
आपदा प्रभावित धराली व हर्षिल में फहराया गया तिरंगा

पहाड़ का सच थराली/हर्षिल। जिले की दो खुबसूरत जगहों पर आपदा के ज़ख्मों के पीड़ित लोगों ने आजादी के पर्व को हर्ष और उल्लास के साथ मनाया। आपदा प्रभावित धराली गांव में खीरगंगा के तट पर सुरक्षित बचे समेश्वर देवता मंदिर प्रांगण में आज स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने के साथ ही नव निर्माण का संकल्प व्यक्त किया गया।
धराली गांव में आई विकट आपदा ने देश के स्वाभाविक सीमा प्रहरी सीमांत क्षेत्र के निवासियों की देशभक्ति के जज्बे और विपरीत परिस्थितियों से जूझने के शक्ति को कमजोर नहीं कर सकी। स्वतंत्रता दिवस पर आपदा प्रभावित धराली गांव में राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे कर्मियों के साथ ग्रामीणों ने समेश्वर देवता मंदिर के प्रांगण में जुट कर ध्वजारोहण किया। धराली में एसडीआरएफ के आईजी अरुण मोहन जोशी ने ध्वजारोहण कर आपदा प्रभावितों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर आपदा में मृत लोगों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया तथा पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की गई।
ध्वजारोहण के अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित आपदा प्रभावितों ने देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण बनाये की प्रतिबद्धता दोहराई। इस मौके पर आपदा के असर से एकजुट होकर उबरने और अतिशीघ्र सामान्य स्थिति बहाल करने का संकल्प व्यक्त करते हुए राहत और बचाव में जुटे विभागों व विभिन्न एजेंसियों के साथ ही मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार के प्रयासों को सराहा गया।
प्राकृतिक आपदा के बावजूद धराली हर्षिल,मुखबा क्षेत्र के लोगों ने अदम्य साहस और देशभक्ति की भावना के साथ 79वां स्वतंत्रता दिवस पूर्ण उत्साह एवं गरिमा के साथ मनाया। आपदा की विभीषिका के बीच लोगों का राष्ट्रप्रेम व जज़्बा कम नहीं हुआ। धराली,हर्षिल,मुखबा में सुबह 9 बजे ध्वजारोहण कर राष्ट्रगान गाया गया। इस अवसर पर आपदा राहत कार्यों में लगे कर्मियों, पुलिस बल,आईटीबीपी,एसडीआरएफ,एनडीआरएफ ने भी ध्वजारोहण किया।आपदा प्रभावित क्षेत्र में स्थानीय नागरिकों, युवाओं और बुजुर्गों ने भी आजादी के इस पर्व में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि भले ही आपदा ने भौतिक क्षति पहुंचाई हो, लेकिन हमारी आत्मा और देशभक्ति की भावना अडिग है। यह स्वतंत्रता दिवस न केवल आज़ादी का प्रतीक है, बल्कि हमारी एकजुटता, साहस और संघर्ष की जीवंत मिसाल भी है। कार्यक्रम के समापन पर शांति और समृद्धि की कामना के साथ संकल्प लिया गया कि हम सभी मिलकर पुनर्निर्माण में अपना योगदान देंगे और इस आपदा से प्रभावित क्षेत्र को फिर से संवारेंगे।
इस अवसर पर गंगोत्री मंदिर समिति सचिव सुरेश सेमवाल,तहसील दार सुरेश सेमवाल सहित अन्य अधिकारी एव स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।