गत 50 करोड़
शारदा रिवर फ्रंट योजना के क्रियान्वयन हेतु 50 करोड
महिला स्पोर्ट्स कॉलेज चंपावत का निर्माण हेतु 50 करोड़
पम्पिंग आधारित योजनाओं पर सोलर पैनल अधिष्ठापन हेतु 25 करोड़
आपदा न्यूनीकरण निधि हेतु 13 करोड़
दैवीय आपदाओं से प्रभावित परिवारों के पुर्नवास हेतु 5 करोड़
जल ग्रहण क्षेत्र शोधन योजना कैम्पा कैट प्लान हेतु 20 करोड़
विद्यार्थियों को शिक्षण सामग्री / निःशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण हेतु 20 करोड़
टाटा टेक्नोलॉजी माडल हेतु 20 करोड़
राष्ट्रीय प्रतियोगताओं के विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार हेतु 18 करोड़
प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन के अन्तर्गत हेतु 6 करोड़
प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को सहायता योजना हेतु 10 करोड
पर्वतीय मार्गों में परिवहन निगम द्वारा बस संचालन के फलस्वरूप होने वाली हानि की प्रतिपूर्ति हेतु 10 करोड
परिवहन निगमों की बसों में निर्धारित श्रेणियों के यात्रियों हेतु निशुल्क यात्रा सुविधा हेतु 3.1 करोड
राजस्व उप निरी०/राज०निरी० को शासकीय कार्य हेतु लैपटॉप / इंटरनैट उपलब्ध कराये जाने हेतु 5 करोड
दुधारू पशुओं को साईलेज उपलब्ध कराये जाने हेतु 10 करोड
गौ सदन का निमार्ण हेतु 5 करोड
परिवार पहचान पत्र उत्तराखण्ड हेतु 5करोड
संशोधित आईपीसी, सीआरपीसी एवं साक्ष्य अधिनियम हेतु प्रशिक्षण हेतु 3 करोड
शहरी विकास के अन्तर्गत ई०डब्ल्यू०एस० आवासों हेतु 2.86 करोड़
उत्तराखण्ड शहीद कोष हेतु 2.50 करोड़
