

पंद्रह दिनों में अपनी रिपोर्ट देंगे आयुक्त: सीएम धामी

सीबीसीआईडी करेगी एफआईआर की जांच, सीओ व थानेदार हटाए
नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव नतीजा आने के तत्काल बाद हुआ एक्शन
देहरादून। गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान जिला पंचायत नैनीताल व बेतालघाट गोलीकांड के प्रकरण पर विपक्ष के आक्रामक तेवरों को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आयुक्त कुमाऊं को मजिस्ट्रेटी जांच सौंप दी है। आयुक्त को पंद्रह दिनों की भीतर अपनी जांच रिपोर्ट देनी होगी। प्रकरण में आरोपी सीओ व थानेदार को हटाने के आदेश दिए गए हैं। सीएम ने कहा कि अब तक हुई एफआईआर की जांच सीबीसीआईडी करेगी। नैनीताल एवं बेतालघाट में हाल ही में हुए घटनाक्रमों को गंभीरता से लेते हुए निष्पक्ष और प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
घटनाओं के मद्देनज़र मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक स्तर पर त्वरित कार्यवाही करते हुए बेतालघाट में हुई फायरिंग सहित अन्य घटनाओं को देखते हुए पुलिस क्षेत्राधिकारी भवाली का स्थानांतरण जनपद से बाहर अन्यत्र करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, थानाध्यक्ष तल्लीताल को भी जनपद नैनीताल से बाहर स्थानांतरित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि नैनीताल एवं भवाली में हुई घटनाओं तथा इस दौरान दर्ज समस्त प्राथमिकी की विस्तृत जांच अब सीबीसीआईडी द्वारा की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसी भी स्थिति में कानून-व्यवस्था से समझौता नहीं करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
उधर, बेतालघाट व नैनीताल जिला पंचायत सदस्य अपहरण कांड के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में धरना दिया। कांग्रेस ने नियम 310 के तहत चर्चा नहीं कराए जाने पर आक्रोश जताया।
मुख्यमंत्री ने घटनाओं के मद्देनज़र प्रशासनिक स्तर पर त्वरित कार्रवाई करते हुए भवाली के पुलिस क्षेत्राधिकारी और तल्लीताल के थानाध्यक्ष का स्थानांतरण जनपद से बाहर करने के निर्देश दिए। साथ ही, नैनीताल व भवाली में हुई घटनाओं तथा दर्ज प्राथमिकी की जांच अब सीबीसीआईडी को सौंपी गई है।
मुख्यमंत्री धामी ने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य व वरिष्ठ विधायक प्रीतम सिंह से फोन पर वार्ता कर उनकी मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया और धरना समाप्त कर विधायक आवास लौटने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी जो भी मांगें हैं, उन पर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए जा चुके हैं। उन्होंने दोनों नेताओं से धरना समाप्त करने और विधायक आवास पर लौटने की अपील की।
यूकेडी ने राजधानी का मुद्दा उठाया
गैरसैंण में चल रहे विधानसभा के मानसून सत्र के पहले ही दिन सदन के भीतर विपक्ष ने पंचायत चुनावों में अनियमितताओं और कानून व्यवस्था को लेकर हंगामा किया। कांग्रेस विधायकों के शोर-शराबे के कारण कार्यवाही को कई बार स्थगित करना पड़ा। विपक्ष का कहना था कि हाल ही में हुए पंचायत चुनावों में गड़बडिय़ों ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर किया है।
वहीं विधानसभा भवन के बाहर दिवालीखाल में उत्तराखंड क्रांतिकारी दल (यूकेडी) ने जोरदार प्रदर्शन किया। यूकेडी नेताओं बृजमोहन सजवान और आशीष नेगी ने आरोप लगाया कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने के मुद्दे पर गंभीर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह उत्तराखंड आंदोलन की मूल मांग थी, लेकिन 25 साल बाद भी इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
यूकेडी कार्यकर्ताओं ने सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा। कार्यकर्ताओं ने विधानसभा कूच करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें दिवालीखाल बैरियर पर रोक दिया। इस दौरान नेताओं ने कहा कि पहाड़ों के मठ, मंदिर, जंगल और जमीन को बचाने के लिए यूकेडी हर संभव प्रयास करेगा।